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मध्यप्रदेश की सफलताओं में जनता का सहयोग महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री चौहान
todayindia,today india,todayindianews,mpnews,shivrajsinghchouhan,mpcm,madhyapradesh chiefminister,chiefminister of madhyapradesh,madhyapradesh news,,24,madhyapradeshnewsdiary,madhyapradeshnewsdiaryप्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मिल रही कामयाबी
बनारस में हुई मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री चौहान ने दिया प्रेजेंटेशन
बनारस से बुधवार की शाम भोपाल लौटेंगे मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में पीएम स्वनिधि योजना, आयुष्मान भारत योजना, आवास योजना और स्वामित्व योजना के बेहतर क्रियान्वयन के पीछे आमजन का सहयोग महत्वपूर्ण रहा है। कोविड की दोनों लहरों के दौरान भी नागरिकों की भागीदारी से महामारी पर नियंत्रण के प्रयासों में अच्छी सफलता मिली। मध्यप्रदेश में हुए इस कार्य को यदि अन्य राज्यों ने एक मॉडल माना है तो इसके पीछे आमजन के सहयोग के साथ ही प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन की मुख्य भूमिका है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज वाराणसी में प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा आहूत मुख्यमंत्रियों के कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश में किए गए नवाचारों और योजनाओं के क्रियान्वयन का प्रेजेंटेशन दे रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में कुछ वर्ष पहले प्रारंभ किए गए आनंद विभाग की रचनात्मक गतिविधियों और आम लोगों को अवसाद से दूर कर प्रसन्न रखने के प्रयासों की भी जानकारी दी।

जनता की भागीदारी सुशासन का मॉडल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि नीति-निर्माण, निर्णय लेने और मॉनिटरिंग में जनता की भागीदारी प्राप्त की जा रही है। नीति-निर्माण के अंर्तगत विभिन्न वर्गों की पंचायतों में जनता से सुझाव प्राप्त किए गए। लाड़ली लक्ष्मी, संबल योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना ऐसी पंचायतों की देन हैं। प्राप्त सुझावों के आधार पर योजनाएँ बनाई गईं। यह सब पूर्व वर्षों में फलीभूत हुआ। कोविड के दौर में महामारी के प्रबंधन और वैक्सीनेशन में जिला, विकास खण्ड, ग्राम पंचायत और वार्ड स्तर पर 30 हजार 600 क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स बनाए गए। इनमें धर्म गुरू, जन-प्रतिनिधि, नागरिक, डॉक्टर्स और स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसी तरह “मैं कोरोना वॉलेंटियर” जागरूकता अभियान में करीब डेढ़ लाख स्वंयसेवी जुड़े। “योग से निरोग” कार्यक्रम में लाखों कोविड रोगियों को तीन हजार योग प्रशिक्षकों ने ऑनलाइन अभ्यास करवाया। “युवा शक्ति- कोरोना मुक्ति अभियान” में 10 लाख से अधिक कॉलेज विद्यार्थी कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण और कोविड अनुकूल व्यवहार के लिए प्रशिक्षित किए गए। वैक्सीनेशन का कार्य सफल रहा है। प्रदेश के 94 प्रतिशत पात्र लोगों को वैक्सीन का पहला डोज़ और 77 प्रतिशत को दोनों डोज़ लग गए हैं। कोविड प्रबंधन में प्रदेश की जनता ने पूरा सहयोग दिया है।

प्राणवायु पुरस्कार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस-5 जून से प्रदेश में अंकुर अभियान प्रारंभ किया गया है। इसमें पौधा-रोपण करने पर पौधा रोपने वाले नागरिक को डिजिटल प्रमाण-पत्र और प्राणवायु पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है। नागरिकों से परिवार के सदस्यों की जन्म वर्षगांठ और विवाह वर्षगांठ के साथ ही परिवार के दिवंगत सदस्य की स्मृति में पौधा लगाने का आव्हान किया गया है।

