रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज टोक्यो में जापान के रक्षा मंत्री श्री ताकेशी इवाया के साथ जापान-भारत रक्षा मंत्रालयी बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान परस्पर सरोकार के अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की व्यवस्थाओं को सशक्त करना तथा क्षेत्र में शान्ति एवं सुरक्षा कायम करने की दिशा में नई पहलें शामिल हैं।
इस बैठक में भारत-प्रशांत दृष्टिकोण के बारे में विस्तार की चर्चा की गई। भारत की ओर से आसियान देशों को केन्द्र में रखते हुए एक नियम आधारित व्यवस्था तथा समावेशी और सबके लिए सुरक्षा पर जोर दिया गया। क्षेत्रीय शान्ति, सुरक्षा और स्थायित्व के संदर्भ में भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी के महत्व के बारे में भी चर्चा की गई। इसके अलावा, दोनों मंत्रियों ने उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के बारे में भी मुक्त और बेबाक चर्चा की।
श्री राजनाथ सिंह ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत और सीमापार आतंकवाद दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते। उन्होंने जापानी कंपनियों और अन्य हितधारकों को लखनऊ में आयोजित होने वाले द्विवार्षिक डेफएक्सपो 2020 में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
श्री राजनाथ सिंह ने जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री ने श्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के बीच बेजोड़ संबंध की सराहना की। रक्षा मंत्री ने रक्षा मंत्रालयी वार्ता में विमर्श की विषय-सामग्रियों के बारे में जापान के प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
श्री राजनाथ सिंह ने जापान के प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और अनुच्छेद 370 को निरस्त करना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए लाभदायक है। उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।
बैठक में एक सामान्य समझदारी कायम हुई कि रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और भी अधिक सहयोग कायम होना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री आबे ने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि वे उनके अभिवादन से श्री मोदी को अवगत कराएं। श्री आबे इस महीने बाद में न्यूयॉर्क में यूएनजीए के साथ-साथ आयोजित बैठक के दौरान श्री मोदी से मिलने के प्रति आशान्वित हैं।
श्री राजनाथ सिंह ने टोक्यो के इचीगाया में जापानी सेल्फ-डिफेंस बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने जापान के रक्षा मंत्रालय मुख्यालय में सलामी गारद का निरीक्षण भी किया।
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