06/09/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि चीन के शहर शियामेन में संपन्न ब्रिक्स सम्मेलन में श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित मुद्दे पर जहा पाकिस्तान की धरती पर फलफूल रहे आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध और उनके खिलाफ ब्रिक्स देशों की सामूहिक कार्यवाही का निर्णय लेना पड़ा वहीं अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के आतंकवाद पालक रूप में विश्व में अवधारणा पर मोहर लग गई। श्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक कुशलता ने आतंकवाद पर दोहरे मापदंड बेनकाब कर दिया।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में लाये गये जैशे मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अहमद को प्रतिबंधित करने के प्रस्ताव को पारित नहीं होने दिया। बार-बार चीन ने पाकिस्तान परस्ती कर आतंकवाद को परोक्ष में प्रोत्साहन दिया, लेकिन ब्रिक्स में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में पाकिस्तान स्थित चार आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय के बाद यदि संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन विरोध करता है तो चीन के राष्ट्रपति के दोगलेपन की पोल खुल जायेगी। चीन की विश्वसनीयता विश्व बिरादरी में समाप्त हो जायेगी।
श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी ने चीन को पहली मात तो डोकलाम में अप्रत्याशित दृढ़ता बताकर दी जिसकी आजादी के बाद कभी चीन ने कल्पना नहीं की थी। चीन को डोकलाम से अपनी सेना को हटाना पड़ा। श्री मोदी ने संयम के साथ चीन के बड़बोले की डोकलाम में पहली मात थी। अब जब गोवा सम्मेलन के अधूरे एजेंडा पर भारत ने चीन पर दबाव डाला और सदस्य देश रूस, ब्राजिल, द. आफ्रिका ने भारत का समर्थन किया। अध्यक्षता कर रहे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को प्रस्ताव पारित करना पड़ा। शियामेन घोषणा भारत की जीत की ऐसी मिसाल बनी है जिसने संयुक्त राष्ट्र, जी-20 जैसे विश्व संगठनों की पोल खोल दी है। इस विजय ने भारत को वैश्विक पटल पर एक महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया है। विश्व श्री मोदी के राजनयिक चातुर्य की मुरीद बन गया है।