11/09/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विजेश लुणावत ने कहा कि ऐसे समय जब पाक प्रायोजित आतंकवाद का दौर जारी है। विदेश के पैसे पाकर जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान की पेरोकारी करने वाले अलगाववादी एनफोर्समेंट अर्थार्टीज की सूक्ष्म निगरानी में है और शेख अब्दुल्ला के उत्तराधिकारी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे है। केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह के दौरे को लेकर ही जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कांफ्रेस के नेता डाॅ. फारूख अब्दुल्ला ने इस दौरे को ही निरूपयोगी ठहरा दिया है, लेकिन श्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर की जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है और कहा है कि हर आम और खास व्यक्ति के लिए भेंट आमंत्रित है जिनका भारतीय संविधान में भरोसा है।
उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ‘‘सबका साथ सबका विकास’’ मूलमंत्र लेकर चल रही है। प्रधानमंत्री ने 80 हजार करोड़ रूपए का पैकेज पहले ही स्वीकृत कर दिया है। पत्थरबाजी पर लगाम लगी है। तथापि पाकिस्तान के इशारे पर घुसपैठ, सीमा पर गोली बारी और युद्ध विराम उल्लंघन की घटनाओं पर विराम नहीं लगा है। पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष जनरल बाजवा ने कहा है कि कश्मीर के मुद्दे का हल बातचीत से निकाला जा सकता है। भारत के सामने समस्या है कि पाकिस्तान में पाकिस्तानी हुकूमत के तीन केन्द्र है सरकार, फौज और आईएसआई। पहले ये किसी एक मुद्दे को लेकर सहमत हो और बातचीत के लिए सेना पर पूरी शांति की गारंटी दें। फिर जम्मू कश्मीर के अवाम के दिमाग में कोई संदेह है तो उसके साथ केन्द्र सरकार को संवाद में कतई परेशानी नहीं है, लेकिन वार्ता में अलगाववादी पक्ष नहीं बन सकते। यही बात पाकिस्तान और भारत के बीच संवाद होने में अलगाववादियो की कहीं किसी पक्ष के रूप में भूमिका नहीं है, क्योंकि ये जम्मू कश्मीर के अवाम नहीं किसी विदेशी ताकत के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह का यह कथन मौजू है कि उनके द्वार हर कश्मीरी के लिए खुले है जो संविधान को लेकर प्रतिबद्ध है।
श्री लुणावत ने कहा कि श्री राजनाथ सिंह, श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का सबसे उदारवादी चेहरा है और उनकी सकारात्मक पहल ही उनकी पहचान है जिसके विरोधी भी कायल है। ऐसे में कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल जो जम्मू कश्मीर के दौरे पर है वह भी उसे मिलने वाले सुझाव श्री राजनाथ सिंह को अपनी अनुशंसाओं के साथ दे सकता है। आखिर यह राष्ट्र की एकता और सुरक्षा का मामला है। देश से बढ़कर न दल है और न सियासत। अटलजी ने कहा था कि प्रश्न जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत का है। जम्मू कश्मीर 1947 में ही भारत में विलीन हो चुका है। पाक अधिकृत कश्मीर भारत का ही अंग है। पाकिस्तान को बेदखल कर भारत को पाक अधिकृत कश्मीर का भूभाग वापस लेना है। हर समस्या का समाधान बातचीत से ही निकल सकता है। श्री राजनाथ सिंह का यह दूसरा प्रयास है जिसे लेकर सभी को सकारात्मक पक्ष रखने का स्वर्णिम अवसर मोदी सरकार ने दिया है, जिसका लाभ उठाया जाना चाहिए।