14/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री अजयप्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने हाल के दिनों में किसान, खेतिहर हितैषी निर्णय लेकर तीव्र गति से अमल कर किसानों को राहत पहुंचायी है। पार्टी पदाधिकारी, मंत्री, जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में पहुंचकर चौपाल आयोजित करेंगे और किसानों और ग्रामीणों तक निर्णयों से लाभ उठाने के लिए जागरूकता अभियान चलायेंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में ‘किसान नालेज सेंटर’ खोलने, विकासखंड मुख्यालय पर किसान बाजार लगाने की योजना से किसान सीधे उपभोक्ता को अपना माल बेचेगा और बिचैलियों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी। उन्होनें कहा कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम में राज्य सरकार ने संशोधन करने का निर्णय लिया है, जिससे अब जमीन का अधिग्रहण किसान की मर्जी के बिना नहीं होगा। किसानों के बीच फैलाए जा रहे भ्रम का निराकरण करना आवश्यक है। ऋणी किसान को समाधान योजना के तहत कर्ज देने की पात्रता दी जा रही है। खरीफ रबी दोनो फसलों का कर्ज एक साथ दिया जायेगा।
उन्होने कहा कि कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार किसानों की सरकार है। सरकार ने कृषि उत्पादन लागत एवं विपणन आयोग बनानें का निर्णय लेकर किसान के उत्पाद के लागत मूल्य की एक तरह से आश्वस्ति की है। यह सुखद संयोग है कि प्रकृति अनुकूल रहने से सरकार का विपुल उत्पादन अभियान शिखर पर पहुंचा है। किसान की मेहनत सार्थक हुई है। ऐसे में सरकार ने तत्काल प्रभावी ढंग से ग्रीष्मकालीन मूंग, उड़द और तुअर की समर्थन मूल्य पर खरीदी का पुख्ता बंदोबस्त किया है। किसानों की सुविधा के लिए अतिरिक्त खरीदी केन्द्र खोलने की भी जिला कलेक्टर को अनुमति देकर आश्वस्त किया है कि किसान बैरंग न लौटने पाये। इसी तरह गेहूं की एफएक्यू मानक पर समर्थन मूल्य पर खरीदी का पक्का बंदोबस्त मंडियों और केन्द्र पर है।
श्री अजयप्रताप सिंह ने कहा कि हाल के किसान आंदोलन में जिन क्षेत्रों में जनता की संपत्ति को क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई के लिए सरकार ने सर्वे के आदेश दिये गये है। पार्टी कार्यकर्ता ऐसे परिवार जिनकी दुकान, मकान आदि क्षतिग्रस्त हुए है, उन तक राहत पहुंचाने की चिंता करें। किसान के उत्पाद के साथ ही दुग्ध उत्पादक किसानों के हितों की भी सरकार ने चिंता की है और अमूल की तर्ज पर मूल्य निर्धारण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है। श्री सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 1000 करोड़ रू. की निधि से किसान उत्पाद मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाकर किसान के जोखिम में भागीदारी की देश में अग्रणी पहल है। इससे किसान की फसल जो समर्थन मूल्य के दायरे के नहीं आती है उसका औसत मूल्य निर्धारित कर कम मूल्य मिलने पर अंतर स्थिरीकरण कोष से पाटा जायेगा। अंतर राशि किसान के खाते में जमा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया है कि किसान द्वारा पैदा की गयी प्याज 8 रूपए किलो पर खरीदी जायेगी।