उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को बहाल करने से इनकार किया
maharashtra,uddhavthakreउच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी-एम.वी.ए. सरकार को बहाल करने से इनकार कर दिया है। न्यायालय ने कहा है कि उद्धव ठाकरे ने स्वेच्छा से राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि चूंकि श्री ठाकरे ने सदन में विश्वास मत का सामना नहीं किया और त्यागपत्र दे दिया इसलिए सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से श्री एकनाथ शिंदे को शपथ दिलाने का राज्यपाल का फैसला सही था। उच्चतम न्यायालय ने ये टिप्पणियां जून 2022 के 16 विधायकों के दल-बदल मामले में निर्णय देते हुए की। इन विधायकों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से बगा़वत की थी। ठाकरे गुट ने देश के दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय ने नबाम रबिया मामले में खुद के 2016 के निर्णय का भी हवाला दिया। यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने दिया था। इसमें न्यायामूर्ति श्री एम.आर. शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, हीमा कोहली और पी.एस. नरसिम्हा शामिल थे। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुटों द्वारा महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के बारे में दाखिल की गई विभिन्न याचिकाओं पर अपना निर्णय सुनाया।
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उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार को बहाल करने से इनकार किया
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