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प्रदेश भर के पर्यावरणविदों ने किया गहन विचार-विमर्श समस्या विकट है, समाधान भी बड़े स्तर पर करने होंगे : पद्मश्री महेश शर्मा
विद्वानों ने जल संरक्षण पर दिया पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन
जबलपुर। जबलपुर में आज एक महत्वपूर्ण दिन था, जब यहां के सांसद और भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के अध्यक्ष श्री राकेश सिंह ने अपनी तमाम राजनीतिक व्यस्तताओं के बावजूद प्रदेश भर के जल संरक्षकों और
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पर्यावरणविदों को आमंत्रित कर पानी बचाने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने का निवेदन किया। उन्होंने यह निवेदन यहां आयोजित एक कार्यशाला के दौरान किया। इस अवसर पर पदमश्री महेश शर्मा, श्री मोहन नागर सहित प्रदेश भर से आए विद्वानों ने पानी के संरक्षण के परंपरागत और आधुनिक उपायों पर विस्तार से चर्चा की।

राकेश सिंह ने कहा कि वे इस कार्यशाला से निकले निचोड़ के आधार पर एक पूर्ण कार्ययोजना बनाकर समाज के बीच जाएंगे, क्योंकि जन जागरण ही जल संवर्धन का बेहतरीन तरीका है। केवल सरकारी प्रयासों से जल संरक्षण नहीं किया जा सकता। जब समाज इसे अपनी जिम्मेदारी मान लेगा तो आने वाली पीढ़ियों पर मंडराने वाला खतरा निश्चित तौर पर टल जाएगा। उन्होंने श्री महेश शर्मा और श्री मोहन नागर सहित सभी विद्वानों के प्रयासों को विस्तार से समझा और उनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यशाला के दौरान अनेक विद्वानों ने अपने शोध कार्यों को विस्तार से सामने रखा और उनके द्वारा जल संरक्षण की दिशा में किए गए अभिनव प्रयास को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया।(todayindia)(latest news)(breaking news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)

बैठक में श्री महेश शर्मा तथा पर्यावरण रक्षक श्री मोहन नागर के अलावा धार, मंडला, अमरकंटक, सिवनी, छिंदवाड़ा, गुना, जबलपुर इंदौर, रीवा, झाबुआ, बैतूल, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, नरसिंहगढ़, तथा उड़ीसा से आए पर्यावरणविद शामिल हुए। उन्होंने अपने द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों को साझा करने के साथ जल संरक्षण हेतु महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

राकेश सिंह ने कहा कि सामान्यतः अपने जीवन की दिनचर्या को पूरा करते हुये हमारी ऐसी आदतें बन जाती हैं कि जिनके कारण हम आने वाली चुनौतियों और खतरों पर ध्यान नही दे पाते। कम होता जल स्तर आज एक बड़ी चुनौती बन रहा है। श्री सिंह ने कहा कि लगातार बढ़ रहे जलसंकट की तमाम परिस्थितियां हमारे सामने हैं और कठिनाईयों और अलग-अलग चुनौतियों के बावजूद भी यहां उपस्थित सभी अपने-अपने क्षेत्र में जल संरक्षण एवं पर्यावरण को बचाये रखने की दिशा में भागीरथी प्रयास कर रहें हैं। मेरा मानना है कि जन जागरण करते हुये जल संरक्षण के इस प्रयास को हम आगे बढ़ा सकते हैं।(todayindia)(latest news)(breaking news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)

श्री सिंह ने कहा कि मैंने जबलपुर में अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान यहां जल के गिरते स्तर एवं जल संरक्षण की महती आवश्यकता को लेकर पूर्व में 18 दिनों तक जल रक्षा यात्रा की थी। साथ ही तालाबो को संरक्षित स्वच्छ एवं सुंदर बनाने भी प्रयास किये। इन प्रयासों के पीछे उद्देश्य था कि लोगों मे जल के संरक्षण के प्रति जनजागृति आये और समाज के लोग आगे आकर इस दिशा में प्रयास करे। दिन प्रतिदिन हमारी निर्भरता भूमिगत जल पर हो रही है और जिसका परिणाम है कि भूमिगत जल जो पहले 5 से 10 फीट में मिल जाता था वो अब 1000 फिट में भी नही मिलता है। इन सबका कारण बारिश के गिरने वाले जल को रोक कर जमीन के अंदर न पहुंचाना है।

श्री सिंह ने कहा कि मेरे मन में आज की यह बैठक करने का विचार आया और सोचा कि प्रदेश के उन सारे मनीषियों को एक जगह एकत्र किया जाए और उनके द्वारा किये गए कार्यों का अनुभव लेने के साथ महत्वपूर्ण सुझावों को भी लेकर जल संरक्षण की दिशा में आगे कार्य करते हुए सभी के सहयोग से जनजागरण किया जा सके। आप सभी ने लगातार प्रयास किये हैं किन्तु आपेक्षित सोच जो समाज में बनना चाहिये वह जल को लेकर नहीं बन सकी है इसलिए हमारा यह प्रयास जन जागरण की ओर अधिक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास एक गिलहरी का प्रयास है, और आप सभी के सुझावों तथा जनजागृति के बाद ही हमारी यह बैठक और इसमें निकलकर आये निष्कर्षों का परिणाम आने वाले दिनों में सकारात्मक होगा ऐसा मेरा मानना है।

