18 August 2021 ki Top News,todayindia,todayindia news,today india,topnews4august2021,currentaffairs,18august2021kikhaskhabren,studymaterial,competativeexamstudymaterial
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को गुजरात के ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर में 83 करोड़ रूपये की विभिन्न परियोजनाओं का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखेंगे। मंदिर प्राधिकरण के अनुसार प्रधानमंत्री श्री सोमनाथ न्यास के अध्यक्ष हैं। न्यास के सचिव और ट्रस्टी प्रवीण लहरी ने बताया कि श्री मोदी तीन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और पार्वती मंदिर के भूमि पूजन समारोह में वर्चुअली शामिल होंगे। इस मंदिर का निर्माण मुख्य मंदिर के निकट तीस करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है।
इन परियोजनाओं में 49 करोड़ रूपये की लागत से मंदिर के पीछे समुद्र तट पर एक किलोमीटर लंबे समुद्र दर्शन पैदल-पथ का निर्माण, मंदिर के निकट 75 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित संग्रहालय और मंदिर के सामने स्थित पुराने सोमनाथ मंदिर या अहिल्याबाई होल्कर मंदिर का मरम्मत कार्य शामिल है। इस अवसर पर गृहमंत्री और सोमनाथ मंदिर के ट्रस्टी अमित शाह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहेंगे। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे।
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भारत ने ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की बैठक में सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की सीमा का विस्तार करने की इच्छा जताई
श्री पीयूष गोयल ने ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की 5वीं बैठक की अध्यक्षता की
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की 5वीं बैठक की अध्यक्षता की। ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के उद्योग मंत्रियों में चीन के उद्योग और आईटी मंत्री श्री जिओ याक़िंग, दक्षिण अफ्रीका के व्यापार, उद्योग और प्रतिस्पर्धा मंत्री श्री इब्राहिम पटेल,ब्राजील के अर्थव्यवस्था मंत्रालय में उप-मंत्री श्री कार्लोस द कोस्टा, रूस के उद्योग और व्यापार मंत्री श्री डेनिस मंटुरोव एवं अन्य प्रतिनिधियों ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से भाग लिया।
भारत ने इस वर्ष अपनी अध्यक्षता के लिए ‘ब्रिक्स@15: निरंतरता, समेकन और सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग’ विषय का चयन किया।
18 अगस्त 2021 को आयोजित ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों की 5वीं बैठक में संयुक्त घोषणा को अपनाया गया।
बैठक के दौरान, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाते हुए बेहतर और स्मार्ट शासन की दिशा में प्रौद्योगिकी के उपयोग में भारत के प्रयासों का उल्लेख किया गया। भारत ने एक सक्षम और गतिशील स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है, मौजूदा प्लेटफॉर्म और डिजिटल तकनीकों जैसे आधार और यूपीआई भुगतान का लाभ उठाया है ताकि अंतिम छोर तक महत्वपूर्ण सेवाओं के वितरण को सुनिश्चित किया जा सके। कोविन और डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्र जैसी ऑनलाइन प्रणालियों का आज दुनिया भर में सफलता की गाथाओं के रूप में वर्णित किया जा रहा है।
ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने विशेष रूप से व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में कोविड-19 महामारी के अप्रत्याशित प्रभाव पर भी चर्चा की। उन्होंने ब्रिक्स देशों के सभी कोविड योद्धाओं, चिकित्सकों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और वैज्ञानिकों को इन देशों में लोगों का जीवन बचाने में उनके निःस्वार्थ और अथक प्रयासों के लिए बधाई दी।
उन्होंने तेजी से बदलती दुनिया में उभरती हुई नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता की सराहना की और इसे उद्योग के आधुनिकीकरण और परिवर्तन, समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में पहचाना, जिसने ब्रिक्स राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद की है।
