23 JAN 2019
सरकार ने सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार की घोषणा की है। इस पुरस्कार की घोषणा प्रत्येक वर्ष 23 (todayindia)जनवरी को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर की जाएगी। किसी भी आपदा के बाद विभिन्न व्यक्ति और कई संगठन प्रभावित लोगों के दुख दर्द दूर करने के लिए कार्य करते हैं। मानवता के प्रति उनका यह योगदान(todayindia)(todayindia) और उनके द्वारा की गई सेवा को अक्सर मान्यता नहीं मिलती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक राष्ट्रीय पुरस्कार के गठन की सलाह दी है ताकि ऐसे संगठनों और व्यक्तियों के प्रयासों को पहचान दी जा सके।
सभी भारतीय नागरिक और संगठन जो आपदा प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों यथा रोकथाम, तैयारी, बचाव, राहत, पुनर्वास, शोध या पूर्व चेतावनी में विशिष्ट योगदान दिया है, वे सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के योग्य हैं। 2019 के लिए इस पुरस्कार का प्रचार-प्रसार किया गया था और 19 दिसंबर, 2018 से 7 जनवरी, 2019 तक नामांकन आमंत्रित किए गए थे। 300 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए हैं।(todayindia)
वर्ष 2019 के लिए गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठवीं बटालियन को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सुभाष चन्द्र बोस आपदा पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है। पुरस्कार के अंतर्गत 51 लाख रुपये की नगद धनराशि तथा एक प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।
· एनडीआरएफ की 8वीं बटालियन का गठन 2006 में किया गया और यह विशेषज्ञ बचाव और अनुक्रिया बल है और इसका दायित्व क्षेत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), उत्तराखण्ड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा है।
· बटालियन ने 314 प्रमुख कार्रवाइयों में भाग लिया है और 50,000 से अधिक लोगों को बचाया है। हाल के केरल की बाढ़ में बटालियन ने 5338 पीड़ितों को बचाया और 24000 व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। एनडीआरएफ की यह बटालियन लेह में बादल फटने की घटना (2011), केदारनाथ बाढ़ (2013), चक्रवाती तूफान (2014), चेन्नई बाढ़ (2015) तथा त्रिपुरा बाढ़ (2018) जैसी आपदाओं में भागीदारी की है। बटालियन ने 2010 में दिल्ली के मायापुरी विकिरण की घटना के दौरान खतरों को समाप्त करने में कारगर भूमिका निभाई थी।
· बटालियन ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय आपदा प्रबंधन कार्य किए हैं। 2015 में नेपाल भूकम्प के बाद सबसे पहले काठमांडू पहुंचने वाले दलों में बटालियन की छः टीमें थीं। उनकी टीमों को जापान की फूकुसीमा डाइची परमाणु आपदा (2011) और इंडोनेशिया में हाल की सुनामी (2018) में भी भेजा गया था।
· अनुक्रिया और राहत कार्य के अतिरिक्त एनडीआरएफ की 8वीं बटालियन ने एसडीआरएफ, एनसीसी, सिविल डिफेंस, होमगार्ड, नेहरू युवा केन्द्र संगठन तथा नेपाल पुलिस को प्रशिक्षित किया है। बटालियन द्वारा चलाये गये समुदाय आधारित क्षमता सृजन कार्यक्रमों से 9 लाख से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।(todayindia)