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गरीबी, जातिवाद, भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए अगस्त क्रांति की भावना से जुटने का नरेन्द्र मोदी की सार्थक पहल- विजेश लुणावत

31/07/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विजेश लुणावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात की चैतीसवीं कड़ी में देशवासियों का आव्हान किया है कि अगस्त क्रांति 1942 की भारत छोड़ों आंदोलन की भावना से जुट जायें। देश से भ्रष्टाचार, जातिवाद, गरीबी को देश निकाला दे दे। इसे सार्थक बनाने के लिये जन-जन को पूर्ण मनोयोग से जुटना होगा।
उन्होंने कहा कि देश आजादी के बाद से ही सियासी खुदगर्जी के वशीभूत पूर्ववर्ती सरकारों ने फिरका परस्ती, जातिवाद, अलगाववाद, उग्रवाद के प्रति सहज भाव से सहन किया कि समाज विषमता की खाई में डूब गया और गरीब-गरीब होता गया। किसान कर्ज भार से दब गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जन-जन से अपील की है कि वे 2017 को संकल्प वर्ष के रूप में आत्मसात करे और पूरे जज्बा तथा जुनून के साथ इन विकृतियों का मूलोच्छेदन करने के लिए जुट जायें। 70 साल में पसरी समस्याओं का समाधान कर डालें। भारत छोड़ों आंदोलन ने 1942 में जोर पकड़ा था और 5 वर्षों में 1947 में आजादी हासिल हो गई थी हमें भी 2022 तक इन समस्याओं का समाधान करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों ने जिस उद्देश्य से कुर्बानी दी वह लक्ष्य अधूरा है। स्वतंत्र आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए सबका साथ-सबका विकास और स्वच्छ प्रशासन हमारी प्रतिबद्धता बनना जरूरी है। यह तभी संभव है जब एक जुट होकर भ्रष्टाचार उन्मूलन के अनुरूप वातावरण, जनमानस तैयार करें।
श्री लुणावत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो संकल्प अपने मन की बात में गिनाये हैं विगत में डाॅ. अंबेडकर ने भी उनकी आवश्यकता निरूपित की थी। मिलजुल कर भारत में सामाजिक लोकतंत्र, आर्थिक लोकतंत्र और सही अर्थों में राजनैतिक लोकतंत्र की स्थापना को अपनी प्रतिबद्धता साबित करें। श्री नरेंद्र मोदी की यह अपेक्षा भी प्रेरणादायी है कि 2022 में जब भारत आजादी के 75 वर्ष मनायेगा हम एक सशक्त भारत के स्वावलंबी, स्वाभिमानी नागरिक की तरह गर्व कर सकेंगे। भारत विश्व की आर्थिक शक्ति के रूप में उभर चुकेगा।

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