(madhyapradeshnewsdiary) सभी शासकीय कार्यालयों को बिजली की खपत में 10 प्रतिशत कमी करनी होगी : मुख्यमंत्री चौहान
madhyapradeshnewsdiary,todayindia,todayindia24,shivrajsinghchouhan,mpcm,mpnews,madhyapradeshnewsअमरकंटक को रिजर्व फारेस्ट घोषित किया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रदेशवासियों को दिलाए पाँच संकल्प
मैं और मेरा परिवार बिजली बचाने के लिए बहुत सजग है: मुख्यमंत्री श्री चौहान
अंकुर अभियान में अब तक प्रदेशवासियों द्वारा 16 लाख 50 हजार पौधे लगाए गए
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस पर “यही एक पृथ्वी” कार्यक्रम को किया संबोधित
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी शासकीय कार्यालयों को बिजली की खपत में 10 प्रतिशत की कमी करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर हम एक यूनिट बिजली बचाते हैं तो 900 ग्राम कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम करते हैं। जिन शासकीय कार्यालयों में सौर ऊर्जा का उपयोग हो सकता है, वहाँ सोलर पैनल लगाए जाएंगे। सूर्य से प्राप्त ऊर्जा ग्रीन और क्लीन है, तो हम कोयले से पैदा होने वाली बिजली का अधिक उपयोग क्यों करें। पर्यावरण-संरक्षण हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसमें सरकार के साथ-साथ समाज को भी प्रतिबद्धता और सक्रियता से जुटना होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान विश्व पर्यावरण दिवस पर कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में “यही एक पृथ्वी-“ विषय पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम से सभी जिले वर्चुअली जुड़े थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यावरण-संरक्षण के लिए कार्यरत संस्थाओं एवं नागरिकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा नर्मदा नदी के तट पर वृक्षारोपण की योजना संबंधित वन विभाग की पुस्तक “नर्मदा नदी के जलग्रहण क्षेत्र का संरक्षण- वृक्षारोपण अभियान- 2022” का विमोचन भी किया गया। वन विभाग द्वारा मुख्यमंत्री श्री चौहान के सम्मुख नर्मदा वृक्षारोपण वर्ष 2022 पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
उल्लेखनीय है कि विश्व पर्यावरण दिवस को वृक्षारोपण संकल्प दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित गणमान्य नागरिकों तथा जिलों से जुड़े सभी नागरिकों को पर्यावरण-संरक्षण और सेवा के लिए संकल्प दिलाया। पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग तथा प्रसिद्ध समाजसेवी और पर्यावरणविद श्री ध्यानेश्वर जामदार एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम को पर्यावरणविद पद्मश्री श्री पोपट लाल पवार तथा श्री जामदार ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अमरकंटक को रिजर्व फारेस्ट घोषित किया जाएगा। वहाँ निवास कर रहे लोगों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। पर्यावरण-संरक्षण की दृष्टि से संवेदनशील और माँ नर्मदा के उदगम-स्थल के आस पास स्थानीय परिवेश के प्रतिकूल लगे यूकेलिप्टिस के पेड़ों के स्थान पर परिवेश के अनुरूप उपयुक्त प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यावरण दिवस पर प्रदेश के नागरिकों को पाँच संकल्प दिलवाए जिसमें वृक्षारोपण के लिए सक्रिय रहना, ऊर्जा संरक्षण के लिए बिजली बचाना, वाहनों का मितव्ययी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वाहन पूल करना, पब्लिक ट्रान्सपोर्ट को अपनाना और प्रधानमंत्री श्री मोदी के मंत्र के अनुरूप ट्रिपल आर अर्थात रीफ्यूज, रीयूज और रीसायकल, का पालन शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण दिवस को औपचारिक रूप से मनाने से पर्यावरण-संरक्षण संभव नहीं होगा। हमें इन संकल्पों को प्राणप्रण से व्यवहार में लाना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, मैं और मेरा परिवार अपने घर पर बिजली बचाने के संबंध में बहुत सजग हैं। मैं जब भी कमरे से बाहर निकलता हूँ तो स्वयं स्विच बंद करता हूँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रीगण और उपस्थित अधिकारियों से भी पूछा कि- “क्या वे भी ऐसा करते हैं?”
