06/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रदेश में तकनीकी (व्यावसायिक आईटीआई) पॉलिटेक्निक संस्थाएं स्थापित की गयी थी, जिनके पास भरपूर संसाधन है। सैकड़ों एकड़ जमीन पर एक-एक पॉलिटेक्निक और आईटीआई फैला हुआ है। लेकिन स्थापना के समय इनकी सीमित उपयोगिता को देखते हुए इनकी क्षमता डिप्लोमा देने तक सीमित की गयी थी। आज के तकनीकी युग में जब व्यावसायिक शिक्षा का युग है, भारत का कौशल संपन्न युवक विदेशों में कमाल दिखाता है। यदि इन संस्थाओं को स्वायत्ताशासी बनाकर स्तरोनयन कर दिया जाता है तो इन पॉलिटेक्निक संस्थाओं में तकनीकी स्नातकधारी, स्नातकोत्तर क्षमता संपन्न हुनरमंद कुशल मानव संसाधन तैयार हो सकेगा जो मेक इन इंडिया की सफलता में मील का पत्थर साबित होगा।
श्री शर्मा ने मध्यप्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को दूरदर्शितापूर्ण और सामयिक बताया है एवं केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से अपेक्षा की है कि इस समयोचित प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर मध्यप्रदेश को मेनुफैक्चरिंग हब बनाने का मार्ग प्रशस्त करें।
उन्होनें कहा कि दुनिया के औद्योगिक देशों में इस तरह तकनीकी संस्थाओं को स्वायत्ता देकर विश्व में तेजी से बदलती तकनीकी दुनिया की स्पर्धा में खड़ा कर दिया है। अमेरिका और जर्मनी में इस तरह के प्रयोग सफल हुए है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर को प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री दीपक जोशी ने इस आशय का एक प्रस्ताव भेजते हुए आग्रह किया है कि प्रदेश में पॉलिटेक्निक संस्थाओं को स्वायत्तता देकर विश्वविद्यालय के समकक्ष दर्जा दिया जा सकता है, जिससे वे तकनीकी शिक्षा के विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित करके इंजीनियर, टैक्नोलॉजी में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां देने में सक्षम हो सकेंगे। इससे एक ओर मध्यप्रदेश व्यावसायिक प्रशिक्षण में देश में अग्रणी बनेगा और कौशल विकास से जो हुनरमंद युवक निकलेंगे उनके परिश्रम और प्रतिभा से मेक इन इंडिया और मेक इन मध्यप्रदेश का सपना सार्थक होगा। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने प्रस्ताव पर विचार करने का भरोसा दिलाया है। मध्यप्रदेश में सरकारी क्षेत्र में 50 पॉलिटेक्निक है, ये संस्थाए स्वायत्त होकर किसी भी विश्वविद्यालय के समकक्ष तकनीकी उच्च शिक्षा का केंद्र बनने में सक्षम है। इससे स्किल इंडिया का लक्ष्य पूर्ण होगा।