26/06/2017
भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि जीएसटी प्रभावी होने पर गृहणियों को राहत मिलेगी। रसोई और आम जिन्दगी की जरूरत की वस्तुएं या तो जीएसटी के दायरे से बाहर कर दी गई हैं अथवा उन्हें 5 प्रतिशत टैक्स के दायरे में रखा गया है जिससे रसोई की सामग्री दूध, दही, सब्जी, गुड़, पापड़, ब्रेड, लस्सी, पनीर, नमक, खुला अनाज, टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। चाय, काफी, चीनी, खाद्य तेल, दूध चूर्ण, पेक्ड पनीर, काजू, किसमिस, रसोई गैस, अगरबत्ती को 5 प्रतिशत टैक्स के दायरे में रखा गया है। किचन पर किंचित मार पड़ना है तो ऐसी वस्तुएं हैं जिनका इस्तेमाल कभी कभार तीज त्यौहार पर ही आम आदमी करता है। इसमें बादाम, फ्रूटजूस, डिब्बा बंद नारियल तेल, घी, अचार, मुरब्बा, चटनी जेम, जैली जैसी वस्तुएं हैं।
उन्होंने कहा कि रेस्टारेंट में जाना मध्यम वर्ग का शौक है। इसमें एसी, नानएसी के अलग-अलग टैक्स होंगे। मकान खरीदना अब सस्ता सौदा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने खरीददारों से कहा है कि आने वाले दिनों में भवन निर्माण की सामग्री पर टैक्स का बोझ कम होगा। बिल्डर की लागत कम होगी। बिल्डरों से कहा गया है कि लागत कम होने का लाभ खरीददारों को मिलना चाहिए। इसके लिए एन्टी प्राफिटियरिंग विंग भी गठित किया जा रहा है, जिसका जिला स्तर पर भी ढांचा खड़ा किया जायेगा जो ऐसे मामलों मे जांच कर कार्यवाही करेगा जहाॅ वस्तुएं के दाम कम होने के बावजूद घटे हुए दामों अथवा घटी हुई लागत का लाभ उपभोक्ता को नहीं पहुंचाया जा रहा है। जीएसटी वास्तव में उपभोक्ताआंे के लिये आर्थिक कवच का काम भी करेगा।
श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा कि कुल मिलाकर जीएसटी से वस्तुओं के दाम कम होंगे। लागत घटेगी। अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में भारत का माल सस्ता होने से देश का निर्यात भी बढ़ेगा। देश का जीडीपी दहाई में पहुंचेंगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी देश की अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित होगा।