योजनाओं के अमल और मॉनिटरिंग में जनता की भागीदारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राशन वितरण, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, छात्रवृत्ति वितरण और संबल योजना की मॉनिटरिंग जन-सहयोग से हो रही है। दीनदयाल अंत्योदय समितियाँ सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के अमल पर निगाह रखती हैं। ये समितियाँ ग्राम पंचायत, विकास खण्ड, नगर पालिका, नगर निगम, जिला और राज्य स्तर पर गठित की गई हैं।

सुशासन के लिए निरंतर कार्य

कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश में नागरिकों को समय- सीमा में लोक सेवाएँ प्रदान करने के लिए कानून लागू किया गया था। इस समय लोक सेवा गारंटी कानून में 560 सेवाएँ दी जा रही हैं। इससे जनता को कार्यालयों में अपने कार्य के लिए बार-बार जाने की परेशानी से मुक्ति मिली है। अनेक नियमों और प्रक्रियाओं में संशोधन कर उनका सरलीकरण किया गया है। डिजिटल इंडिया, लेण्ड रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन जैसे कार्यक्रमों की मदद से अभिलेखों का डिजिटाइजेशन किया गया है। भू-अभिलेखों को डिजिटल रूप में उपलब्ध करवाया गया है। सीएम जनसेवा पिछले एक वर्ष से लागू है। इसमें पाँच सेवाएँ – खसरा नकल, खतौनी, नक्शा, आय प्रमाण-पत्र और स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र, टोल फ्री नम्बर पर डायल करने से मोबाइल पर उपलब्ध हो जाते हैं। डीम्ड सेवा प्रदाय, ऑनलाइन डॉयवर्सन और ऑनलाइन भूमि बंधक प्रक्रिया के नवाचार अपनाए गए हैं। गत तीन वर्ष में साढ़े तीन करोड़ से अधिक भू-अभिलेखों की प्रतिलिपियाँ ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं। भूमि क्रय-विक्रय(रजिस्ट्री) भू-लेख पोर्टल इंटीग्रेशन से सवा छह लाख प्रकरणों का निराकरण किया गया है।

आनंद विभाग की गतिविधियों से बन रहा प्रसन्नता का वातावरण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में आनंद विभाग और राज्य आनंद संस्थान की स्थापना की गई, जिसमें 60 हजार से अधिक स्वयंसेवक, आनंदक के रूप में पंजीकृत हो चुके हैं। आधुनिक युग में बढ़ रहे तनाव और अशांति के अनेक कारण हो सकते हैं। भीतर की शांति और आनंद सभी चाहते हैं। शांत और सुखी व्यक्ति एक समृद्ध समाज का निर्माण कर सकता है। मध्यप्रदेश में “अल्प विराम कार्यक्रम” व्यक्ति को आंतरिक कमियों को समझने और सुधारने का अवसर देता है। आनंद क्लब रक्तदान, भोजन एवं सामग्री दान, आपदा में सहयोग, शिक्षा, पर्यावरण, स्वच्छता, बालिकाओं को आत्म-रक्षा प्रशिक्षण और निराश्रितों की मदद का कार्य करते हैं। आनंद सभा, आनंदम केंद्र, आनंद उत्सव, प्रसन्नता का वातावरण बढ़ा रहे हैं। एक आनंद कैलेंडर भी तैयार किया गया है।

योजनाओं के क्रियान्वयन और सफलता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामित्व, पीएम स्वनिधि, आवास और आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन में मिली सफलताओं का विवरण भी दिया।

आयुष्मान योजना

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में आयुष्मान योजना में पात्र 4 करोड़ 70 लाख हितग्राहियों में से 2 करोड़ 60 लाख हितग्राहियों के कार्ड बनाकर जारी किए गए हैं। सितंबर 2018 से अब तक 11 लाख हितग्राहियो का उपचार कर लाभ पहुँचाया गया हैं। उपचार के लिए 1600 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए 25 दिसंबर 2021 से 26 जनवरी 2022 तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए नागरिक सुविधा केंद्र एवं अस्पतालों के अलावा ग्राम रोजगार सहायकों और लोक सेवा केंद्रों को भी अधिकृत किया गया है। नागरिकों को अस्पतालों तथा उपचार के बारे में जानकारी देने के लिए कॉल सेंटर इसी माह स्थापित किया जा रहा है।

