11 AUG 2019
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(amit shah) ने आज यहाँ चेन्नई में उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडु द्वारा उपराष्ट्रपति के रूप में दो साल के कार्यकाल पर लिखी पुस्तक ‘लिस्टिंग, लर्निंग एंड लीडिंग’ का विमोचन करते हुए कहा कि इस पुस्तक का शीर्षक उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया जी के जीवन की व्याख्या करता हुआ शीर्षक है। उनका कहना था कि श्री नायडु का जीवन युवाओं के लिये अनुकरणीय है और यह पुस्तक सभी के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगी।(amit shah)(todayindia)(latest news)(breaking news)(national news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)(political news)
श्री अमित शाह ने कहा कि आंध्र प्रदेश के एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेकर श्री नायडु बहुत कम उम्र में ही आरएसएस एवं विद्यार्थी परिषद् की विचारधारा से जुड़ गए और उसके आधार पर उन्होंने जिस तरह से राज्य और देश के विकास में अपना योगदान दिया, यह हम सबने देखा है। उन्होँने बताया कि श्री वेंकैया जी विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता थे और जब विद्यार्थी परिषद् का धारा 370 के खिलाफ आंदोलन चल रहा था तो श्री वेंकैया जी भी उस आंदोलन का हिस्सा थे। इस दौरान एक कम्युनिस्ट प्रोफ़ेसर ने श्री वेंकैया जी से पूछा कि आपने कश्मीर देखा है क्या? यदि आपने कश्मीर देखा ही नहीं है तो आप आंदोलन क्यों कर रहे हैं? तो छूटते ही वेंकैया जी का जवाब था कि हालांकि एक आँख को दूसरी आँख दिखाई नहीं देती लेकिन यदि एक को दर्द होता है तो दूसरी आँख को अपने आप महसूस हो जाता है। श्री शाह ने कहा कि यह विधि का ही विधान है कि जो बाल वेंकैया नायडु ने 370 के खिलाफ आंदोलन किया था वही श्री नायडु धारा 370 हटाने के समय राज्यसभा में अध्यक्षता कर रहे थे।
श्री शाह ने कहा कि मेरे मन में कभी कोई दुविधा नहीं थी कि धारा 370 हटनी चाहिये कि नहीं और उसके हटने के बाद क्या होगा क्योंकि मै मानता हूँ कि 370 हटने के बाद कश्मीर से आतंकवाद खत्म होगा और राज्य विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ेगा। उनका कह्ना था कि श्री नायडु के सदन संचालन की कुशलता का ही परिणाम है कि धारा 370 हटाने बिल आसानी से पारित हुआ।
श्री शाह का कह्ना था कि राज्यसभा में ट्रेजरी बेंच के लोगों को उनसे हमेशा भय रहता है कि कहीं किसी नियम का तनिक भी उल्लंघन तो नहीं हुआ क्योंकि श्री वेंकैया नायडु चाहे विपक्ष हो या ट्रेजरी, राज्यसभा के अध्यक्ष के रूप में दोनों के लिए समान व्यवहार करते हुए टिप्पणी करते हैं इसलिये प्रत्येक सदस्य उनसे डरता है।
श्री अमित शाह ने यह भी कहा कि वेंकैया जी के जीवन में कई सारे पड़ाव आये, उनका जीवन संघर्ष से भरा है और छात्र नेता, लोकप्रिय विधायक, भाजपा के जिला अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित सभी पदों पर उन्होँने पूरी तन्मयता से काम किया। श्री शाह ने बताया कि आपातकाल के खिलाफ लोकतंत्र की रक्षा करते हुए उन्हे सत्रह महीने की जेल भी हुई।
श्री अमित शाह ने कहा उनके ही समय में भारत के शहरों का दृश्य बदलने वाली दो योजनाऐं, पीएम आवास योजना अर्बन और स्मार्ट सिटी लांच हुईं। उन्होंने सफलता पूर्वक इस मंत्रालय का नेतृत्व किया और मोदी जी की अर्बन डेवलपमेंट की परिकल्पना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कठोर परिश्रम किया।
श्री शाह ने कहा कि श्री वेंकैया जी ने उपराष्ट्रपति के पद को और गरिमामय बढ़ाते हुए, अधिक गतिशीलता लाते हुए देश के कोने-कोने में जाने का प्रयास किया। अपनी यात्रा के दौरान उन्होँने विभिन्न प्रकार के सामाजिक जीवन के कार्य किए और चेतना लाने का विशेष कार्य किया है। उन्होँने यह भी कहा कि श्री नायडु मूलतः किसान परिवार से हैं, इसलिए किसानों के साथ भी कई बार अनौपचारिक संवाद कर देश की सरकार को कृषि नीति के बारे में समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहे हैं।(amit shah)(todayindia)(latest news)(breaking news)(national news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)(political news)
कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडु का कहना था कि इस पुस्तक के द्वारा उन्होँने अपने अनुभव साझा किये हैं ताकि लोग इससे लाभान्वित हो सकें। उनका कह्ना था कि मेरा इरादा नानाजी देशमुख की तरह रचनात्मक कार्यक्रम करने का था क्योंकि मुझे जगह-जगह घूमकर कार्यकर्ताओ के साथ काम करने में आनंद आता था। श्री नायडु ने यह भी कहा कि मैंने कभी उपराष्ट्रपति बनना नहीं चाहा क्योंकि मुझे लगा कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद लोगों के साथ संवाद करना मुश्किल है, उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैं पार्टी ऑफिस नहीं जा पाऊंगा और अपने कार्यकर्ताओं से नहीं मिल पाऊंगा इस बात की चिंता भी मुझे थी।
श्री वेंकैया नायडु का कहना था कि पार्टी ने मुझे सबकुछ दिया है, पार्टी ही मेरा जीवन है और हर समय पार्टी के बारे में सोचता हूं लेकिन जिस दिन से उपराष्ट्रपति बनाया गया उसके बाद से मैंने राजनीति नहीं की। धारा 370 का जिक्र करते हुए श्री नायडु का कह्ना था कि धारा 370 का मुद्दा राष्ट्रीय है और इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिये।
श्री वेंकैया नायडु ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कारण भारत की पहचान बढ़ी है और पूरी दुनिया में सम्मान प्राप्त हो रहा है। उन्होँने ने कहा की मेरे जैसा व्यक्ति जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के आने पर तांगे पर बैठकर गली-गली में सूचना देता था, और दीवारों पर पार्टी के बारे लिखता था उसे सत्ता पार्टी का मुखिया बनाया जायेगा, यह मैंने कभी सोचा भी नहीं था। उसके बाद विभिन्न पदों पर काम करने का मौका मिला।
अपने संबोधन में श्री नायडु ने यह भी कहा किसी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिये किंतु किसी भाषा को जबरन किसी पर थोपना भी नहीं चाहिये, अपनी मातृभाषा को प्राथमिकता देना चाहिये।
कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु के राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित, केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर तथा तमिलनाड़ु के मुख्य मंत्री श्री ऐडापाड्डि के.पलनिसमी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।(amit shah)(todayindia)(latest news)(breaking news)(national news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)(political news)