15/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री बंशीलाल गुर्जर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने तीन लाख रू. तक कर्ज लेने वाले किसानों का आर्थिक बोझ कम करने के लिए 5 प्रतिशत ब्याज का बोझ कम करने के लिए विशेष सुविधा का ऐलान किया है। इसके मायने यह है कि किसान को जो 9 प्रतिशत ब्याज भुगतना पड़ता है, उन्हें 5 प्रतिशत की सब्सीडी मिलने पर केवल 4 प्रतिशत ब्याज देना होगा। यह सुविधा वर्ष 2017-18 में प्रभावी रहेगी। इस सब्सीडी का भुगतान पर होने वाली सरकार और बैंको की क्षति की पूर्ति के लिए केन्द्र सरकार ने 20339 करोड़ रू. का प्रावधान कर किसानों को राहत पहुंचायी है।
श्री गुर्जर ने कहा कि फसल का किसानों को उचित दाम मिले और भाव मिलने पर ही फसल बेचने के लिए किसान आजाद हो इसके लिए सरकार ने पोस्ट हार्वेस्ट झोन (भंडारण) के लिए व्यवस्था की है। किसान फसल आने पर बैंक से कर्ज हासिल कर सकेंगे और भंडारण करेंगे। तत्काल बेचने की अनिवार्यता नहीं होगी।
तत्काल फसल बेचना किसान की मजबूरी नहीं होगी
परंपरा के अनुसार फसल आते ही किसान को अपनी फसल बेचना उसकी आर्थिक मजबूरी होती है। लेकिन सरकार ने उसे इस मजबूरी से मुक्त करने के लिए फसल आने पर फसल भंडारण के समय कर्ज देने का बंदोवस्त भी कर दिया है।
श्री बंशीलाल गुर्जर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने बैंकों के आठ लाख करोड़ एनपीए (डूबन्त खाते की राशि) की वसूली का पुख्ता प्रबंध कर लिया है। अब जितना बड़ा उद्योग घराना होगा, ऋणी होने पर उसकी बकाया कर्ज राशि के नामे उसे दिवालिया घोषित कर उसकी संपत्ति से कर्ज राशि वसूली की जायेगी। इंसाॅल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के अंतर्गत तीव्र गति से कार्यवाही आरंभ करके केन्द्र सरकार ने मोदी सरकार पर अमीर परस्त होने के आरोप की भी हवा निकाल दी है। औद्योगिक घराने भी दिवालिया घोषित होने के डर से कर्ज वापसी के लिए जुट गये है। कृषि क्षेत्र में ब्याज सब्सीडी मंजूर किये जाने और एनपीए की वसूली की कार्यवाही ने साबित कर दिया है कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार वास्तव में गांव, गरीब, किसान की सरकार है। सियासी दल उन पर आरोप लगाकर सिर्फ अपने ऊपर लगे कलंक छिपाने की सियासत कर रहे है।