रायपुर, 11 अगस्त 2016
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज यहां आमापारा के गुरूघासीदास प्लाजा परिसर में देश की पहली लोकसभा के सदस्य और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. रेशमलाल जांगड़े की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर डॉ. सिंह ने अखिल भारतीय गुरूघासीदास महासमिति के सांस्कृतिक भवन के निर्माण के लिए पन्द्रह लाख रूपए देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री रेशम लाल जांगड़े और स्वर्गीय मिनीमाता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय गुरू घासीदास महासमिति द्वारा स्वर्गीय श्री रेशमलाल जांगड़े और स्वर्गीय मिनी माता की पुण्य तिथि के अवसर पर किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए कहा कि स्व. रेशमलाल जांगड़े के लम्बे सार्वजनिक जीवन से त्याग, सेवाभाव एवं कठिन परिश्रम करने की प्रेरणा मिलती है। उनकी प्रतिमा समाज को उनके बताये रास्ते पर लगातार चलते रहने की प्रेरणा देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. जांगड़े देश की प्रथम संसद के सदस्य थे। वे छत्तीसगढ़ की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाते थे। उन्होंने समाज के निर्धन छात्रों को शिक्षा दिलाने एवं सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का कार्य किया। लम्बे समय तक सांसद एवं विधायक रहने के बावजूद जनता के बीच रहकर संघर्षशील जीवन व्यतीत करते रहे। उन्होंने कहा कि गिरौदपुरी को दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित करने में स्व. रेशमलाल जांगड़े का महत्वपूर्ण योगदान है। वे साइकिल से, पैदल गिरौदपुरी पहुंच जाते थे। वहां की सड़क, आधारभूत सुविधाओं के लिए श्री जांगड़े उनसे अक्सर मुलाकात करते थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कर्मठ समाजसेविका, सजग सांसद एवं ममता की प्रतीक स्व. मिनीमाता का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मिनी माता ने नारी शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया। उन्होंने मानव-मानव एक समान के सिद्धांत का पालन किया।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि मिनीमाता से मिलकर कोई भी व्यक्ति निराश होकर नहीं जाता था। उनसे जो भी सहयोग बन पड़ता था, वह करती थीं। श्री अग्रवाल ने कहा कि स्व. रेशमलाल जांगड़े की आदमकद प्रतिमा समाज को उनके पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित करेगी। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद एवं स्व. रेशमलाल जांगड़े के लघु भ्राता श्री भूषणलाल जांगड़े ने गुरूघासीदास महासमिति के सांस्कृतिक भवन के लिए दस लाख रूपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्व. रेशमलाल जांगड़े समाज के युवाओं से हमेशा सम्पर्क में रहकर उन्हें मार्गदर्शन देते थे, ताकि युवाओं में भटकाव न हो। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पंथी नर्तक तीन दलों को दस-दस हजार रूपए स्वेच्छानुदान से देने की घोषणा की। इस अवसर पर स्व. रेशमलाल जांगड़े की धर्मपत्नी श्रीमती कमला जांगड़े, उनके सुपुत्र श्री हेमचंद जांगड़े, गुरूघासीदास महासमिति के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण भारती समेत समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।