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपालवासियों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भोपालवासी अपने जन्म दिन पर मेरे साथ पौध-रोपण के लिए आमंत्रित हैं। हमारी संस्कृति प्रकृति पूजा की है। गौवर्धन पूजा भी प्रकृति पूजा को स्थापित करती है। नदियों को हमने माँ माना है, अत: उनकी चिंता आवश्यक है। विकास की प्रक्रिया में नदियों के आस पास के पेड़ बड़ी संख्या में कटे हैं,परंतु पर्यावरण और विकास में संतुलन आवश्यक है। विकसित देश कार्बन उत्सर्जन में कमी नहीं कर रहे हैं। यदि हम ऐसे ही स्वार्थी बने रहे तो धरती के अस्तित्व पर संकट सघन होता चला जाएगा। वैज्ञानिकों का मनाना है कि वर्ष 2050 तक धरती का तापमान 1.5 से पाँच डिग्री तक बढ़ना संभावित है। इससे ग्लेशियर पिघलने से जल-प्लावन की स्थिति निर्मित होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण-संरक्षण के लिए वृक्षारोपण एकमात्र उपाय है। हरियाली अमावस्या के दिन प्रत्येक ग्राम, पंचायत, विकास खण्ड, जिला मुख्यालय में वृक्षारोपण होगा, प्रदेश की जनता पेड़ लगाएगी। दुनिया करे ना करे, मध्यप्रदेश अपने कर्तव्यों का पालन करेगा, इसमें प्रदेशवासियों का सहयोग आवश्यक है। विश्व में वृक्षारोपण में प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ बनाना है इससे हमारा प्रदेश हरा-भरा होगा, भू-जल स्तर बढ़ेगा, पक्षियों का कलरव बढ़ेगा, ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कम होगा।
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की ग्राम पंचायत हिवरे बाजार को सूखाग्रस्त गाँव से हरे और समृद्ध मॉडल गाँव में बदलने का नेतृत्व करने वाले पर्यावरणविद पद्मश्री किसान सरपंच श्री पवार ने कहा कि हम बच्चों को पढ़ा रहे हैं कि प्रकृति ही हमारा भविष्य है। इसके प्रति संवेदनशीलता स्वयं के लिए जरूरी है। पंचायत द्वारा टयूबवेल तथा अधिक पानी वाली फसलों पर प्रतिबंध लगाने से क्षेत्र के भू-जल स्तर को बढ़ाने में मदद मिली। जंगल में लगने वाली आग के लिए 8 सौ लोगों के मोबाइल नम्बर का नेटवर्क बनाया गया है। इससे आग लगने पर त्वरित रूप से नियंत्रण संभव हो पाता है। वाटर बजटिंग और गाँव के हर घर में देसी गाय रखने से परिवारों की स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन आया है। किचन फॉर हेल्थ की अवधारणा का भी क्षेत्र में क्रियान्वयन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि श्री पवार के नेतृत्व में हिवरे बाजार ग्राम पंचायत ने वर्ष 2007 में समुदाय के नेतृत्व वाले जल-संरक्षण के लिए पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
जानकारी दी गई कि प्रदेश में वृक्षारोपण के लिए आरंभ किए गए अंकुर अभियान में अब तक प्रदेशवासियों द्वारा 16 लाख 50 हजार पौधे लगाए गए हैं। कार्यक्रम में पर्यावरण-संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए वार्षिक पर्यावरण पुरस्कार योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए भोपाल रेल्वे स्टेशन, हाईडलबर्ग सीमेंट दमोह, इप्का लबोरेट्रीज रतलाम, नीलम वेल्फेयर सोसायटी शहडोल, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, इंदौर, नगर परिषद पिपलिया मंडी मंदसौर और धार के ग्राम नवादपुरा के श्री कमल पटेल को सम्मानित किया गया। जानकारी दी गई कि नर्मदा संरक्षण के लिए वन विभाग द्वारा 24 जिलों के 33 वन मण्डलों में बिगड़े वनों को अच्छे वनों में बदलने के लिए कुल 18 हजार 406 हेक्टयर क्षेत्र में एक करोड़ 32 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
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हमें आने वाली पीढ़ी के लिए धरती बचाना है : मुख्यमंत्री चौहान
हरदा के वृक्षारोपण अभियान में लगे कार्यकर्ताओं का भोपाल में सम्मान होगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान
सुभाष क्लब द्वारा हरदा, बैतूल- होशंगाबाद-खण्डवा और सीहोर में पाँच करोड़ पौधे लगाने का संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस पर हरदा में आयोजित
कार्यक्रम को मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्चुअली किया संबोधित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमें आने वाली पीढ़ी के लिए धरती बचाना है। धरती को बचाने में प्रत्येक व्यक्ति पेड़ लगाकर सहयोग दे सकता है। हमें वृक्ष मित्र और पर्यावरण मित्र बन कर, आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण-संरक्षण के अपने दायित्व का निर्वहन करना ही होगा। हरदा में सुभाष मंच द्वारा पर्यावरण-संरक्षण के लिए संचालित गतिविधियों से मैं अभिभूत हूँ। हरदा के वृक्षारोपण अभियान में लगे कार्यकर्ताओं का भोपाल में सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सुभाष मंच, हरदा द्वारा “आत्मनिर्भर कृषक – आत्म-निर्भर कृषि” में आयोजित वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम को निवास कार्यालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। हरदा में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल, वरिष्ठ समाज सेवी, पर्यावरण प्रेमी तथा सुभाष मंच, हरदा के संस्थापक श्री गौरी शंकर मुकाती उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण धरती का अस्तित्व संकट में है। पर्यावरण-संरक्षण के लिए जितना काम होना चाहिए, उतना नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत में पर्यावरण-संरक्षण के लिए समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें हम सबको योगदान देना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं, प्रतिदिन एक पौधा रोपता हूँ, और पेड़ लगाने से ही स्वयं को सम्पूर्ण अनुभव करता हूँ। जब तक पेड़ न लगा लूं तब तक कुछ अधूरा सा लगता है। वृक्षारोपण कर हम एक प्रकार से साँसें लगा रहे हैं। पेड़ ऑक्सीजन देने के साथ-साथ, नदियों को जल और कई जीव-जन्तुओं को आश्रय प्रदान करते हैं। धरती के तापमान में हो रही वृद्धि से भयानक स्थिति उत्पन्न होगी, इससे बचाव का वृक्षारोपण ही एकमात्र उपाय है।
कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने बताया कि सुभाष क्लब द्वारा हरदा सहित बैतूल, होशंगाबाद,खण्डवा और सीहोर में पाँच करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया गया है। इसके लिए मुम्बई की “ग्रो ट्रीज़” कम्पनी के साथ एग्रीमेंट भी हुआ है। विश्व पर्यावरण दिवस पर सुभाष मंच के 400 सहयोगी और डेढ़ लाख किसान अपनी निजी भूमि में मेढों पर पौधे लगा रहे हैं। “आत्म-निर्भर कृषक-आत्म निर्भर कृषि”, संसाधनों के कुशल और वैज्ञानिक प्रबंधन की अवधारणा है। इसके अंतर्गत मेढ़ों और अनुपयोगी भूमि पर सागौन और फलदार वृक्षों का रोपण करके किसानों के लिए भविष्य- निधि निर्माण की परिकल्पना है। नदियों के तटों को भूमि-कटाव से बचाने और बाढ़ नियंत्रण के लिए भी वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे खेतों में प्रयोग किए गए कीटनाशकों को सीधे नदियों में जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी।
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आने वाली पीढ़ी पर्यावरण-संरक्षण के लिए जागरूक और सक्रिय रहे : मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया जल तरंग इंटरप्रटेशन सेंटर का अवलोकन
चित्रकला प्रतियोगिता और क्विज के विजेता बच्चों को दिए पुरस्कार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रकृति को सहेज कर रखने के प्रति बच्चों के विचार और उनकी संवेदनशीलता कला- माध्यमों से प्रभावी रूप से अभिव्यक्त हुई है। आगे आने वाली पीढ़ी, पर्यावरण-संरक्षण के लिए जागरूक और सक्रिय रहे, यह समय की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान विश्व पर्यावरण दिवस पर भोपाल के बोट क्लब पर भोजवेट लेंड परियोजना के अंतर्गत विकसित जल तरंग इंटरप्रटेशन सेंटर में बच्चों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यावरण-संरक्षण पर केन्द्रित चित्रकला प्रतियोगिता और क्विज के विजेता बच्चों को पुरस्कार वितरित किए। उन्होंने चित्रकला के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा का संदेश देने वाले बच्चों को शुभकामनाएँ दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंटरप्रटेशन सेंटर का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर नवीन एवं नवकरणीय, ऊर्जा तथा पयार्वरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों से कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ विभिन्न कलाएँ सीखना, परिवेश से संबंधित समझ को बढ़ाना और व्यक्तिगत रूचि की गतिविधियों में अभिवृद्धि,अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में प्रदेश, देश में पाँचवें नम्बर पर है। हमें अपने प्रदेश को पहले नम्बर पर लाना है। इसके लिए शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी मेहनत करना होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे खूब पढ़ें, देश के श्रेष्ठतम संस्थानों में प्रवेश के लिए गंभीरता से प्रयास करें। चयनित संस्थाओं में चयन होने पर अध्ययन का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि तालाबों और वेटलेंड के संरक्षण के प्रति जन-सामान्य में संवेदनशीलता और जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से बड़े तालाब के किनारे, बोट क्लब के समीप जलतरंग इंटरप्रटेशन सेंटर वर्ष 2004 में बनाया गया था। इसमें तालाबों और वेटलेंड से संबंधित जानकारी मॉडल, प्रादर्शों, उपकरणों के माध्यम से प्रदर्शित की गई है। सेंटर में भोजवेट लेंड में पाई जाने वाली वनस्पति, जीव-जन्तु और पक्षियों तथा पानी के उपयोग से संबंधित सम्पूर्ण विवरण आकर्षक रूप में प्रदर्शित किया गया है। सेंटर में प्रदेश के नदी तंत्र तथा विश्व के विभिन्न महाद्वीपों के परिवेश, मौसम, पारिस्थितिकी तंत्र के संबंध में जानकारी दी गई है। सेंटर में खेल के माध्यम से बच्चों की जानकारियों में अभिवृद्धि के लिए भी गतिविधियाँ संचालित की जाती हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता इशिका सिंह, प्रियल जैन और शीतल गुप्ता एवं क्विज की विजेता अतीफा नाज़, प्रज्ञा कंसोटिया और शिखा यादव को पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पर्यावरण-संरक्षण पर केंद्रित प्रकाशन-सामग्री भी बच्चों को भेंट की गई।
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मुख्यमंत्री चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस पर परिवार के सदस्यों और पर्यावरण प्रेमियों के साथ किया पौध-रोपण
एक साथ लगाए गए 63 पौधे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज अपने परिवार के सदस्यों, पर्यावरण प्रेमियों तथा समाज सेवियों के साथ स्मार्ट सिटी उद्यान में पौध-रोपण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पत्नी श्रीमती साधना सिंह, पुत्र श्री कार्तिकेय सिंह तथा श्री कुणाल सिंह के साथ बरगद, पीपल और नीम के पौधे रोपे। मुख्यमंत्री श्री चौहान तथा उनके परिवार के सदस्यों ने पर्यावरण प्रेमियों तथा समाज सेवियों के साथ नीम के 15, पीपल के 9, सप्तपर्णी के 9, कचनार के 8, करंज के 6, हरसिंगार के 5, बादाम के 3 तथा कदम्ब और आम के एक-एक पौधे लगाए। विश्व पर्यावरण दिवस पर भोपाल में पर्यावरण-संरक्षण व स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य कर रही लगभग 20 संस्थाओं के साथ 63 पौधे लगाए गए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सीहोर की कक्षा एक की छात्रा जिनिका परमार के साथ पीपल का पौधा लगाया। वरिष्ठ नागरिक श्री चंद्रशेखरन सिंगापुर में जन्में अपने पोते के नाम पर पौध-रोपण के इच्छुक थे और वे अपने साथ आम का पौधा लेकर आए थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री चंद्रशेखरन के साथ उनके नवजात पोते ओमश्री के नाम पर आम का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहानने पत्रकार बंधुओं के साथ भी पौध-रोपण किया।
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मुख्यमंत्री चौहान ने गुरू गोलवलकर की पुण्य-तिथि पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज निवास पर गुरु गोलवलकर जी की पुण्य-तिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। महाराष्ट्र के रामटेक में 19 फरवरी 1906 को जन्में श्री माधव सदाशिवराव गोलवलकर ने डॉ. हेडगेवार के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक की जिम्मेदारी संभाली। उनका रूझान राष्ट्र-संगठन कार्य की ओर प्रारंभ से ही रहा। स्वामी विवेकानंद के तत्व-ज्ञान और कार्य-पद्धति से वे बहुत प्रभावित रहे। सक्षम भारत के निर्माण के लिए गुरू गोलवलकर ने अनेक क्षेत्रों में योगदान दिया। गुरू गोलवलकर का निधन 5 जून 1973 को नागपुर में हुआ।
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