09/05/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री अजयप्रताप सिंह ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा की सफलता सामाजिक परिवर्तन की बयार के रूप में दिखाई देने लगी है। प्रदेश में जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए तटीय ग्रामों में नर्मदा सेवक स्वयं स्फूर्त होकर तटवर्ती क्षेत्रों वृक्षारोपण की तैयारी में जुट गये हैं। नर्मदा सेवा यात्रा प्रदेश ही नहीं देश में पर्यावरण संरक्षण, जल स्त्रोतों को सहेजने की दिशा में संदेशवाहक सिद्ध हुई है। श्री अजयप्रताप सिंह ने आशा व्यक्त की है कि नर्मदा जल और पर्यावरण मंथन का आयोजन युवा पीढ़ी की जल, पर्यावरण चेतना समृद्ध बनाने में मील का पत्थर सिद्ध होगा। जल संपत्ति और पर्यावरण संरक्षण बोध विकसित करने में मध्यप्रदेश में जारी नर्मदा सेवा यात्रा दीप स्तंभ बन चुकी है। जिसका श्रेय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान को जाता है। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के इस कथन कि नर्मदा सेवा यात्रा राजनैतिक कर्मकांड नहीं जीवन का मिशन है, ने जन-जन के मर्म का स्पर्श किया है।
नदी जल और पर्यावरण मंथन के आयोजन को सामाजिक सरोकार निरूपित करते हुए श्री अजयप्रताप सिंह ने कहा कि इस आयोजन ने प्रकृति के प्रति संवेदना के अंकुर पैदा कर दिये हैं। श्री शिवराज सिंह चैहान ने जहाॅ जन-जन का आव्हान करते हुए कहा कि अब समय सोने का नहीं जागने का है। आलोचना करने के बजाय सकारात्मक पहल करने का वक्त है। हमें तय करना है कि आने वाली पीढ़ी को कैसा पर्यावरण छोड़कर जाना चाहते हैं, क्योंकि जल और पर्यावरण से ही जीवन है। हरियाली का सृजन और संरक्षण सिर्फ सरकार का सरोकार मानकर नहीं चल सकते हैं। हर हाथ को उस दिशा मेे क्रियाशील करके लक्ष्य पूर्ण कर सकेंगे।
श्री अजयप्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर में हिमालय से निकलने वाली नदियों का जहाॅ जल पोषण ग्लेशियर से होता है। पठार और मैदानों में बहने वाली नदियों का जल स्त्रोत पहाड़, वन और पर्यावरण है जो वर्ष भर जल स्त्रोतों को सक्रिय रखते हैं। इसलिए नर्मदा सेवा यात्रा में नर्मदा के तटीय क्षेत्रों दोनों और फलों की खेती पर सरकार ने आकर्षक सब्सीडी देने का ऐलान किया है। सरकार उद्यानिकी निकाय में जुटने वाले काश्तकारों के लिए संसाधन जुटाने में उदारतापूर्वक जुट गई है। नर्मदा सेवा यात्रा के एकाधिक आयाम हैं। जल स्त्रोतों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के उपयोग की वर्जना के साथ जैविक खेती के प्रति भी नर्मदा सेवा यात्रा ने अच्छा जन-जागरण किया है। नर्मदा के किनारे बसे शहरों में स्थित सीवेज ट्रीटमेन्ट सयंत्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार ने विश्व स्तरीय कंपनियों से टेंडर आमंत्रित कर साबित कर दिया है कि प्रदूषित जल और प्रदूषित करने वाला कोई पदार्थ नर्मदा की पावन जल धार में नहीं मिलने दिया जायेगा। यह पर्यावरण चेतना हमारी तासीर बनेगी और नदी पोखरों को प्रदूषण मुक्त करने में जुटना जन-जन की जिम्मेदारी होगी।