स्वामित्व योजना

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वामित्व योजना में प्रदेश के 42 जिलों के 38 हजार 500 ग्रामों में कार्य आरंभ किया गया है। हरदा जिले का शत- प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। अब तक 3 हजार 500 ग्रामों के 2 लाख 71 हजार अधिकार अभिलेख वितरित किए जा चुके हैं। प्रदेश में स्वामित्व योजना की संपूर्ण प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक है। नागरिकों को कहीं से भी- कभी भी अधिकार अभिलेख प्राप्ति की सुविधा प्रदान की गई है। योजना के कानून में संशोधन कर आबादी का सर्वे करना अनिवार्य किया गया है। जन-जागरूकता के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में 26 हजार 525 जन-प्रतिनिधियों एवं शासकीय सेवकों के लिए 335 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 8 लाख 65 हजार 129 आवास स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 4 लाख 68 हजार 311 आवास पूर्ण कर लिए गए हैं। शेष 3 लाख 96 हजार 818 आवास प्रगतिरत हैं। प्रदेश में 2 लाख 80 हजार हितग्राहियों को अधिकार-पत्रों का वितरण किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों 1 लाख शहरी आवासों का गृह प्रवेश कराया गया। मिशन नगरोदय में 1 लाख 60 हजार हितग्राहियों को 1260 करोड़ की राशि का अंतरण किया गया। नगरीय निकायों को भूमि-स्वामी अधिकार में नि:शुल्क जमीन आवंटित की गई। भू-माफिया से लगभग 1400 हेक्टेयर जमीन मुक्त कराई गई। इसमें से 200 हेक्टेयर भूमि आवासहीनों के आवास निर्माण हेतु आवंटित की गई। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को आवास राष्ट्रीय स्टांप ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट दी गई। भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों को 1 लाख प्रति हितग्राही की अतिरिक्त सहायता प्रदान की गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 30 लाख 87 हजार पात्र हितग्राहियों में से 22 लाख 22 हजार के आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। योजना प्रारंभ से अब तक 30 हजार 290 करोड़ की राशि खर्च की गई है। योजनामें निर्मित 4 लाख 15 हजार आवास केवल महिलाओं के नाम पर हैं जबकि 10 लाख 19 हजार आवास महिलाओं और पुरुषों के संयुक्त नाम पर हैं। इस प्रकार 14 लाख 34 हजार आवासों में महिलाएँ गृह स्वामिनी बनी हैं।

पीएम स्वनिधि योजना

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण में 4 लाख 5 हजार प्रकरणों के लक्ष्य के विरुद्ध 4 लाख 34 हजार 745 प्रकरणों में ऋण स्वीकृत कर वितरित किया गया। इसी तरह द्वितीय चरण में 1 लाख 55 हजार 104 प्रकरणों में ऋण स्वीकृत करने का लक्ष्य है। अगस्त 2021 से अभी तक 15 हजार 625 प्रकरणों में ऋण स्वीकृत कर वितरित कर दिया गया है। हितग्राहियों के लिए कोविड-19 के दौरान पथ- विक्रेताओं के व्यवसाय फिर से खड़ा करने के लिए यह योजना वरदान बनी है। योजना में बैंक दस्तावेजीकरण के लिए लगने वाला स्टांप शुल्क घटाकर 25 रुपये किया गया है। डिजिटल लेन देन को बढ़ावा देने हेतु 1लाख 73 हजार पथ विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया गया है। 51 हजार से अधिक ग्रामीणों को राजमिस्त्री का प्रशिक्षण देकर योजना से जोड़ा गया है। इसमें 10 हजार महिलाएँ भी शामिल हैं।
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