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भोपाल : रविवार, सितम्बर 24, 2017
नदी अभियान के संवाहक सदगुरू श्री जग्गी वासुदेव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने नदी अभियान को धरातल पर अवतरित करने के कार्यो में सबसे ज्यादा मदद की है। उन्होंने पौधो पर अनुदान देने की घोषणा को मील का पत्थर बताते हुए आग्रह किया कि अधिक से अधिक पौधे रोपे जाएं और उन्हें जीवित रखा जाए। फलदार पौधे लगाने एवं औषधीय खेती करने से जहां किसानों को अधिक मुनाफा होगा, वही पर्यावरण बेहतर बनेगा और नदियों में जल की प्रचुर मात्रा बनी रहेगी। सदगुरू ने लोगों से नदी अभियान से जुड़ने की अपील की। उन्होंने  कहा कि  विदिशा के लोग ब्लैकमेल करने में माहिर है | मुझे विदिशा बुलाने के लिए ५ सालो से ब्लैकमेल कर रहे है | इस कारन मुझे विदिशा आना पड़ा | अब आप अपने आसपास के लोगो को ब्लैकमेल कीजिये और उससे मिस्डकॉल करवाइये | दीवानगंज के पास भोपाल विदिशा हाईवे पर निकली कर्क रेखा के िस्थान को  देखने रविवार को  सदगुरू श्री जग्गी वासुदेव ने विदिशा जाते समय गाड़ी रुकवाई |

सदगुरू श्री जग्गी वासुदेव और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री बाढ वाले गणेश मंदिर के समीप बने बेतवा नदी के तट पर पहुंचकर नदी की पूजा-अर्चना की। सदगुरू ने बेतवा नदी के साथ सेल्फी ली। उन्होंने  कहा कि आज से अगले एक सप्ताह तक हम को अपने आसपास की नदिओं के साथ सेल्फी लेने है | सम्बंधित नदी का नाम और उसके हालात फोटो सहित रैली फॉर रिवर्स के फेसबुक पेज पर पोस्ट करना है | ताकि सरकार उस नदी के संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठा सके | यह सन्देश विदिशा के बाद वाले गणेश मंदिर  परिसर में नदी अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान किया |

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने आज विदिशा में आयोजित नदी अभियान कार्यक्रम में कहा कि नदियां मानव जीवन का आधार हैं। इसलिये नदियों को बचाने के लिए आमजनों को भी साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को हम प्रचुर मात्रा में जल और अच्छा पर्यावरण विरासत में दें, इसके लिए सदगुरू श्री जग्गी वासुदेव के अभियान में सबको बढ़-चढ़कर भाग लेना होगा।

मुख्यमंत्री  चौहान ने विदिशावासियों से अपील की कि नर्मदा सेवा यात्रा की तर्ज पर बेतवा को बचाने के लिए सेवा यात्रा जरूर निकालें। बेतवा बरसाती नदी बनकर ना रह जाए। इसके लिए नदी के दोनो तरफ एक-एक किलोमीटर तक फलदार पौधे लगाए जाएंगे। श्री चौहान ने कहा कि निजी भूमिधारक कृषक भी इस काम में अपनी सहभागिता निभाएं। किसानों द्वारा अपनी निजी भूमि पर पौधे लगाने के लिये उन्हें पचास प्रतिशत अनुदान पर शासन पौधे मुहैया कराएगा और शुरू के तीन वर्षो तक संबंधित किसानों को राज्य सरकार द्वारा मुआवजा राशि भी दी जाएगी।

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