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मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार श्री गुरूदेव काश्यप के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया : छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के सुनहरे युग का अंत : डॉ. रमन सिंह

रायपुर, 11 अगस्त 2016
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार श्री गुरूदेव काश्यप के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। ज्ञातव्य है कि हिन्दी दैनिक ‘रायगढ़ संदेश’ के प्रधान सम्पादक श्री काश्यप का आज तड़के अपने गृह नगर जिला मुख्यालय रायगढ़ के एक प्राइवेट अस्पताल में निधन हो गया। वह छत्तीसगढ़ में 60 वर्ष से भी अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे। डॉ. रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर में जारी शोक संदेश में कहा है कि श्री काश्यप के निधन से छत्तीसगढ़ में स्वस्थ, स्वच्छ और निष्पक्ष पत्रकारिता के एक सुनहरे युग का अंत हो गया है। उन्होंने अपनी लेखनी से राज्य, देश और समाज को अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दी।
डॉ. रमन सिंह ने कहा – स्वर्गीय श्री काश्यप छत्तीसगढ़ में दैनिक पत्रकारिता की बुनियाद रखने वाले अपने जमाने के युवा पत्रकारों की पहली पीढ़ी के अत्यंत सम्मानित सदस्य थे। वे एक संवेदनशील कवि, चिंतक और विद्वान लेखक थे। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में आयोजित राज्य अलंकरण समारोह 2015 में पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए श्री गुरूदेव काश्यप को प्रदेश सरकार द्वारा चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हालांकि वे अपनी अस्वस्थता के कारण समारोह में नहीं आ पाए थे, लेकिन उनके सुपुत्र ने उनकी ओर से यह सम्मान ग्रहण किया था।
मुख्यमंत्री ने श्री गुरूदेव काश्यप के निधन की सूचना मिलते ही आज सवेरे राजधानी रायपुर से टेलीफोन पर उनके सुपुत्र श्री देव चौबे से सम्पर्क किया और अपनी संवेदना प्रकट की। डॉ. सिंह ने कहा – अभी पांच दिन पहले ही श्री काश्यप की धर्मपत्नी का निधन हुआ और आज श्री काश्यप के निधन से उनके परिवार पर दुःखों का दोहरा पहाड़ टूट पड़ा। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से काश्यप परिवार को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
जीवन परिचय
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ निवासी वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार श्री गुरूदेव काश्यप का जन्म 15 अगस्त 1935 को रायगढ़ में हुआ था। उन्होंने मानव विज्ञान में एम.ए. की उपाधि प्राप्त की और भाषा विज्ञान में डिप्लोमा भी लिया। वे छत्तीसगढ़ में लगभग छह दशकों से भी कुछ अधिक समय तक साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहे। वर्ष 1952 से 1974 तक रायपुर उनका कर्मक्षेत्र रहा। उन्होंने वर्ष 1952 में रायपुर से छत्तीसगढ़ के प्रथम हिन्दी दैनिक ‘महाकोशल’ से अपनी पत्रकारिता की शुरूआत की और कई वर्षों तक इसके सम्पादक रहे। वर्ष 1957-58 में उन्होंने कोलकाता के हिन्दी दैनिक ‘विश्व बंधु’ के सम्पादकीय विभाग में अपनी सेवाएं दी। वर्ष 1974 के बाद श्री काश्यप ने बिलासपुर संभाग के प्रथम हिन्दी दैनिक ‘बिलासपुर टाइम्स’ का सम्पादन किया। उन्होंने वहां दैनिक ‘लोक स्वर’ और दैनिक ‘प्रजाशक्ति’ में भी सम्पादकीय सेवाएं दी। श्री काश्यप ने वर्ष 1981 में अपने गृह नगर रायगढ़ से साप्ताहिक समाचार पत्र ‘सेन्ट्रल टाइम्स’ और ‘रायगढ़ संदेश’ का प्रकाशन शुरू किया। वर्ष 1986 से उन्होंने ‘रायगढ़ संदेश’ का प्रकाशन दैनिक के रूप में प्रारंभ किया। स्वर्गीय श्री गुरूदेव काश्यप कई वर्षों तक रायपुर श्रमजीवी पत्रकार संघ, रायपुर प्रेस क्लब और पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति के अध्यक्ष रहे। वे बिलासपुर संभाग स्तरीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के भी संस्थापक अध्यक्ष और रायगढ़ में पूर्वांचल पत्रकार संघ तथा प्रेस क्लब के संरक्षक रहे। उन्होंने कुछ वर्षों तक रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के यू.टी.डी. में और रात्रिकालीन कॉलेज में पत्रकारिता विभाग के मानद व्याख्याता के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। श्री गुरूदेव काश्यप हिन्दी नई कविता के सशक्त हस्ताक्षर थे। उनके दो काव्य संग्रह ‘धूप का एक दिन’ और ‘अभिशप्त उत्कल’ प्रकाशित हो चुके हैं। तत्कालीन मध्यप्रदेश शासन साहित्य परिषद ने उनके काव्य संग्रह ‘धूप का एक दिन’ को पुरस्कृत किया था। श्री गुरूदेव काश्यप ने रूसी लेखक ‘ब्लादीमीर नोबोकोव’ के चर्चित उपन्यास ‘लोलिता’ का हिन्दी अनुवाद भी किया था।

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