भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि हर व्यक्ति का अपना घर पाने का सपना होता है। लेकिन रियल एस्टेट कारोबारियों की मनमानी से खरीददार किसी न किसी रूप में प्रताडि़त होता और कभी-कभी ठगा भी जाता है। कहीं निर्धारित मापदंड के अनुसार निर्मित घर नहीं मिलता। मिलता है तो निर्माण सामग्री में गुणवत्ता की कमी होती है। फिर अक्सर निर्माण सामग्री का भाव महंगा होने पर तयशुदा कीमत से अधिक वसूली करते है और जिस समय पर कब्जा देना चाहिए, उसके कई साल बाद मकान का कब्जा देते है। मध्यम वर्ग और गरीब वर्ग के खरीददार ही सॉफ्ट टारगेट बनते है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट बनाकर अब रियल एस्टेट सेक्टर की लगाम कस दी है। इस कानून को राज्यों में लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश में अग्रणी राज्य बन गया है। कानून के अमल में आने के लिए श्री विष्णुदत्त शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई दी है।
श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में रियल एस्टेट अथॉरिटी का गठन भी हो चुका है और अथॉरिटी ने सरकारी और निजी क्षेत्र में रियल एस्टेट कारोबारियों को रेरा के अंतर्गत पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया है। प्रदेश का हाउसिंग बोर्ड, बीडीए तथा निजी क्षेत्र के बिल्डरों को पंजीयन के साथ ही अपनी परियोजना की जानकारी देना अनिवार्य हो गया है। यदि ऐसा करने में बिल्डर शिथिलता बरतता है तो उसे उसकी परियोजना लागत का दस प्रतिशत अर्थदंड अदा करना पड़ेगा। इस अवज्ञा के लिए जेल की सजा का प्रावधान भी है।
श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि यदि निर्माता फर्म समयावधि में निर्माण कार्य पूरा करने में विफल रहेगी तो उसे खरीददार को उसकी रकम का ब्याज भी भुगतना पड़ेगा। हर निर्माण परियोजना का प्रथक बैंक एकाउंट खोलना पड़ेगा और 70 प्रतिशत जमा राशि परियोजना में ही निवेश करना पड़ेगी। हर खरीददार को इस कानून में बिल्डर की गलती के विरूद्ध शिकायत करने का हक मिल गया है, और आनन-फानन में शिकायत के समाधान का खरीददार को रेरा कानून ने हक दे दिया है। श्री शर्मा ने कहा कि इस कानून के अमल से रियल एस्टेट सेक्टर की विश्वसनीयता बढ़ेगी और खरीददार को अपने मकान की गारंटी भी मिल गयी है।