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सफल जनप्रतिनिधि बनने के लिए सदन और समाज में अपनी सक्रियता को निरंतर बढ़ाना हैं – नंदकुमारसिंह चौहान

पंडित दीनदयाल उपाध्याय प्रशिक्षण महाअभियान के

तहत विधायक प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ

पचमढ़ी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने आज यहां पचमढ़ी में विधायक प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ करते हुए कहा कि काम में निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है। दुनिया में कोई भी क्षेत्र हो सतत अभ्यास करने से उस काम की दक्षता में और निखार आता है चाहे खिलाड़ी हो,गायक हो, प्रशासनिक अधिकारी हो अथवा राजनेता हो, सभी को और अच्छा करने के लिए अभ्यास करना होता है। उन्होंने कहा कि अभ्यास की आवश्यकता इसलिए है कि मनुष्य के भीतर अनंत संभावनाएं छिपी हुई है, और हमारे अंदर जो संभावनाएं छिपी हैं प्रशिक्षण से बाहर निकलती हैं। जीवन में अच्छा करने की कोई अंतिम सीमा नहीं है, इसलिए अच्छे से अच्छा करने के लिए हमें निरंतर कठोर प्रशिक्षण करना चाहिए। शुभारंभ समारोह के मंच पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीताशरण शर्मा, पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत और महामंत्री श्री अजय प्रताप सिंह मौजूद थे।

श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि हम सब को पता है कि जनता के बीच काम कैसे करना है। हमारे किन अच्छे कामों से हमारा जनसमर्थन बढ़ता है। फिर भी सफलता को द्विगणित करने के लिए हमें यह निरंतर विचार करना होता है कि सदन में, समाज में, विकास में कार्यकर्ता के साथ व्यवहार में, हमारी भूमिका का और परिष्करण कैसे हो ? हमें निरंतर चिंतन करना चाहिए कि किसी भी एक पहलू पर कोई उदासीनता नहीं रहे, क्योंकि विकास के साथ-साथ जनता और कार्यकर्ता के साथ व्यवहार के स्तर पर भी हमारा कौशल हमारी आत्मीयता और हमारा अपनत्व संगठन की ताकत को बढ़ाता है, इसलिए जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वह सदैव कार्यकर्ता के सुख-दुख में, जनता के कल्याण में सक्रिय भागीदारी रखें। उन्होंने कहा कि जनता के साथ सरकार और कार्यकर्ता से व्यवहार यह हमारी पूंजी है। हमें अत्यंत व्यस्तता के बावजूद वक्त निकालकर उनके लिए काम करना है। उनकी बात को तसल्ली से सुनना है। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री कैलाश जोशी का उदाहरण देते हुए कहा कि श्री कैलाश जोशी अधिकांश समय तक विधायक रहे, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। इस कारण से सरकार ने उनके क्षेत्र के तमाम विकास कार्यों को रोकने के प्रयत्न भी किए, लेकिन श्री कैलाश जोशी निरंतर चुनाव जीतते रहे। उन्होंने अपने क्षेत्र बागली की जनता के साथ निरंतर संवाद रखा और कार्यकर्ता की सतत चिंता की। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं से हमें यह सीखना चाहिए कि अपने खाते में लोकप्रियता निरंतर बढ़ती रहे। आत्म विश्लेषण में चूक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने प्रभारी मंत्रियों से भी आग्रह किया कि वे अपने प्रभार के जिलों में निरंतर प्रवास करें।

7.50 करोड़ के इस प्रदेश की जनता ने हमारे ऊपर जो भरोसा किया है उसे निरंतर कायम रखने के लिए और अधिक मेहनत करना है, क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं है। हमें चौथी बार भी सरकार बनानी है। जिससे मध्यप्रदेश में और अधिक सेवा से कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि हमारा व्यवहार आदर्श होना चाहिए। हम भले ही दो आंखों से देखते है, लेकिन जनप्रतिनिधि के नाते हजारों आंखें हमें देखती हैं, इसलिए आचरण और व्यवहार की शुद्धि हमारी ताकत बनती है। हमारी सूझ-बूझ हमेशा हमें ठीक रास्ते पर ले जाती है। विधायकों को स्वयं भी आकलन करना होगा और जनता को भी बताना होगा कि भारतीय जनता पार्टी से पूर्व की सरकार और अपनी सरकार की कार्य प्रणाली में कितना अंतर है। आप पाएंगे कि कांग्रेस से 10 गुना अधिक काम भारतीय जनता पार्टी ने विकास के लिए किए हैं। इसके अलावा सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अनगिनत योजनाएं श्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने लागू किए है। इन सभी कामों को जनता के बीच पूरी चिंता के साथ ले जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विधायकों से आव्हान किया कि वह मिशन2018 और 2019 के लिए तैयार रहें। करना सिर्फ इतना है कि हम जनहित के जो काम कर रहे हैं उनकी गति को और बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मध्यप्रदेश में चैथी बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पहले से अधिक बहुमत के साथ बनेगी।

