• Sat. May 4th, 2024

एनपीए अध्यादेश से बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी -सांसद नंदकुमार सिंह चौहान

भोपाल।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि देश में एनपीए की राशि 17 प्रतिशत तक पहुंच गयी है जो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में उच्च स्तर है। अन्य अर्थव्यवस्थाओं में एनपीए का स्तर साढ़े आठ प्रतिशत से अधिक नहीं है। इस तरह बैंको के 6 लाख करोड़ रूपया डूबत खाते में जा रहे है, इनकी वसूली के लिए श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने एनपीए अध्यादेश लाकर इस डूबे हुए कर्ज की वसूली का संवैधानिक रास्ता तलाश लिया है और यह राशि वसूल होने से भारतीय बैंकों की सेहत पर अनुकूल असर पड़ेगा। श्री चौहान ने कहा कि कंपनियां अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर बैंकिंग व्यवस्था को भ्रष्ट बनाने और ऋण लेकर घी पीने की मानसिकता से कार्य नहीं कर सकेगा। अध्यादेश से नान परफार्मिंग असेट की वसूली में अध्यादेश रामबाण साबित होगा तथा बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। जिन बड़े उद्योगों, उद्योगपतियों पर यह कर्ज है, उनकी संख्या भी दहाई में है, जिनसे वसूली के विकल्पों पर रिजर्व बैंक अमल कर डूबन्त रकम खजाने में वापस लाने में सक्षम होगा।

एनपीए के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए सरकार के सामने बैंको को मदद देने में कठिनाई आती है। बैंक छोटे कारोबारियों को कर्ज देने में संकोच करते है। वास्तविकता यह है कि किसान, दुकानदार, छोटा कारोबारी कर्ज पटाता है और उस पर बैंक कड़ाई भी अपनाते है, जबकि बड़े कारोबारी भारी रकम अरबों रूपये कर्ज लेकर दूसरे प्रयोजन में लगाकर बैठ जाते है। पूर्ववर्ती सरकारों ने एनपीए की परिपाटी को गंभीरता से नहीं लिया। पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने कड़ाई की है और वसूली का रास्ता खोजा है।

उन्होनें कहा कि एनपीए अध्यादेश ने रिजर्व बैंक का सशक्तीकरण किया है, जिससे अब रिजर्व बैंक प्रभावी कार्यवाही करने में सक्षम हो गया है। अब रिजर्व बैंक ऋणी कारोबारी के विरूद्ध दिवाला प्रक्रिया पर अमल कर सकेगा। उन्होनें कहा कि ऐसे बड़े कर्जदारों की संख्या भी तीन दर्जन से कम है, जिनसे बैंको को बड़ी राशियां वसूलना है। रिजर्व बैंक कर्जदार भागीदार को ढूंढ सकेगा और प्रबंधन भी बदल सकने में सक्षम हो गया है। उन्होनें कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार बैंकिंग नियम कानून की धारा-35(ए) में संशोधन से अब बैंक चूककर्ता से कर्ज वसूली का आदेश दे सकेगा। इस अध्यादेश ने बैंको को शक्ति प्रदान कर दी है, जिससे बैंक कारोबारी नजरिया से व्यवहारिक फैसला ले सकेंगे।

aum

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *