09/05/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता सुश्री राजो मालवीय ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने सर्वोच्च न्यायालय से अयोध्या विवाद के मामले में राय मांगी थी। इसी दरम्यान इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ढांचे के संबंध में पुरातत्व विभाग को ढांचे की खुदाई कर अवशेषों की गहन जांच कर अपना निष्कर्ष देने का आदेश दिया। पुरातत्व विभाग ने गहन जांच पड़ताल अध्ययन करने के बाद जो निष्कर्ष दिया उसका अभिप्राय यही था कि दसवी शताब्दी से लेकर ढंाचे पर दोबारा बनाए गए स्ट्रक्चर की जांच से पता चलता है कि पत्थर और ईंटों को जिस तरह से तराशा बनाया गया है वह साबित करता है कि उत्तरी भारत के स्थापत्य के अनुसार हिन्दू मंदिर का अस्तित्व था। राष्ट्रपति जी ने जो इच्छा जाहिर की थी पुरातत्व विभाग के अध्ययन ने उसकी पूर्ति कर दी है।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पुरातत्व की अध्ययन रिपोर्ट को विश्वसनीय मानते हुए तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इस प्रतिवेदन को सही माना। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर की अध्यक्षता में कोर्ट ने उभय पक्षों से कहा है कि मिल बैठकर तय कर लें और आवश्यकता पड़े तो न्यायधीश की मदद भी ले सकते है। मामला संवेदनशील और हिन्दू आस्था से जुड़ा है। इसलिए इस बात में दम है कि वास्तविकता के अनुसार सहमति बनायी जा सकती है। पुरातत्व विभाग की राय दिए गए साक्ष्य से बड़ा सबूत साक्ष्य क्या हो सकता है।