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दुग्ध प्रसंस्करण और बुनियादी विकास निधि योजना से श्वेत क्रांति को बढ़ावा मिलेगा: रावत

14/09/2017
· देश के 5 हजार गांवों के 95 लाख किसान लाभान्वित होंगे
· मोदी सरकार की 10 हजार 881 करोड़ रू. लागत की योजना को मंजूरी
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री रणवीर सिंह रावत ने कहा कि मोदी सरकार ने श्वेत क्रांति के लिए 10 हजार 881 करोड़ की लागत से दुग्ध प्रसंस्करण और बुनियादी विकास निधि योजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है, इससे देश के 5 हजार गावों में दूध की श्वेत क्रांति होगी और 95 लाख किसान लाभान्वित होंगे और प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष तौर पर ढाई लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में आर्थिक मामले की मंत्रीमंडल समिति ने वर्ष 2017-18 से 2028-29 की अवधि के दौरान 10 हजार, 881 करोड़ की लागत से दुग्ध प्रसंस्करण और बुनियादी विकास निधि (डीआईडीएफ) योजना को मंजूरी दी है, जिसकी शुरूआत देश के 12 राज्यों के मुनाफा कमाने वाले 39 दुग्ध संघों से होगी। अन्य दुग्ध सहकारी संस्थाएं कुल संसाधन और मुनाफा स्तर के आधार पर आने वाले वाले वर्षों में पात्र बन जायेगी। श्री रावत ने बताया कि दुग्ध प्रसंस्करण और बुनियादी विकास निधि (डीआईडीएफ) इस परियोजना के तहत दूध को ठंडा रखने के लिए बुनियादी संरचना स्थापित करके दूध में मिलावट की जांच के लिए इलेक्ट्राॅनिक उपकरण स्थापित करेगी। साथ ही प्रसंस्करण सुविधाओं के निर्माण पर जोर देगी। आधुनिकीकरण की सुविधाओं का विस्तार करके दूध की खरीदी के लिए एक कारगर प्रणाली विकसित करना डीआईडीएफ का उद्देश्य है, ताकि गौपालक दूध का उत्पादन बढ़ा सकें।
उन्होंने बताया कि दुग्ध प्रसंस्करण और बुनियादी विकास निधि (डीआईडीएफ) की शुरूआत से देश के 5 हजार गांव के 95 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा। योजना के संचालन में कुशल, अर्धकुशल और अकुशल लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। दूध के उत्पाद, विपणन और संचालन के विस्तार के कारण लगभग 2 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा इससे दुग्ध सहकारी संघों द्वारा विपणन कर्मचारी और वितरक नियुक्त होंगे और शहरी-ग्रामीण जगहों पर अतिरिक्त दूध की खुदरा दुकाने खुलेंगी। वहीं दुग्ध प्रसंस्करण सुविधाओं के विस्तार, आधुनिकीकरण, नए प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना और गांव विस्तार पर व्यापक तौर पर दूध को ठंडा रखने के लिए कूलर स्थापित करने की गतिविधि संचालन में लगभग 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर सुलभ होंगे।

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