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तिलक वाले बाबा जगा रहे हैं नर्मदा को प्रदूषणमुक्त बनाने की अलख

भोपाल : शुक्रवार, मई 12, 2017
तिलक वाले बाबा माँ नर्मदा को प्रदूषणमुक्त बनाने की अलख जगा रहे हैं। बाबा पिछले सवा दो माह से नर्मदा सेवा यात्रा के साथ-साथ चल रहे हैं। बाबा का पूरा नाम श्री कमल गिरि महंत है। वे पिछले 4 मार्च से यात्रा से जुड़े हैं।

तिलक वाले बाबा का संबंध महेश्वर के सातमाता मंदिर से है। अपने दोपहिया वाहन से नर्मदा यात्रा में शामिल बाबा नर्मदा सेवा यात्रा जहाँ पहुँचती है, वहाँ कुछ घण्टों पहले ही पहुँच जाते हैं। जनसमूह को तिलक लगाते हैं। लोगों को तिलक लगाने के चलते लोग उन्हें तिलक वाले बाबा कहते हैं। बाबा लोगों के माथे पर चंदन-केशर का तिलक लगाकर उन्हें नर्मदा की स्वच्छता बनाये रखने और नर्मदा के तटीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरित करते हैं। तिलक वाले बाबा जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के ग्राम भेजरी में नर्मदा सेवा यात्रा पहुँचने के पहले पहुँचे और उन्होंने वृद्ध, युवा और बच्चों के माथे पर तिलक लगाया।

बाबा कहते हैं कि ‘मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा माँ नर्मदा का संरक्षण-संवर्धन करने तथा प्रदूषणमुक्त’ बनाने का अभिनव प्रयास अत्यंत सराहनीय है। वे नर्मदा सेवा यात्रा की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। उनका कहना है कि मोक्षदायिनी माँ नर्मदा से जन-जन की आस्था जुड़ी है। संत, समाज और सरकार के समन्वित प्रयास से निकाली जा रही नर्मदा सेवा यात्रा से व्यापक जन-जागरूकता आई है और लोगों का ध्यान केवल माँ नर्मदा ही नहीं बल्कि अन्य नदियों के संरक्षण की तरफ गया है। नर्मदा के घाट पहले से ज्यादा साफ, स्वच्छ रहने लगे हैं। नर्मदा के घाटों पर श्रृद्धालु अब पत्तों के दोनों या ऐसी सामग्री के दीपों में दीपदान करते हैं, जिससे नर्मदा प्रदूषित न हो। दीप जल में प्रवाहित करने के स्थान पर किनारों पर रख देते हैं। पूजा-अर्चना की बची हुई सामग्री, निरमाल आदि नर्मदा जल में प्रवाहित करने के स्थान पर घाट पर बने पूजन कुण्ड में विसर्जित कर देते हैं। इससे नर्मदा का जल प्रदूषित नहीं होता। सेवा यात्रा से नर्मदा के तटीय क्षेत्रों में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की योजना बनी है। भविष्य में इसके बड़े लाभकारी परिणाम सामने आयेंगे। माँ नर्मदा में और अधिक जल उपलब्ध होगा और धारा प्रबल होगी।

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