भारत के पर्यटन क्षेत्र में विशाल संभावनाएं : प्रधानमंत्री
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश में पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाई देने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने पर विचार करने की आवश्यकता है। भारत की पर्यटन संभावना को बढावा देने पर बजट उपरान्त वेबिनार को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारत के पर्यटन क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं। इनमें तटीय, मैनग्रोव, हिमालयी, एडवेंचर, वन्य जीवन, पारिस्थितकीय, विरासत, आध्यात्मिक, विवाह स्थल और खेल पर्यटन शामिल हैं। उन्होंने पर्यटन के रूप में रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, कृष्णा सर्किट, पूर्वोत्तर सर्किट, गांधी सर्किट और सभी संतों के तीर्थस्थलों का उदाहरण भी दिया। श्री मोदी ने इस दिशा में एक साथ मिलकर काम करने की बात कही। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के कई स्थान इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में प्रतिस्पर्धी भावना और चुनौती के मार्ग के जरिये चिन्हित किये गये हैं।
भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक सभ्यता का पर्यटन सदा ही एक हिस्सा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि अगर हमारे देश में सुविधाएं बढाई जाएंगी, तो पर्यटकों की संख्या बढेगी। उन्होंने कहा कि यात्रा की सुगमता बढेगी, तो पर्यटक आकर्षित होंगे। वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम और केदारनाथ धाम इसके जीवन्त उदाहरण है। श्री मोदी ने कहा कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम के पुन: निर्मित होने से पहले एक वर्ष में लगभग 80 लाख लोग यहां पर्यटन के लिए आते थे। लेकिन इस धाम के पुनुरूद्धार के बाद यहां पिछले वर्ष सात करोड से अधिक पर्यटक आए। प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिक सुविधाएं, डिजिटल सम्पर्क, स्वच्छता और बेहतर अवसंरचना पर्यटन को बढावा देने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की बढती संख्या से रोजगार के अवसर बढेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के गांव पर्यटन का केन्द्र बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि मूलभूत संरचना में सुधार आने के कारण दूर-दराज के गांव अब पर्यटन मानचित्र पर उभरकर सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने सीमावर्ती गांवों के लिए वाइब्रेन्ट विलेज योजना शुरू की है। उन्होंने पर्यटकों के स्थानीय लोगों के घरों में ठहरने, छोटे होटल बनाने और रेस्तरां सहित व्यापार को समर्थन देने की आवश्यकता की बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ रही है। उन्होंने ऐसे पर्यटकों की पूरी जानकारी और देश में उन्हें आकर्षित करने के लिए एक विशेष कार्यनीति बनाने की आवश्यकता की बात कही।
श्री मोदी ने कहा कि भारत विदेशी पर्यटकों के अभूतपूर्व आगमन का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर योजना से इस अवसर का लाभ उठाने की आवश्यकता है। श्री मोदी ने कहा कि 50 ऐसे पर्यटन स्थल विकसित हो रहे हैं, जहां भारत यात्रा के दौरान विश्व भर के पर्यटक आने को बाध्य हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन स्थलों के विकसित होते एप्लीकेशन संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध सभी भाषाओं में होने चाहिए। पर्यटन सामग्री की रूपरेखा तैयार करने में सभी भाषाओं का प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन एप्लीकेशन और डिजिटल सम्पर्क को और अधिक आधुनिक बनाने की बात कही। श्री मोदी ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की सभी भाषाओं और भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होना चाहिए। श्री मोदी ने पर्यटन क्षेत्र की बुनियादी चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने पेशेवर पर्यटन गाइड की कमी की ओर ध्यान दिलाया। प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के लिए स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों की यात्रा को बढावा देने पर बल दिया। इससे लोग और अधिक जागरूक होंगे और पर्यटकों के लिए मूलभूत संरचना तथा सुविधाओं को विकसित करना प्रारंभ करेंगे।
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