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अध्यात्म के अध्ययन को निपटने का साधन बताकर राहुल गांधी आस्था से पाखंड कर रहे है- डॉ. दीपक विजयवर्गीय

6/6/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि कांगे्रस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने गीता और उपनिषद् का पृष्ठ खोलते ही जिस तरह दंभोक्ति की है, वह उनकी अपरिपक्वता ही नहीं अनाड़ीपन का भी सबूत है। यदि आस्था के साथ श्री राहुल गांधी गीता, उपनिषद् का अध्ययन करते तो वे अपने अंर्तमन को पहचानते और पहला पृष्ठ पकड़ते ही इस तरह राष्ट्रवादियों से निपटने की घोषणा नहीं करते।

उन्होंने कहा कि दरअसल हताशा, पराजय बोध के कारण कांगे्रस लोकतंत्र की वास्तविकता से दूर भाग रही है। उसे भारतीय जनता पार्टी की अच्छी सफलता, नीति और नैतिकतापूर्ण पहल में भी खोट निकालने की आदत बन चुकी है। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा विपक्ष का कर्त्तव्य है।

डॉ. विजयवर्गीय ने कहा कि गीता और उपनिषद् इन्सान को कत्र्तव्य बोध कराते है और व्यापक सोच की प्रेरणा देते है। लेकिन श्री राहुल गांधी रचनात्मक विपक्ष की भूमिका में आने के बजाय अपनी विफलता छिपाने के लिए दोषारोपण करना विकल्प मान चुके है। मोदी सरकार की उपलब्धियों पर गर्व करने के बजाय आलोचना की गुंजाईश तलाशने के लिए मजबूर है।

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