उन्होंने कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और आदान-प्रदान कार्यक्रमों के माध्यम से संबंधित कार्यबल और व्यवसायों के प्रशिक्षण और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए नई उभरती प्रौद्योगिकी के साथ तेजी से बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप मानव संसाधन बनाने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण व्यापार वातावरण को बढ़ावा देने, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने, डिजिटल समावेश को बढ़ावा देने, निहितार्थों का आकलन करने और विकास को आगे बढ़ाने के लिए प्रगतिशील, सुरक्षित, न्यायसंगत और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
सभी ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के साथ सहयोग करने की इच्छा भी व्यक्त की। भारत ने एनडीबी की सीमा का विस्तार करने और औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के अलावा सामाजिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए संसाधनों का उपयोग करने की इच्छा व्यक्त की।
बैठक का समापन ब्रिक्स उद्योग मंत्रियों द्वारा एक समूह के रूप में मिलकर कार्य करने, एक-दूसरे की शक्तियों का पूरक बनने, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने के साथ-साथ कमजोरियों से सीखने, और सतत विकास के लिए 2030 एजेंडे को हासिल करने के लिए सकारात्मक और रचनात्मक रूप से आगे बढ़ने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ हुआ।
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लद्दाख के लिए एक अलग आईएएस/सिविल सेवा परीक्षा केंद्र की स्थापना के बारे में जानकारी दी, जो लेह में स्थापित होगा
लेह में पहली बार 10 अक्टूबर, 2021 को निर्धारित सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2021 का आयोजन किया जायेगा
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लद्दाख के लिए एक अलग आईएएस/सिविल सेवा परीक्षा केंद्र की स्थापना के बारे में आज जानकारी दी, जो लेह में स्थापित किया जायेगा।
लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर द्वारा नॉर्थ ब्लॉक के डीओपीटी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति और लद्दाख के संदर्भ में सेवा से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के तुरंत बाद इसकी घोषणा की गई।
बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का इस वर्ष से लेह में भी एक परीक्षा केंद्र होगा, जहां पर पहली बार सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2021 का आयोजन होगा। यह परीक्षा इस साल 10 अक्टूबर को होनी निर्धारित है। यह लद्दाख क्षेत्र के उन युवाओं की लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करेगा, जिनकी शिकायत थी कि, उन्हें हवाई किराए की वहन क्षमता और अनिश्चित मौसम की स्थिति के कारण देश के अन्य हिस्सों में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में परेशानियां आती थीं।
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डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि “एआईएस के एनई कैडर से संबंधित एआईएस अधिकारियों के लिए विशेष भत्ते” नामक मौद्रिक प्रोत्साहन का भुगतान वर्तमान में मूल वेतन के 20% की दर से उन अधिकारियों को किया जाता है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में काम कर रहे हैं और इसे 12 अप्रैल, 2021 के आदेश के तहत केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कार्यरत एआईएस अधिकारियों के लिए भी बढ़ा दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने याद करते हुए कहा कि, करीब पांच साल पहले विभाग द्वारा यूपीएससी परीक्षा केंद्र की मांग उठाई गई थी, लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका था। हालांकि, अब जब से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप से लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, इस क्षेत्र से आईएएस/सिविल सेवा के उम्मीदवारों की सुविधा के लिए विशेष और आत्मनिर्भर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इन बिंदुओं पर उपयुक्तता से विचार किया गया था। इस क्षेत्र ने अतीत में भारत को कुछ बेहतरीन आईएएस अधिकारियों की सेवाएं प्रदान की हैं।
एक अन्य बड़े फैसले में डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि, डीओपीटी से संबद्ध कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के ग्रुप ‘बी’ और ‘सी’ के पदों पर चयन के लिए कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि, यह व्यवस्था सरकारी विभागों में समूह-‘बी’ और समूह-‘सी’ पदों के लिए योग्यता के आधार पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चयन प्रक्रिया को कारगर बनाएगी।
यूपीएससी परीक्षाओं के आयोजन के लिए लेह में परीक्षा का एक नया केंद्र खोला जाएगा, जबकि लेह का लैमडोन ऑनलाइन असेसमेंट इंस्टीट्यूट एसएससी परीक्षाओं के संचालन की सुविधा प्रदान कर रहा है।
