भारत नई सोच और समग्र दृष्टिकोण के साथ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है : प्रधानमंत्री
narendramodi,PM,primministerofindiaप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि प्रौद्योगिकी देश के विकास को गति देने का एक साधन है। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास, सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने और एक समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 स्कूल टू स्टार्टअप, इग्नाइटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री मोदी ने महाराष्ट्र के हिंगोली में लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया, ओडिसा के जटनी में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र और मुंबई में टाटा मेमोरियल अस्पताल के हीरक जयंती खंड और हैदराबाद में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की आधारशिला रखी। उन्होंने मुंबई में विखंडन तकनीक पर आधारित मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा, पृथ्वी स्थायी चुंबक संयंत्र और विशाखापत्तनम में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, नवी मुंबई में राष्ट्रीय हैड्रॉन बीम थेरेपी सुविधा और महिला तथा बच्चों का कैंसर अस्पताल भवन भी राष्ट्र को समर्पित किया। श्री मोदी ने स्मारक डाक टिकट भी जारी किया और स्वदेशी वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि 11 मई देश के इतिहास में एक गौरवशाली दिन है क्योंकि इस दिन भारतीय वैज्ञानिकों ने पोकरण परमाणु परीक्षण करके देश को गौरवान्वित किया था। उन्होंने कहा, भारत ने वर्ष 2047 के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए हैं और देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई सोच और समग्र दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक मजबूत नींव रखी गई है।
राष्ट्र की प्रगति में अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये प्रयोगशालाएं बच्चों में नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित अभियानों ने प्रौद्योगिकी क्षेत्र में देश की सफलता के नए आयाम जोड़े हैं। यू.पी.आई. की सफलता के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीयों ने डिजिटल भुगतान को अपनाया है और यू.पी.आई. ने इस दिशा में कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैम, कोविन और ई.-नाम जैसे उपायों ने देश में बेजोड़ डिजिटल क्रांति लाने में मदद की है।इस अवसर पर रक्षामंत्री राजानाथ सिंह ने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है और दुनिया भारत को आशा की दृष्टि से देख रही है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कहा कि 2014 के बाद से भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
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भारत नई सोच और समग्र दृष्टिकोण के साथ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है : प्रधानमंत्री
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