इस अवसर पर श्री महेश शर्मा जो झाबुआ में शिवगंगा अभियान के अंतर्गत जल सरंक्षण का कार्य कर रहे है, उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि एक राजनैतिक दायित्व के बाद भी सांसद श्री सिंह ने इस महत्वपूर्ण विषय पर आप सबको एकत्रित किया है यह सराहनीय प्रयास है। जल स्तर को बचाने के लिये लोगों के अन्दर जो उपेक्षा का वातावरण बना है उसे हमें दूर करना होगा। श्री शर्मा ने कहा कि समस्या जितनी बड़ी है उसका समाधान भी बड़े रूप में प्रारम्भ करना होगा और सांसद श्री सिंह का यह प्रयास निश्चित रूप से सफल तभी होगा जब हम सब अपने अपने क्षेत्रों में इसकी पहल करेंगे।

श्री शर्मा ने बताया कि झाबूआ में जो कि वनवासी क्षेत्र है, वहां 11 वर्ष पूर्व हमने शिव गंगा अभियान की शुरुआत थी और हलमा जो कि जनजाति समुदाय की परम्परा है उसे साथ लेकर 4 वर्ग किलोमीटर की पहाड़ी पर कार्य प्रारम्भ किया। इसके सकारात्मक परिणाम अब देखने को मिल रहे हैं और इसमें सर्वाधिक सहयोग वहां के मूल निवासियों का हमें मिला है। श्री शर्मा ने कहा कि सही एप्रोच से किये कार्य सफल होते हैं इसलिए किसी भी कार्य को स्वार्थ के लिये न करते हुये धर्म के रूप में अपनाकर करना चाहिए।

बैठक में बैतूल के श्री मोहन नागर जो गंगा अवतरण अभियान से पहाड़ी क्षेत्र में जल एवं पर्यावरण संरक्षण का कार्य कर रहे है ने बैतूल क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को बताया। जिसमें बोरिबंधान करते हुये पहाड़ी पर पानी का ठहराव तथा पौधारोपण करना प्रमुख है।

होशंगाबाद निवासी पर्यावरणविद् श्री कौशलेष प्रताप ने नर्मदा नदी की 41 सहायक नदियों तथा 101 उपनदियों की धारा टूटने पर चिंता जाहिर करते हुये इस दिशा में उनके द्वारा कार्य करने तथा नर्मदा को बचाने के लिये बीज वितरण जैसे कार्यक्रम चलाने का जिक्र किया, जिससे इस क्षेत्र में 439 प्रकार की वनस्पति रोपित हुंई एवं 139 जीव जन्तुओ का निवास हुआ है।(todayindia)(latest news)(breaking news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)

धार निवासी श्री सचिन दवे ने बताया कि शोध विद्यार्थियों की टीम के साथ उन्होंने नर्मदा के उद्गम अमरकंटक से संगम भड़ूच तक 1 माह 13 दिन की यात्रा कर जल स्तर एवं मिट्टी पर शोध किया है।

पन्ना निवासी श्री निकास श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने 100 दिनों तक लगातार जल संरक्षण के लिये जन जागरण अभियान चलाया तथा जल कुंभी के साथ गांव-गांव जाकर श्रमदान हेतु निवेदन किया और साथ अविरल बिछिया-निर्मल बिछिया अभियान भी चलाया।

जबलपुर निवासी श्री विनोद शर्मा ने बताया कि नर्मदा समग्र के माध्यम से हमने कार्य प्रारम्भ किया है। उन्होंने कहा कि अन्डर ग्राउण्ड वॉटर का जल स्तर बढ़ाने के लिये वॉटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य रूप से लागू किया जाना आवश्यक है साथ ही नदी संरक्षण के लिये दण्डात्मक प्रावधान भी बनाने होंगें।

रीवा निवासी श्री मुकेश यंगल ने तालाबों के संरक्षण एवं सौन्दर्यीकरण की दिशा में प्रयास करने के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर पर नीति बनाने का सुझाव दिया।

इस अवसर पर ओंकारनाथ शर्मा, अशोक विश्वाल उड़ीसा, मनोज शर्मा, राघवेन्द्र वशिष्ठ, आर एन द्विवेदी अमरकंटक, श्याम श्रीवास मण्डला, सत्यपाल बघेल सिवनी, अनिल अग्रवाल होशंगाबाद, सुनील आचार्य, यश कटारे, युगल पटैल, सुधीर पुरोधिया ने भी अपने सुझाव दिए और किये जा रहे कार्यों को बताया।(todayindia)(latest news)(breaking news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)



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