प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में देशवासियों से अपील की कि बाजार से खरीददारी करते समय स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि वे त्यौहारों के इस मौसम में बाजार से खरीददारी करते समय स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें। आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में श्री मोदी ने सभी लोगों से कहा कि वे वोकल फॉर लोकल के संकल्प को ध्यान में रखें। उन्होंने कहा कि दुनियाभर भारतीय उत्पादों को अधिकाधिक पसन्द किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनेक ऐसे स्थानीय उत्पाद हैं जिनमें वैश्विक बनने की क्षमता है। प्रधानमंत्री ने इस बारे में खादी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से खादी सादगी का प्रतीक बनी रही लेकिन अब इसे पर्यावरण अनुकूल वस्त्र के रूप में पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि खादी हर मौसम में हमारे शरीर के अनुकूल है और अब यह फैशन का भी एक हिस्सा बन गई है।
श्री मोदी ने कहा कि आज न केवल खादी की लोकप्रियता बढ़ी है बल्कि दुनिया में कई स्थानों पर खादी बनाई भी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैक्सिको में ओहाका एक जगह है, जहां स्थानीय ग्रामीण खादी बुनने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके उत्पाद ओहाका खादी के नाम से प्रसिद्ध हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान खादी के बने मास्क काफी लोकप्रिय हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश में कई स्थानों पर स्वयं सहायता समूहों ने खादी के मास्क बनाए हैं। उन्होंने इस बारे में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की सुमन देवी का उदाहरण दिया जिन्होंने स्वयं सहायता समूह के जरिये मास्क बनाना शुरू किया और अब उनका समूह हजारों खादी मास्क बना रहा है। श्री मोदी ने कहा कि भारत के स्थानीय उत्पादों के साथ अक्सर आत्मनिर्भरता का पूरा जीवन दर्शन जुड़ा होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के अध्यात्म, योग और आयुर्वेद की तरह कई राष्ट्रीय खेलों ने दुनिया को आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि हमारा मलखम्ब अनेक देशों में प्रचलित हो रहा है। प्रधानमंत्री ने चिन्मय पाटणकर और प्रज्ञा पाटणकर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने अमरीका में अपने घर से ही मलखम्ब सिखाना शुरू किया तो उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन्हें इतना सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि अमरीका के बाद जर्मनी, पौलैण्ड और मलेशिया सहित करीब 20 देशों में इस खेल को लोकप्रियता मिली और आज इसके लिए विश्व चैम्पियनशिप आयोजित की जाने लगी है जिसमें अनेक देश भाग लेते हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि उसे मलखम्ब के बारे में और जानकारी हासिल करनी चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि युवाओं को देश की परम्परागत युद्ध कलाओं को भी जानना और सीखना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर में पुलवामा पूरे देश को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि पेंसिल बनाने के लिए देश में लकड़ी आयात की जाती थी लेकिन अब पुलवामा पेंसिल बनाने के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बना रहा है। घाटी से चिनार की लकड़ी पेंसिल बनाने के काम में इस्तेमाल की जा रही है। पुलवामा में ओखू गांव को पेंसिल विलेज के रूप में जाना जाता है।
क्षेत्रीय भाषाओं में इसे रात आठ बजे फिर सुना जा सकता है।
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