उपराज्यपाल आर के माथुर ने लद्दाख पर विशेष ध्यान देने और केंद्र शासित प्रदेश द्वारा किये गए हर अनुरोध पर डीओपीटी की त्वरित कार्रवाई के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में उपयुक्त आईएएस अधिकारियों की तैनाती में मदद करने का भी अनुरोध किया, विशेषकर इसलिए कि, हाल ही में इस क्षेत्र में केंद्र द्वारा प्रायोजित कई महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
उपराज्यपाल को कार्मिक मंत्रालय और डीओपीटी से हर संभव सहायता तथा सहयोग का आश्वासन देते हुए श्री जितेंद्र सिंह ने इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की कि, कार्मिक मंत्रालय के तहत प्रशासनिक सुधार विभाग केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सिविल सेवकों और अधिकारियों के लिए सितंबर के महीने में दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला आयोजित करेगा। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, लद्दाख को आईएएस के एजीएमयूटी कैडर में शामिल करने से क्षेत्र में पोस्टिंग के लिए एक सक्षम व्यापक पूल और अधिकारियों की पसंद शामिल होंगे।
उपराज्यपाल ने कार्बन मुक्त लद्दाख की पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि, केंद्र शासित प्रदेश सरकार इस क्षेत्र में उपलब्ध विशाल जैविक और प्राकृतिक संसाधनों की अधिकतम उपयोगिता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ताड़ के तेल (पाम ऑयल) के लिये एक नये मिशन की शुरुआत को मंजूरी दी गई है, जिसका नाम राष्ट्रीय खाद्य तेल–पाम ऑयल मिशन (एनएमईओ-ओपी) है। यह केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना है और इसका फोकस पूर्वोत्तर के क्षेत्रों तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर है। खाद्य तेलों की निर्भरता बड़े पैमाने पर आयात पर टिकी है, इसलिये यह जरूरी है कि देश में ही खाद्य तेलों के उत्पादन में तेजी लाई जाये। इसके लिये पाम ऑयल का रकबा और पैदावार बढ़ाना बहुत अहम है।==========================Courtesy============================
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) संरचना और इसके पेरिस समझौते को लेकर भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, कॉप (काफ्रेंस ऑफ दि पार्टीज) 26 में सफल और संतुलित परिणाम के लिए रचनात्मक रूप से काम करने पर जोर देते हुए इस साल नवंबर में ग्लासगो में होने वाले कॉप26 के लिए ब्रिटेन को भारत का पूरा समर्थन देने की घोषणा की। ==========================Courtesy============================ कोविड-19 टीकाकरण कवरेज कल 56 करोड़ के पड़ाव के पार पहुंच गया। आज सात बजे सुबह तक की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार 62,67,149 सत्रों के जरिये टीके की कुल 56,06,52,030 खुराकें लगाई गईं। पिछले 24 घंटों में 55,05,075 खुराकें लगाई गईं
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विदेश मंत्री डॉक्टर एस.जयशंकर ने न्यू-यार्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुत्तरॅश के साथ अफगानिस्तान के मसले पर बातचीत की।
विदेश मंत्री ने ट्वीट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव से मिलकर अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद हुई बातचीत में अफगानिस्तान पर ध्यान केन्द्रित रहा।
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देश में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए दुनिया में सबसे कम पेटेंट शुल्क अब भारत में ही होगा। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सीआईआई के एक कार्यक्रम में इस संबंध में घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश में सभी मान्यता सरकारी एवं निजी उच्च शिक्षा संस्थानों को पेटेंट शुल्क में एक समान 80 प्रतिशत तक छूट दी जायेगी। इसमें यूनिवर्सिटी, कॉलेज एवं स्कूल भी शामिल होंगे। साथ ही, भारत सहित विदेशों में संचालित भारतीय शिक्षा संस्थानों के लिए भी पेटेंट शुल्क 4.2 लाख से घटाकर 85,000 रुपये कर दिया गया है।
एक समान छूट की थी मांग
इससे पहले, केंद्रीय उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने पेटेंट (संशोधन) नियमावली, 2003 में संशोधन के प्रस्ताव पर 9 मार्च तक सुझाव या आपत्तियां मांगी थी। पेटेंट कानून संशोधन पर हुई राष्ट्रीय परिचर्चा में कई यूनिवर्सिटी और कॉलेज ने सरकार को सुझाव दिया था कि सरकारी एवं निजी शिक्षा संस्थानों को पेटेंट शुल्क में एक समान छूट दी जाये।
