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(इंदौर में शिवराज जी की पत्रकार वार्ता) अब हमें समृद्ध प्रदेश के लिए आशीर्वाद चाहिए

इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि वे पार्टी के आदेश पर तीसरी जनआशीर्वाद यात्रा पर निकला हूं। कल भगवान महाकाल की पूजा अर्चना के बाद यात्रा शुरू की, उज्जैनवासियों ने अभूतपूर्व प्यार दिया। उत्साह से भर देने वाला वातावरण कल उज्जैन में था। घनघोर वर्षा के बावजूद सड़कों पर उमड़ी भीड़ में मुझे अपने दायित्वों को और अधिक उत्साह के साथ पूरा करने के लिए प्रेरित किया है। भारी वर्षा के बीच उज्जैन की माता, बहनों, बेटियों का उत्साह जिस तरह से सिर चढ़कर बोल रहा था, वह मेरे लिए अद्वितीय प्रतिसाद है। जो लोग दिल से सेवा करते हैं, जनता उनको अधिक प्यार देती है, यह सिद्ध हुआ है। कल जैसा वातावरण था, वैसा वातावरण मैंने पिछली दो जनआशीर्वाद यात्रा 2008 और 2013 में नहीं देखा। हमने सरकार के तीन कार्यकाल में मध्यप्रदेश का चरणबद्ध विकास किया है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद हमें बीमार और बदहाल मध्यप्रदेश मिला था। सड़कों में गड्ढे थे, बिजली लापता थी, पीने को पानी नहीं था, सिंचाई की सुविधाएं नहीं थी। इसलिए पहले चरण में हमने सड़क, बिजली, पानी और लाडली लक्ष्मी जैसे सामाजिक सरोकारों पर काम किया। मध्यप्रदेश विकासशील मध्यप्रदेश की श्रेणी में पहुंचा। दूसरे चरण में हमने विकसित मध्यप्रदेश की नींव रखी। सिंचाई के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति करते हुए 7.5 लाख की सीमा को 4000000 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया। डेढ़ लाख किलोमीटर की नई सड़कें बनाई। जिस मध्यप्रदेश में कभी 3 से 4 घंटे मुश्किल से बिजली मिला करती थी, वहां 24 घंटे बिजली और सरप्लस बिजली का अपना अभियान पूरा किया। किसी समय मध्यप्रदेश में बिजली आना खबर होती थी, आज बिजली जाना खबर बनी है, यह हमारी उपलब्धि है। कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार से मध्यप्रदेश के अन्य भंडार आज भरे हुए हैं। लगातार कुछ वर्षों से कृषि विकास दर औसतन 20 प्रतिशत के आसपास टिकी हुई है, यह मध्यप्रदेश की उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मध्यप्रदेश विकसित मध्यप्रदेश की श्रेणी में हमें दिखाई देता हैं। अब तीसरी जनआशीर्वाद यात्रा के बाद जब जनता हमें चौथी बार सरकार बनाने का अवसर प्रदान करेगी तो उसके लिए भी हमारा रोडमैप तैयार है। हम समृद्ध मध्यप्रदेश की ओर बढ़ने जा रहे हैं। समृद्ध मध्यप्रदेश में आम आदमी की आमदनी बढ़े, किसानों की आमदनी पर विशेष जोर रहेगा। कांग्रेस के समय में मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति औसत आमदनी 13000 रूपए होती थी, आज वह 79000 रूपए हुई है, लेकिन यह अभी एवरेज से नीचे ह,ै इसलिए हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। मध्यप्रदेश के लोगों की आमदनी शिखर पर पहुंचे, इस संकल्प को हम पूरा करेंगे। यह यात्रा समृद्ध मध्यप्रदेश के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए निकाली जा रही है।

कानून व्यवस्था के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी ने कहा कि एक जमाना था जब उत्तरी मध्यप्रदेश डकैतों की भरमार के लिए जाना जाता था। हमने डकैत रहित मध्यप्रदेश बनाकर प्रदेश देशवासियों को दिया है। हमने काम व्यवस्था को इतनी शक्ति से लागू किया कि कुछ डकैत मारे गए और कुछ ने आत्मसमर्पण कर दिया। आज की तारीख में कोई भी डकैत उत्तरी मध्यप्रदेश में सक्रिय नहीं है। एक जमाना था जब मध्यप्रदेश में मंत्री की गर्दन काट ली गई। हमने नक्सवालवाद को मिटा दिया है और सिमटी के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है। महिला अपराध के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमारे मन-मस्तिष्क को झकझोर देती हैं। लेकिन मुझे इस बात पर शर्म आती है कि कांग्रेस के जमाने में जब महिलाओं के प्रति इस प्रकार के अगणित अपराध होते थे। तो कांग्रेस के लोग उसकी कीमत लगायी जाती थी। एक बार रेप होने पर इतना पैसा और दूसरी और रेप होने पर उतना पैसा। दूसरी ओर हमने बच्चियों के प्रति इस प्रकार का भाव रखने वाले लोगों के लिए कठोरतम कानून फांसी का प्रावधान किया है।

