विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा – आतंकवादी गुटों द्वारा नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के कारण सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती पैदा हो गई है
@DrSJaishankar
विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि एशिया और अफ्रीका में आतंकवाद का खतरा बढता जा रहा है और नई टैक्नोलॉजी के कारण सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर चुनौती का सामना करना पड रहा है। डॉ0 जयशंकर, नई और उभरती टैक्नोलॉजी का आतंकवाद के लिए गलत इस्तेमाल रोकने पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति की विशेष बैठक के पूर्ण सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बडा खतरा है। वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, एन्क्रिप्टिड मैसेजिंग, वर्चुअल करेंसी जैसी नई टैक्नोलॉजी आने से सरकारों और नियामक संगठनों को नई चुनौतियों का सामना करना पड रहा है, क्योंकि आतंकवाद के लिए इनका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। डॉ0 जयशंकर ने आतंकवादी गुटों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों द्वारा मानव रहित ड्रोन प्रणालियों का इस्तेमाल भी बडा खतरा बन गया है। इनकी मदद से आतंकवादी हमलों के लिए हथियारों के साथ ड्रग्स की भी तस्करी हो रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी गुट अफ्रीका में सुरक्षाबलों और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
डॉ0 जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भारत के कार्यकाल के दौरान आतंकवाद रोधी अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। सुरक्षा परिषद ने इस उद्देश्य के लिए विशेष प्रणाली विकसित की है। इसमें आतंकवाद का सामना करने के लिए विशेष प्रतिबंध लागू करने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इससे उन देशों को सावधान किया गया है, जिन्होंने आतंकवाद को सरकारी सहायता से चलने वाला उद्यम बना दिया है।
डॉ0 जयशंकर ने आतंकवाद की रोकथाम और नई टैक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल को रोकने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में मदद की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
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विदेशमंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा – आतंकवादी गुटों द्वारा नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के कारण सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती पैदा हो गई है
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