• Fri. Mar 29th, 2024

स्वर्गीय श्री दवे के नर्मदा-समग्र के अधूरे छोड़े गये कार्य को आगे बढ़ाया जायेगाः मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल : शुक्रवार, मई 19, 2017
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे के अंतिम संस्कार के बाद होशंगाबाद जिले के नर्मदा-तवा संगम तट पर शोक सभा में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्वर्गीय श्री दवे ने पर्यावरण-संरक्षण के लिये जो काम किये वे अविस्मरणीय रहेंगे। माँ नर्मदा के प्रति उनकी असीम और अगाध श्रद्धा थी। उनके द्वारा शुरू किया गया नदी-महोत्सव पूर्व की भांति नर्मदा-तवा संगम पर उनकी भावना के अनुरूप होता रहेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा उनकी अंतरात्मा से जुड़ी थी। श्री दवे की इच्छा के अनुरूप ही उनका अंतिम संस्कार बान्द्राभान में किया गया ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वर्गीय श्री दवे के अधूरे छोड़े गये मिशन को हम आगे बढ़ायेंगे। नर्मदा नदी के दोनों तट पर अमरकंटक से बड़वानी तक 2 जुलाई को लाखों लोग करोड़ों की संख्या में वृक्ष लगाकर उनकी रक्षा करने का दायित्व लेंगे। सघन वृक्षारोपण स्वर्गीय श्री दवे को सही अर्थों में सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शोक संदेश का वाचन केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री हर्षवर्धन ने किया। संदेश में श्री मोदी ने स्वर्गीय दवे को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें आदर्श पर्यावरणविद, कुशल प्रशासक और आदर्श स्वयंसेवक बताया।

केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि जिस तरह हीरा आकार में छोटा और मूल्य में अधिक होता है उसी तरह स्वर्गीय अनिल माधव दवे का जीवनकाल छोटा ही था किन्तु उन्होंने सार्थक जीवन जिया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय दवे के जन्मदिन पर 6 जुलाई को देश और प्रदेश में अधिक से अधिक पौधे लगाये जाएं। उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक कार्य ही स्वर्गीय दवे को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री श्री अनंत कुमार ने स्वर्गीय श्री दवे को श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनमें अदभुत इच्छाशक्ति थी। चुनाव प्रबंधन के क्षेत्र में स्वर्गीय श्री दवे बेहतर रणनीतिकार थे तथा स्वयं को नर्मदा पुत्र और वृक्षों को अपना वारिस बताते थे।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह कार्यवाहक श्री सुरेश सोनी ने कहा कि उनका जीवनकाल सफल तो रहा ही साथ में सार्थक भी रहा। उन्होंने स्वर्गीय श्री दवे को प्रकृति प्रेमी और पर्यावरणविद बताया। आर.एस.एस. के सरकार्यवाह श्री भैया जी जोशी ने श्रंद्धाजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वर्गीय श्री दवे ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया, उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता थी। वे अत्यंत सादगीपूर्ण तरीके से जीवनयापन करते थे। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री और मध्यप्रदेश के प्रभारी श्री रामलाल ने स्वर्गीय दवे को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्हें कोई भी कार्य सौंपकर पार्टी संगठन निश्चिंत हो जाता था क्योंकि वे हमेशा सौंपे गये कार्य को पूरी कुशलता के साथ मन लगाकर करते थे। इससे पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक श्री मोहन भागवत के शोक संदेश का वाचन श्री विनय सहस्त्रबुद्धे ने किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भावांजलि के बाद बांद्राभान स्थित दिवस बसेरा परिसर में स्वर्गीय श्री दवे की स्मृति में पौधा भी लगाया।

aum

Leave a Reply

Your email address will not be published.