06/06/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री विजेश लुणावत ने जीएसटी कौंसिल की 15 वीं बैठक में जीएसटी के अंतर्गत स्लेबवार दरें निर्धारण में सभी राज्यों की सहमति को आर्थिक सुधार की दृष्टि से उल्लेखनीय सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि सत्रह वर्षो से जीएसटी लागू करने पर वाद विवाद चला लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी व्यवस्था लागू करने में जिस तरह राजनैतिक दलों और राज्य सरकारों की शंकाओं का समाधान कर सहमति बनाने में कामयाबी हासिल की यह प्रधानमंत्री और केन्द्रीय वित्त मंत्री के सराहनीय प्रयास है। इससे एनडीए सरकार की लोकतांत्रिक परिपक्वता साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से जीएसटी व्यवस्था आरंभ होना तय है। इससे देश में उत्पादों की लागत घटेगी और वस्तुओं के दाम कम होंगे। इसका लाभ आम आदमी को पहंुचेगा। देश में उत्पादन लागत घटने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत अन्य देशों की प्रतिस्पर्धा में ताल ठोककर उतर सकेगा। हाल फिलहाल उत्पादों पर केन्द्र और राज्य के मिलाकर 16 टैक्स लगते है। कर अपवंचन करके भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन दिया जाता है लेकिन जीएसटी में पारदर्शिता आयेगी और सिर्फ एक टैक्स (अप्रत्यक्ष कर) जीएसटी लगेगा। जिससे केन्द्र और राज्यों का राजस्व बढ़ेगा। हेरा फेरी समाप्त होगी।
श्री विजेश लुणावत ने बताया कि लागत मूल्य कम होने से उत्पादक को लाभ पहंुचेगा। यह लाभ आम उपभोक्ता को भी मिले इसके लिए केन्द्र और राज्य एंटी प्राफिटियरिंग कमेटी बनाने के लिए सहमत हो गये है। इस कमेटी में केन्द्र के राजस्व अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। यह कमेटी मुनाफाखोरी के बारे में मिलने वाली हर शिकायत की जांच करेगी और निर्णय देगी। देश में उर्जा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जीएसटी कौंसिल ने सोलर पैनल की स्थापना पर केवल 5 प्रतिशत टैक्स स्वीकार किया है। आदमी के खाद्यान्न को टैक्स के दायरे से बाहर रखा है और रोजमर्रा की जरूरी 80 प्रतिशत चीजें सबसे नीचे 5 प्रतिशत टैक्स के स्लेब में रखी गयी है। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं पर सेस लगाकर निरूत्साहित भी किया जा रहा है।