भोपाल : सोमवार, अक्टूबर 30, 2017
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिये सरकार कृत संकल्पित है। उनको न्याय दिलाना हमारा लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिये भावांतर भुगतान योजना शुरू की गई है। इसे हर हाल में सफल बनाने के लिये पूरी टीम जुट जाये। मुख्यमंत्री आज यहाँ वीडियो काँफ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर-कलेक्टर्स को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बैंकर्स भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्पष्ट कहा है कि किसानों का हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्हें उनकी उपज का बाजिव दाम दिलाने में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि मंडियों की कार्यप्रणाली पर सतत निगरानी रखी जाये। सुनिश्चित किया जाये कि किसानों के माल की ठीक से बोली लगे और उसे सही दाम मिले। साथ ही उन्हें पचास हजार रूपये तक का नगद भुगतान भी किया जाये। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि उत्पाद के एवज मे नगद भुगतान में कोई आयकर बाधा उत्पन्न नहीं होती है। इसलिये किसानों और व्यापारियों से संवाद कायम कर इस संबंध में भ्रांतियों को दूर किया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि नगदी की कोई कमी नही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंडियों में पर्याप्त कर्मचारियों की व्यवस्था की जाये। प्रतिदिन की कार्यवाही कम्प्यूटर में दर्ज की जाये। इसकी कलेक्टर नियमित समीक्षा करें। किसानों को भावांतर भुगतान योजना की जानकारी दी जाये। इसके लिये मंडी में बोर्ड प्रदर्शित किये जायें। साथ ही ग्राम स्तर तक के अधिकारियों को प्रशिक्षित करें। किसान के माल की ठीक से बोली नहीं लगने पर इसे स्थगित की जाये और पुन: बोली लगाने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने कहा कि अगर किसान अपना माल भंडार में रखना चाहता है तो इसकी व्यवस्था की जाये। इसके लिये सात रूपये प्रति क्विंटल प्रति माह दिये जाते हैं। कलेक्टर प्रत्येक मंडी में अपना प्रतिनिधि नियुक्त करें जो कि सतत निगरानी रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना की खरीदी का मैदानी स्तर पर जायजा लेने के लिये प्रदेश स्तर से अधिकारी जायेंगे। इस दौरान वे किसानों और व्यापारियों से संवाद करेंगे। उन्होंने जोर देते हुये कहा कि देश की यह अनूठी योजना किसानों के हित के लिये शुरू की गई है। छोटे किसानों का माल मंडी तक पहुँचाने और बिक्री की व्यवस्था की जाये। बिचौलिये अगर इसका लाभ उठाने की कोशिश करते हैं तो उन पर सख्त कार्यवाही की जाये। साथ ही जानबूझकर माहौल बिगाड़ने वाले अराजक तत्वों से सख्ती से निपटा जाये। गैर पंजीकृत किसानों का रिकॉर्ड रखा जाये। उन्होंने कहा कि वे स्वयं सुबह-शाम खरीदी की स्थिति की जानकारी लेंगे।