12/7/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि अस्ताचल की ओर खिसकती कांग्रेस के सामने न तो संगठन की सोच है और न संगठन को नेतृत्व देने वाला क्षमतावान, परिश्रमी नेता। केन्द्र से लेकर राज्यों तक कांग्रेस में अपनी ढपली, अपना राग अलापा जा रहा है। अनपेक्षित रूप से कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी चीनी दूतावास से पींगे भर आये और राजनयिक क्षेत्र में बखेड़ा खड़ा कर खुद संदेह के घेरे में आ गये। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कबीले अपने-अपने क्षेत्र में संगठन पर गौर करने के बजाय नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को जताना पड़ रहा है कि वे प्रदेश प्रमुख हैं, लेकिन क्षेत्रीय क्षत्रप अपना-अपना नाम नेतृत्व संभालने के लिये दिल्ली दौड़ की प्रतियोगिता में लगे है। कबीलों को जोड़ने की आड़ में आयोजित किसान महापंचायत में न तो किसान का कांग्रेस से वास्ता रहा। जब 60 साल सत्ता में रहने के बाद कांग्रेस सरकार देश को कृषि नीति नहीं दे सके किसान कांग्रेस से क्या उम्मीद करेंगे। चुरहट में संपन्न हुई किसान महापंचायत वास्तव में कांग्रेस हाईकमान के समक्ष एकता प्रदर्शित करने की मिलौनी की रस्म थी, जिसमें किसान तो गिनती के पहुंचे कार्यकर्ता अपने-अपने कबीला प्रमुखों के गीत गाते रहे। चुरहट की किसान पंचायत एकता प्रदर्शन की प्रायोजित कसरत बन कर रह गई। केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की किसान हितैषी पहल से किसान को लाभ मिला है। साठ साल में किसानों की चिन्ता कांग्रेस ने क्यों नहीं की। 2018 के विधानसभा चुनाव का संकेत पाते ही कांग्रेस को किसानों की चिन्ता यकायक क्यों सताने लगी। किसान कांग्रेस के भावनात्मक शोषण से ऊंब चुके हैं।
डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि चुरहट तो पहले से ही जनता के साथ हुए लाटरी छल से ठगा जा चुका है। डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने सिवनी, बैतूल जिलों में सिंचाई मांगने पर गोली दी। किसानों के हित की पेरोकारी जब कांग्रेस करती है तो लगता है कि शैतान बाईबिल का पाठ कर रहा है।