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अलगाववादी हुर्रियत परजीवी हैं जो वार्ता सफल नहीं होने देना चाहते – बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ

30/05/2017
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री मधुसूदन भदौरिया ने कहा कि अग्निवंश का केंद्र सरकार को परामर्ष कि हुर्रियत को द्विपक्षीय वार्ता में शामिल किया जाये न केवल असंगत है अपितु अप्रासंगिक भी है। हुर्रियत कान्फ्रेस ने हमेशा यूपीए सरकार से आर्थिक लाभ उठाया और जब-जब द्विपक्षीय वार्ता हुई पाक परस्ती बताकर वार्ता को पटरी से उतार दिया।
उन्होंने कहा कि हाल के स्टिंग आपरेशन ने हुर्रियत नेताओं के चरित्र को बेनकाब कर दिया है कि वे पाकिस्तान से धन लेकर उनके हाथ की कठपुतली बन चुके हैं। हुर्रियत नेताआंे के परिवार विदेशों में मौज कर रहे हैं और हुर्रियत नेताओं कश्मीर के भोले-भाले लोगों को पत्थरवाजी के लिए प्रलोभित कर रहे हैं। ऐसे तत्वों को वार्ता में शामिल करना अर्थहीन है।
श्री मधुसूदन भदौरिया ने कहा कि हम उन अग्निवेश जैसे बुद्धिजीवियों को बताना चाहते हैं कि उनका उद्देश्य कश्मीर समस्या को बनाये रखना है, जिससे वे पाकिस्तान के पेरा साइट बने रहकर स्थानीय जनता को गलत रास्ते पर भटकाते रहें।
उन्होंने कहा कि देश केा गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह के इस कथन पर गर्व है और विश्वास है कि भारत का कश्मीर अभिन्न अंग है और कश्मीरी अवाम हमारा परिवार है। जहॉ तक हुर्रियत की मंशा का सवाल है याद करना होगा कि जब सर्वदलीय शिष्ठमंडल समाधान के लिए जम्मूकश्मीर गया था गिलानी ने तो उनसे मिलना गवारा नहीं किया। यहॉ तक कि अपने दरवाजे तक नहीं खोले थे। जाहिर है कि हुर्रियत पाकिस्तान के रिमोट से संचालित होते हैं, उन पर भरोसा खतरे को आमंत्रित करना है।

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