प्रथम सत्र

उद्घाटन सत्र के बाद विधायक की भूमिका और अधिकार सदन में विषय पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि भारत में जनता का शासन जनता के द्वारा जनता के लिए है, इसलिए संविधान में जिस लोक कल्याणकारी राज्य की कल्पना की गई है उसका ज्ञान हम सभी को होना चाहिए। इसके लिए हमारे विधायकों को गहन अध्ययन करना होगा। उन्होंने कहा कि कुछ कानून केंद्र के होते हैं कुछ राज्य के होते हैं और कुछ समवर्ती सूची में होते हैं। इसकी हमें जानकारी होना चाहिए। हमारी गरिमा से सदन की गरिमा बढ़ती है और सदन की गरिमा से ही हमारी गरिमा बढ़ती है। उन्होंने मध्यप्रदेश के विधायकों को इस बात के लिए बधाई दी कि मध्यप्रदेश विधानसभा के बारे में देश भर में अच्छी राय है, क्योंकि यहां के विधायक अपने व्यवहार में आमतौर पर आचार संहिता का पालन करते हैं। इसी कारण मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही दूसरों के मुकाबले सार्थक और प्रभावी है। उन्होंने विधायकों से कहा कि सरकार बिल लेकर आती है उसे भी ठीक से पढ़ा करें। हर विषय पर अपनी पूरी तैयारी करें। बिल के अंत में उसके कारण और उद्देश्य लिखे होते हैं। वित्तीय एवं कानून का भी उल्लेख होता है। इन सभी को विधायकों को पढ़ना और सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को कभी भी सदन में हल्की बात नहीं करना है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे प्रश्न विधानसभा में पूछा जाना चाहिए जो जनहित के, प्रदेश हित के और समाज हित के होते हैं। उन्होंने विधायकों से सदन में अधिकतम उपस्थिति का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि सदन के महत्व को मजबूती देना चाहिए।

द्वितीय सत्र

द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए भारत सरकार के मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया की महत्ता पर चर्चा करते हुए विधायकगणों से आव्हान किया कि वह सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि पार्टी का मंत्री होने के नाते मैं भारत को नए रुप में देख रहा हूं। पलक झपकते ही ट्विटर और फेसबुक पर सूचनाएं आ जाती हैं और प्रतिक्रियाओं का अंबार लग जाता है। सोशल मीडिया आज एक धारणा मूलक माध्यम है इसलिए हमें इसके अधिकतम इस्तेमाल पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों से चलकर सूचना के माध्यम आज सोशल मीडिया तक पहुंच गए हैं और भारत की नई पीढ़ी बहुत तेजी से सोशल मीडिया से जुड़ रही है। उन्होंने कहा कि सवा सौ करोड़ के भारत में 108 करोड़ मोबाइल है और इनमें से 33 करोड़ स्मार्टफोन है। जो कुछ ही दिनों में 50 करोड़ के आसपास हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि गत 2 वर्षों में इटली और फ्रांस की जनसंख्या के बराबर भारत में मोबाइल की संख्या बढ़ी है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार इस पर बहुत तेजी से काम कर रही है। उन्होंने रेलवे, विदेश मंत्रालय और उनके स्वयं के मंत्रालय के अनेक ऐसे उदाहरण भी बताएं, जिनका संबंध ट्विटर पर जानकारी मिलने के बाद समस्या के निष्पादन से था। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि देश के प्रधानमंत्री को 2 करोड़ से अधिक लोग ट्विटर पर फॉलो करते हैं। उन्होंने बताया कि डिजिटलाइजेशन करने से देश में बिचैलियों की भूमिका समाप्त हो रही है। रसोई गैस सब्सिडी, राशन, मनरेगा और पेंशन आदि में डिजिटल व्यवस्था के कारण सिर्फ 2 साल में 50000 करोड रुपए बिचैलियों से बचाए जा सके है। श्री रविशंकर प्रसाद ने नर्मदा यात्रा को एक बड़े बदलाव का कार्यक्रम बताते हुए कहा कि यह आध्यात्म पर्यावरण और हरित क्रांति की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने विधायक और अन्य कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वह नर्मदा यात्रा और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना जैसे कार्यक्रमों का सोशल मीडिया पर व्यापक प्रचार करें। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि मुस्लिम समाज की महिलाएं सिर पर कलश रखकर नर्मदा यात्रा में शामिल होती है। यह बदलते भारत की तस्वीर है। यह भारत की एकात्मता की तस्वीर है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही ऐसा सामाजिक सामंजस्य देखा जा सकता है, इसलिए इस सामंजस्य की चर्चा भी मीडिया पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया समय का खेल है, जो सबसे पहले चर्चा प्रारंभ करता है बात उसकी आगे बढ़ती हैं।

