15/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का 72 घंटे का अनशन वास्तव में कांग्रेस की गुटीय सियासत का ही एक अध्याय है। उन्होंने प्रदेश में अपनी छवि को उज्जवल और किसान परस्त बनाने के लिए 72 घंटे का अनशन बहुत दिन पहले घोषित किया था लेकिन कांग्रेस के ही दीगर नेताओं को गंवारा नहीं हुआ और उन्होंने समापन के पहले ही तंबू उखाड़ने का एलान कर दिया। अनशन अपनी निर्धारित अवधि के पहले ही समाप्त होकर खलघाट को रवानगी हो जायेगी। फिर खलघाट जहां किसान समर्थन में समापन होना है वहां भी समापन कांग्रेस के बेनर तले नहीं होना वास्तव में कांग्रेस की गुटीय राजनीति का चरम होगा।
उन्होंने कहा कि दरअसल कांग्रेस को जनता ने विपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है लेकिन कांग्रेस ने सत्ता से बेदखल होने के बाद लक्ष्यहीन, नेतृत्वविहीन होकर कबीलाई संस्कृति का प्रदर्शन किया है। कांग्रेस यदि वास्तव में किसान परस्त होती तो सत्ता पक्ष के समक्ष रचनात्मक सुझाव रखती। मौजूदा व्यवस्था की सकारात्मक नजरिए से समालोचना करती, लेकिन इसके उलट श्री राहुल गांधी मंदसौर के रास्ते हिंसक तत्वों को शह देकर फोटो सेशन के बाद लौट गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री कमलनाथ, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनशन से दूरी बनाकर अपनी अमीर परस्ती पर मोहर लगा दी।
डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि किसानों की बदहाली के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। किसान के साथ कांग्रेस का इतना बड़ा मजाक क्या होगा कि साठ वर्षो तक सत्ता में रहने के बाद भी कृषि नीति नहीं बनायी। खेती को हाशिए पर डाला। महाराजा सिंधिया जिस सरकार में मंत्री थे उसी ने विश्व व्यापार संगठन के सामने घुटने टेक दिए थे और किसान सब्सिडी बंद करने का पैगाम बना दिया था, लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद व्यापार संगठन को आईना दिखा दिया और कहा कि जब तक भारत का किसान अपने पैरों पर खड़ा नहीं होता सब्सिडी बंद करने का सवाल नहीं उठता। विश्व व्यापार संगठन को मोदी की सलाह मानना पडी। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी में अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे है।