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नमामि गंगे के तहत आज यमुना के 8 घाटों पर ‘क्लीनेथॉन’
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि दिल्ली में यमुना नदी की 22 किलोमीटर लम्बाई में 90 प्रतिशत से अधिक प्रदूषण होता है और इसकी सफाई में हमें अत्यधिक कठनाई होती है। आज सुबह ओखला बैरेज के निकट कालिंदी कुंज घाट पर ‘नमामि गंगे’ के एक ‘क्लीनेथॉन’ कार्यक्रम में भाग लेते हुए, जल शक्ति मंत्री ने(todayindia)(latest news)(breaking news)(national news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)(political news) कहा कि 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत करते समय जब प्रधानमंत्री ने खुद अपने हाथों से झाड़ू उठाई, तब यह एक जन आंदोलन बन गया और शौचालयों की उपलब्धता वर्ष 2014 की 39 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 99 प्रतिशत हो गई। इसी प्रकार, उनके नेतृत्व में गंगा नदी और इसकी सहायक नदियों की सफाई के काम को एक अभियान के रूप में किया जाएगा। आज दिल्ली के 8 घाटों में नमामि गंगे के तहत क्लीनेथॉन आयोजित किया गया।

श्री शेखावत ने कहा कि सरकार केवल एक उत्प्रेरक हो सकती है, किन्तु प्रधानमंत्री के ‘अविरल धारा’, ‘निर्मल धारा’ और ‘स्वच्छ किनारा’ के सपने को साकार करने के लिए क्लीनेथॉन परियोजना को सचमुच एक जन आंदोलन बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेसिन तक पहुंच कायम करते हुए सरकार परियोजना पर काम कर रही है, जो अधिक टिकाऊ है।

इस अवसर पर जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने कहा कि सरकार नदियों की सफाई के बारे में अपने उत्तरदायित्वों से अच्छी तरह अवगत है और उन्हें इस बात की खुशी है कि धीर-धीरे यह भी स्वच्छ भारत मिशन की तरह एक जनांदोलन का आकार ले रहा है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के अलावा यमुना, काली भागीरथी, अलकनंदा और कोसी नदियों को भी क्लीनेथॉन परियोजना में शामिल किया जाएगा।(todayindia)(latest news)(breaking news)(national news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)(political news)

जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय में सचिव श्री यू.पी. सिंह ने कहा कि एक नदी तभी नदी मानी जा सकती है, जबकि उसमें प्रवाह हो, किन्तु यह बात दुखद है कि यमुना के लिए यह सच नहीं है। उन्होंने कहा कि यमुना को इसकी पुरानी गरिमा लौटाने के लिए सामुदायिक भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों ने अब तक यमुना को अपनी विरासत नहीं माना, जिससे इस नदी की दुर्दशा हो रही है।

इससे पूर्व, एक समिति की रिपोर्ट में यह पाया गया कि दिल्ली में पल्ला से बदरपुर तक केवल 54 किलोमीटर में यमुना नदी प्रभावित है। वजीराबाद से ओखला तक नदी की लम्बाई 22 किलोमीटर है, जो यमुनोत्री से प्रयागराज तक की कुल 1370 किलोमीटर लम्बाई की तुलना में 2 प्रतिशत से भी कम है, लेकिन नदी के प्रदूषण स्तर में वजीराबाद से ओखला तक बहने वाली 22 किलोमीटर नदी की हिस्सेदारी 76 प्रतिशत है। वजीराबाद से ओखला तक की 2 प्रतिशत लम्बाई में बिना उपचारित औद्योगिक और घरेलू कचरे सबसे अधिक बहाए जाते हैं।(todayindia)(latest news)(breaking news)(national news)(bollywood news)(cricket news)(sports news)(political news)
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courtesy

aum

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