11/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री विष्णुदत्त शर्मा ने मार्कफेड को किसान और क्रेता के बीच विपणन मंच सेतु बनानें के उद्देश्य से सक्षम बनानें के राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की है। मार्कफेड किसान के लिए आवश्यक खाद, बीज, कृषि उपकरण की पूर्ति का मंच है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, उड़द, मूंग, अरहर, सन ऑयल, सीड तथा चना, सरसों, सोया की खरीद करता है। मार्कफेड केन्द्र की संस्था नाफेड के साथ सहयोग करता है, जिसमें 50-50 प्रतिशत की भागीदारी होती है। मार्कफेड वाणिज्यिक फसलों की भी खरीद करता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मार्कफेड को किसानों के लिए विपणन मंच बनाकर स्वावलंबी बनानें के लिए प्रतिबद्ध है। इससे संस्था आत्मनिर्भर हो जायेगी।
उन्होनें मार्कफेड को सशक्त बनाये जाने को प्रगतिशील कदम बताते हुए कहा कि आने वाले दिनों में मार्कफेड की योजना है कि किसान को उससे खरीदी गयी फसल का तत्काल भुगतान हो सके। इसके लिए संस्था आर्थिक सुधार कर रही है। एक ही बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मार्कफेड का बैंक होगा, सारा लेखा इसी बैंक में होगा। इसका नेटवर्क विस्तृत होने से किसान की फसल का भुगतान एक क्लिक करने पर होगा। मार्कफेड की योजना है कि किसान के पास पहुंचेंगा और उसकी फसल बाजार भाव के करीब ही खरीद सकेगा। जिससे आंचलिक बैंक शाखा से तत्काल भुगतान संभव हो सकेगा। इससे किसान बिचैलियों के चुंगल से मुक्त होगा।
श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि मार्कफेड खाद, बीज, कीटनाशक और उपकरणों की गुणवत्तापूर्ण पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कमर कस चुका है। मार्कफेड के सभी जिलों में 425 वितरण केन्द्र है और रासायनिक खाद पूर्ति का प्रदेश का 68 प्रतिशत व्यवसाय, डीएपी की 72 प्रतिशत पूर्ति, यूरिया खाद की शत प्रतिशत पूर्ति करता है। खाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करनें के लिए हर 40 टन खाद के भंडार पर सेंपल लेकर उसका प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाता है। गुणवत्ता विहीन पूर्ति पाये जाने पर उत्पादक और वितरक फर्म को काली सूची में डाल दिया जाता है।