मैं देश के प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि मध्यप्रदेश की पहल को स्वीकारते हुए पूरे देश में इस कानून को लागू कराया है। इस प्रकार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों में न्यायालय में तेज गति से सुनवाई होकर अपराधियों को फांसी मिले इसके लिए मैंने चीफ जस्टिस को भी पत्र लिखा है। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति जी तक फालोअप कि व्यवस्था की गयी है। कांग्रेस की कथित एकता पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें किसी से कोई खतरा नहीं है। यह बताने के लिए भी उनको समन्वय सम्मेलन करना पड़ रहे हैं, यह आश्चर्य की बात है। कमलनाथ द्वारा महाकाल को जनआशीर्वाद यात्रा के विरुद्ध चिट्ठी लिखे जाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि महाकाल से आशीर्वाद लेने के लिए उनकी शरण में जाना होता है सेवा करना होती है, साधना करना होती है, इससे महाकाल प्रसन्न होते हैं। चिट्ठियों से नहीं और कांग्रेस अपने इसी प्रकार के कार्यों के कारण ई से पी पर आ गयी है अर्थात पंजाब और पांडिचेरी। यह पूछे जाने पर की मध्यप्रदेश मैं अभी ऐसे कौन से काम है जो आपको लगता है और किए जाने चाहिए। शिवराज सिंह जी ने कहा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी काम करने की गुंजाइश है। कांग्रेस के जमाने में शिक्षकों को अपमानित होना पड़ता था। शिक्षा का स्तर बर्बाद कर दिया गया था। हमने शिक्षकों से कर्मी शब्द हटाकर उन्हें सम्मान दिया है और उचित वेतनमान दे रहे है। आज शिक्षकों का वेतन 61000 प्रतिमाह तक हो गया है। जहां तक चिकित्सा का प्रश्न ह,ै ग्रामीण क्षेत्र में डॉक्टरों की अभी भी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए हमने 7 नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। दतिया, रतलाम विदिशा, खंडवा, शहडोल, छिंदवाड़ा, शिवपुरी इसके अलावा सतना छतरपुर, सिवनी में भी मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। यह मेडिकल कॉलेज खुलेंगे तो डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी। इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर उपलब्ध हो सकेंगे। संतुलित और समग्र विकास हम कर रहे हैं। बुंदेलखंड और विंध्याचल में हमने सिंचाई का जाल बिछाया है।

सिंचाई परियोजनाओं की बात करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक समय था जब विधानसभा में यह प्रश्न आया कि नर्मदा के पानी को छपरा में पहुंचाना चाहिए तो तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कह दिया था इंपॉसिबल, लेकिन यह इंपॉसिबल शब्द मेरे शब्दकोश में नहीं हैं मैंने जिद पा ली और जिद करके नर्मदा जी का पानी लिफ्ट कर छपरा में पहुंचाने का अभिनव प्रयोग प्रदेशवासियों की खुशी के लिए किया गया है। आने वाले दिनों में कालीसिंध और गंभीर को भी पानी से लबालब किया जाएगा। पूरा मालवांचल नंदन वन दिखाई देगा। नर्मदा के प्रदूषण पर श्री शिवराज सिंह जी ने कहा कि नर्मदा तट पर लगभग 20 शहर हैं, जिनका मेला पानी नर्मदा जी की ओर बहता है। इस मेले पानी को विपरीत दिशा में मोड़ते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा रहे है और इस प्लांट से भी जो पानी निकलेगा उसे भी नर्मदा जी में प्रवाहित नहीं किया जाएगा। वह पानी खेती किसानी में उपयोग किया जाएगा। इस प्रकार से नर्मदा पूरी तरह स्वच्छ होगी। यह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम कई स्थानों पर तेजी से चल रहा है। कांग्रेस द्वारा मध्यप्रदेश पर भारी कर्ज के आरोप पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के मेरे नादान मित्र यह नहीं जानते कि निर्धारित मापदंड के अंदर कर्ज लेना कोई अपराध नहीं होता। हमारा वित्तीय प्रबंधन अच्छा है इसलिए हमें अधिक पैसा मिलता है और अधिक विकास कर रहे हैं। विकास के लिए कर्ज लेना एक आदर्श व्यवस्था है।

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