ग्रेडिंग में होगा सुधार, शोध कार्यों को मिलेगा बढ़ावा
आईपीआर विशेषज्ञ प्रो.अनिंद्य सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सभी मान्यता प्राप्त सरकारी एवं निजी शिक्षा संस्थानों में भी पेटेंट शुल्क में 80 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थान की मान्यता व ग्रेडिंग उसके द्वारा कराये गये शोध कार्यों एवं पेटेंट के मापदंडों से निर्धारित होती है। यूजीसी, नेट व NRRIF से मान्यता के लिए भी संस्थानों में पेटेंट अधिक होने चाहिए। ऐसे में सरकार के इस निर्णय से शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय पेटेंट की बढ़ेगी विश्वसनीयता
आईपी मोमेंट सर्विसेज के संस्थापक निदेशक डॉ.परेश कुमार सी. दवे ने कहा कि देश में इनोवेशन को बढावा देने के लिए सभी मान्यता प्राप्त निजी विश्वविद्यालयों और शिक्षा संस्थानों को पेटेंट शुल्क में 80 प्रतिशत की छूट मिलने से भारतीय पेटेंट की विश्वसनीयता बढ़ेगी। इसमें पेटेंट आवेदन, पंजीयन, नवीनीकरण को भी शामिल किया गया है। देश में आईपीआर एवं शोध कार्य बढ़ने से उच्च शिक्षा संस्थानों की वर्ल्ड रैंकिंग में सुधार होगा।
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खनन मंत्रालय ने भारतीय गुणवत्ता परिषद के राष्ट्रीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रमाणन बोर्ड द्वारा विकसित निजी पर्यवेक्षण एजेंसियों के प्रमाणन की योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का उद्देश्य खनिजों के पर्यवेक्षण में और अधिक एजेंसियों को शामिल कर खनन क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को बढ़ाना है। इससे पर्यवेक्षण की गति में वृद्धि होने के साथ ही रोजगार के अवसर बढेंगे तथा नीलामी के लिए अधिक खंड उपलब्ध होंगे।
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दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के जहाजों की चल रही तैनाती के क्रम में आईएनएस रणविजय और आईएनएस कोरा ने 18 अगस्त 2021 को वियतनाम पीपुल्स नौसेना (वीपीएन) के वीपीएनएस ली थाई तो (एचक्यू-012) युद्ध-पोत के साथ द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास किया। द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा साझा किए गए मजबूत रिश्ते को दृढ़ता से आगे ले जाना है और यह भारत-वियतनाम रक्षा संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महान सेनानायक तथा अजेय योद्धा बाजीराव पेशवा (प्रथम) की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाजीराव पेशवा प्रथम के चित्र पर आज निवास पर माल्यार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ट्वीट कर कहा कि अजेय और अप्रतिम योद्धा, वीर पेशवा बाजीराव (प्रथम) की जयंती पर कोटिश: नमन। आपके शौर्य, पराक्रम और वीरता की गौरव गाथा पर भारत की भावी पीढ़ियों को सदैव गर्व रहेगा। वीर शिरोमणि को प्रणाम।
बाजीराव पेशवा (प्रथम) 1720 से 1740 तक मराठा साम्राज्य के चौथे छत्रपति शाहूजी महाराज के पेशवा (प्रधानमन्त्री) रहे। इनका जन्म 18 अगस्त 1700 को हुआ। इन्हें लोग अपराजित हिन्दू सेनानी सम्राट भी कहते थे। इन्होंने अपने कुशल नेतृत्व एवं रणकौशल के बल पर मराठा साम्राज्य का विशेषतः उत्तर भारत में विस्तार किया। इसके कारण ही उनके अवसान के 20 वर्ष बाद उनके पुत्र के शासनकाल में मराठा साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच सका। अपने यशोसूर्य के मध्यकाल में ही 28 अप्रैल 1740 को अचानक रोग के कारण उनकी असामयिक मृत्यु हुई। पेशवा बाजीराव (प्रथम) की समाधि खरगोन जिले के रावेर खेड़ी में है।
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कपड़ा मंत्रालय के सचिव श्री उपेंद्र प्रसाद सिंह ने आज, ओडी आर्ट सेंटर के सहयोग सेविकास आयुक्त कार्यालय, हस्तशिल्पद्वारा राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय तथा हस्तकला अकादमी में आयोजित लोक और जनजातीय कला पेंटिंगपर एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी “रीतियों से कलाकृतियोंका सफर”का उद्घाटन किया। इसमें सात देशों की 125 लोक और जनजातीय पेंटिंग प्रदर्शनी के लिए रखी गयी हैं जिनमें भारत की 102, दक्षिण कोरिया की आठ, इंडोनेशिया की एक, म्यांमार की दो, श्रीलंका की दो, बांग्लादेश की तीन और नेपाल की सात पेंटिंग शामिल हैं। इस विशेष प्रदर्शनी (18 अगस्त से तीन सितंबर तक) को ओडी आर्ट सेंटर के सहयोग से नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी द्वारा क्यूरेट किया गया है।
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