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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शासकीय प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए उठाये महत्वपूर्ण कदम
shivrajsinghchouhan,mpcm,madhyapradesh chiefminister,chiefminister of madhyapradesh,mpnews,madhyapradesh news,MPVaccinationMahaAbhiyan,todayindia,today indiaनिवेश और उद्योग स्थापना को सुगम बनाने के लिये अपनाई बेस्ट प्रेक्टिसेस
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में निवेश और उद्योग को सुलभ और सुगम बनाने के लिए बेस्ट प्रैक्टिसेस अपनाई गई है। साथ ही लैंड यूज (भूमि उपयोग) के नियमों में भी परिवर्तन किया गया है। इस प्रक्रिया को आमजन के लिये सहज बनाते हुए उन्हें दफतरों के चक्कर न लगाने पड़े यह भी सुनिश्चित किया गया है। निवेशकों की सुविधा के लिये ऑनलाइन भूमि आवंटन प्रणाली को भी सरल बनाया गया है। इसके अतिरिक्त कार्यों और सेवाओं के लिए ठेकेदारों के पंजीयन की प्रक्रिया भी सरल की गई है।

भूमि उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया प्रणाली में संशोधन

पहले जनता को भूमि उपयोग में परिवर्तन करने के लिए ढेरों समस्याओं का सामना करना पड़ता था और इसमें एक लम्बा समय भी लग जाता था। पहले की प्रक्रिया के लिए विभिन्न विभागों में बार-बार जाना और बड़ी संख्या में दस्तावेजों को भौतिक रूप से जमा करना, भुगतान और अनुमति की हार्ड कॉपी भौतिक रूप से प्राप्त करना जैसी सरकारी औपचारिकताएँ थीं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए अब कृषि को गैर कृषि भूमि में बदलने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इस सम्बन्ध में 2018 में भू-राजस्व संहिता 1959 में संशोधन किया गया। अब मास्टर प्लान में दर्शाई गई भूमि को ऑनलाइन आवेदन कर परिवर्तित किया जा सकता है।

स प्रक्रिया को सरकार द्वारा अब ऑनलाइन और सरल भी कर दिया गया है। https://mpbhulekh.gov.in/ पर ऑनलाइन सूचना और आवश्यक शुल्क के भुगतान से भूमि उपयोग में परिवर्तन की प्रक्रिया आसानी से की जा सकेगी। इस संशोधन के बाद अब अधिकारियों से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। डायवर्जन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब रिकॉर्ड, नक्शा और खसरा को तदनुसार ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा। प्रदेश में 23 अक्टूबर 2020 तक इस सरल ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से 65 हजार 373 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

कार्यों और सेवाओं के लिए ठेकेदारों का पंजीकरण

कार्यों और सेवाओं के लिए ठेकेदारों के लिए इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार ने मध्यप्रदेश में कार्यों एवं सेवाओं के लिए ठेकेदारों का पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये इस प्रक्रिया को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया है। साथ ही पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्रदान करने की समय-सीमा भी अब 15 दिन कर दी गयी है। इससे ठेकेदारों को पंजीकरण के लिए मैन्युअल रूप से आवेदन करने और फिर आवेदन की स्थिति को ट्रेक करने, सुरक्षा के तौर पर एफडीआर जमा करने, फीस देने के लिए कार्यालय या बैंक जाने और उसके बाद अंतिम पंजीकरण प्रमाण-पत्र लेने के लिए भी कार्यालय जाने से मुक्ति मिल गई है।

नए ई-पंजीकरण में लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदारों के लिए केंद्रीकृत एकल पंजीकरण प्रणाली के अंतर्गत ए, बी और सी श्रेणियों में पहले से पंजीकृत सभी ठेकेदारों को केंद्रीकृत एकल पंजीकरण प्रणाली में डिफ़ॉल्ट रूप से पंजीकृत किया जायेगा। साथ ही सभी पंजीकृत ठेकेदारों को 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद अपने पंजीकरण का नवीनीकरण करना अनिवार्य होगा। नवीनीकरण प्रक्रिया के लिए पंजीकृत ठेकेदारों को रु. 25000 पंजीकरण शुल्क के रूप में जमा करना होगा जो अगले 10 वर्षों के लिए वैध होगा, जो ठेकेदार ‘मुख्यमंत्री युवा ठेकेदार योजना’ में अपना पंजीकरण कराने जा रहे हैं, उन्हें ऑनलाइन http://mppwd.gov.in/en-us/Contractors/Procedure-For-E-registration के माध्यम से 2000 रुपये जमा करने होंगे।

इस प्रणाली के लागू हो जाने से ठेकेदारों को सीधा लाभ मिल रहा है। जैसे अब आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल पर देख सकते हैं और शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन कर सकते हैं। साथ ही ठेकेदार अपने दस्तावेज ऑनलाइन जमा कर फिर उसकी स्थिति को ट्रेक कर सकते हैं। यहाँ तक कि आवेदक ठेकेदार अंतिम प्रमाण-पत्र भी ऑनलाइन पोर्टल से सरलता से डाउनलोड कर सकते हैं।

ऑनलाइन भूमि आवंटन प्रणाली में संशोधन

उद्योगों के लिए भूमि आवंटन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से आनलाइन भूमि आवंटन प्रणाली लागू की गई है। निवेशकों को और सुविधा के लिए, मध्य प्रदेश ने अपनी भूमि आवंटन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए प्रणाली में संशोधन भी किये हैं। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) ने सिंगल विंडो पोर्टल https://invest.mp.gov.in/ को विकसित और कार्यान्वित किया है। पोर्टल 43 सेवाएं प्रदान करता है जो संबंधित विभागों के साथ समेकित रूप से एकीकृत हैं।

यदि कोई निवेश 10 करोड़ रूपये से अधिक है, तो अब भुगतान की पुष्टि पर निवेशक को तुरंत आशय पत्र (एलओआई) जारी किया जायेगा। रूपये 10 करोड़ से कम के निवेश के मामले में, 7 दिनों के भीतर एलओआई जारी किया जायेगा। यदि 7 दिनों के भीतर एलओआई प्रदान नहीं किया जाता है तो इसे स्वीकृत मान लिया जायेगा।

मध्य प्रदेश में ऑनलाइन भूमि आवंटन प्रणाली की शुरुआत के बाद अब निवेशक उद्योग भूमि की उपलब्धता की खोज सरलता से कर सकते हैं और उसके लिए आवेदन की फाइल को ट्रैक सकते हैं। साथ ही आवश्यक अनुमोदन भी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा आवेदक शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन कर सकता है। इस प्रणाली की विस्तृत जानकारी के लिए https://invest.mp.gov.in पोर्टल को देखा जा सकता है।
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