श्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि दुनिया में फेसबुक पर 190 करोड लोग जुड़े हैं इनमें से लगभग 17 करोड़ भारतीय इसी प्रकार वाट्सअप पर दुनिया में 120करोड़ लोग काम करते हैं। इसमें भारतीयों की संख्या 16 करोड़ ट्विटर पर काम करने वालों में दुनिया हकीकत 30 करोड़ लोगों में से दो करोड़ भारत में इन आंखों को देखते हुए हमें सोशल मीडिया के महत्व को समझना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अकेले मध्यप्रदेश में 6500000 लो फेसबुक पर सक्रिय है जिसमें से 1500000महिलाएं हैं उन्होंने बताया कि यह बड़ी खुशी की बात है कि कॉमर्स के क्षेत्र में मध्यप्रदेश का ग्रामीण अंचल उल्लेखनीय तरीके से आगे बढ़ रहा है।

तृतीय सत्र

विधायकों के समन्वय पर बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत ने ऐसे विधायकों को बेहतर समन्वय का प्रतीक बताया जो कई बार से जीतकर विधानसभा में पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि समन्वय शब्द नहीं स्वभाव है। यह प्रयत्न ही नहीं है, यह हमारी भारतीय परंपरा है कि सबके साथ चलना और सबको साथ लेकर चलना यही एकात्मता है और इसी पर भारत टिका हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां संयुक्त परिवार शब्द नहीं था। यह हमें अंग्रेजों ने दिया हम तो एक स्वाभाविक परिवार है ही जो एक उदात्त लक्ष्य लेकर चलता है। हमें यह देखना चाहिए कि हजार वर्षों के भीतर हमारे परिवारभाव में कोई खरोच तो नहीं लगी है। कहीं विभक्तता तो नहीं बढ़ी है। व्यक्तिवाद भारत की परंपरा नहीं है, इसलिए जब हम समाज में बड़ा लक्ष्य लेकर चलते हैं तो छोटी चीजें छोड़ना होती है। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद हमारे ऊपर हमले हुए,तोड़फोड़ हुई, लेकिन इसके बावजूद हमने प्रतिकार नहीं किया, क्योंकि हम सब जानते हैं। यह हमारा अपना भारतीय समाज ही है, इसलिए उसके विरोध में कोई काम क्यों करना। उन्होंने अटल जी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह हमारे कार्यकर्ता की विशेषता है कि अटल जी के प्रधानमंत्री रहते वामपंथी विचार की डीएमके और दक्षिणपंथी विचारधारा की शिवसेना भी उनके साथ थी।

उन्होंने विधायकगणों से कहां कि हमारे उद्देश्य, हमारी कुल परंपरा का ध्यान हमारी प्रत्येक कृति में होना चाहिए। हम कार्यकर्ता आधारित दल है और लंबे संघर्ष के बाद आज इस स्थिति में आए हैं, इसलिए हमारे कार्य व्यवहार के कारण व्यवस्था में परिवर्तन दिखाई देना चाहिए और यह कार्य सभी के साथ समन्वय के आधार पर ही किया जा सकता है।

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