11/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किसानों के आग्रह पर उपवास समाप्त किये जाने पर कहा कि उन्होनें जनभावना और प्रदेश के किसानों, आंदोलन में पीड़ित परिवारों की भावना का समादर किया है। भारत सरकार के मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत, श्री नरेन्द्रसिंह तोमर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री प्रभात झा, राष्ट्रीय महासचिव श्री कैलाश विजयवर्गीय, विभिन्न किसान संगठन एवं पार्टी के वरिष्ठजनों के आग्रह पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी के हाथों नारियल पानी पीकर उपवास समाप्त किया। उन्होनें कहा कि आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिजन कल मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से मिले और उनसे उपवास समाप्त करने का आग्रह किया था। पीड़ित परिवारों की संवेदनाओं को गंभीरतापूर्वक सुनकर जनभावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उपवास समाप्त किया और विश्वास दिलाया कि वह अपनी अंतिम सांस तक किसानों के साथ हर सुख-दुःख में उनके भागीदार बनेंगे।
उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में कदाचित कोई भी वर्ग ऐसा नहीं रहा जिसका हित चिंतन और उस दिशा में प्रयास नहीं किया गया हो। यही कारण है कि उपवास के क्षणों में मालवा, निमाड़ के साथ समूचे प्रदेश के किसान और हर वर्ग उनके साथ खड़े रहे। विभिन्न किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री पर विश्वास व्यक्त करते हुए उन्हें यह विश्वास दिलाया कि किसान आंदोलन का समर्थन नहीं करेगा।
श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने प्रदेश के किसान भाईयों से आग्रह करते हुए कहा कि संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान किसान परिवार के बेटे है। उन्होनें किसानों के दुख दर्द को समझा है। बिना सत्ता के कांगे्रस छटपटा रही है और प्रदेश का शांतिप्रिय माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। कांगे्रस भ्रम का वातावरण बनानें की कोशिश कर रही है, लेकिन प्रदेश के किसान कांगे्रस के इस बहकावे में नहीं आयें। उन्होनें कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने ही किसान को हाशिये से निकालकर ऋण ग्रस्तता से मुक्ति दिलाने की पहल श्री अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में आरंभ की। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसान की आय दोगुना करने का अनुष्ठान आरंभ किया। कांगे्रस को किसान परस्ती प्रदर्शित करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं।