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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार 250 दिन पौध-रोपण कर बनाया रिकार्ड
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पर्यावरण-संरक्षण के लिए आज से ठीक 250 दिन पहले नर्मदा जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक संकल्प लिया था कि वे… प्रतिदिन एक पौधा लगाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान का यह संकल्प न केवल प्रदेशवासियों के लिए पर्यावरण-सरंक्षण का संदेश था, अपितु पर्यावरण के लिए जन-भागीदारी जुटाने का सफल प्रयास भी था, जो आज फलीभूत भी हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज भी अपने संकल्प की पूर्ति के लिए पूर्णता प्रतिबद्ध हैं। उनकी हर सुबह पौध-रोपण के साथ होती है। वे चाहे भोपाल में हो या दिल्ली में, या किसी संभाग, जिला, तहसील या गाँव में, जहाँ भी उनकी सुबह होती है वे पौधा रोपने से नहीं चूकते। यह सिलसिला लगातार 250 दिन से चला आ रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गत 19 फरवरी को नर्मदा जयंती के अवसर पर अमरकंटक के शंभुधारा क्षेत्र में रूद्राक्ष और साल का पौधा लगाकर प्रतिदिन एक पौधा लगाने की शुरूआत की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि पौध-रोपण पवित्र कार्य है, सभी नागरिकों को प्राथमिकता के साथ पर्यावरण-संरक्षण के लिए पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा भी करना चाहिए। उन्होंने नागरिकों से अपील भी की थी कि पेड़ों की सुरक्षा कर प्रकृति का संरक्षण और संवर्धन में सभी अपना योगदान दें।

पर्यावरण के प्रति मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान शुरू से ही संवेदनशील रहे है। मध्यप्रदेश की जीवनदायनी नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए नमामि देवी नर्मदे यात्रा कर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने न केवल नर्मदा जल को स्वच्छ बनाए रखने बल्कि नर्मदा मैया के दोनों तटों पर व्यापक रूप से वृक्षारोपण कर प्रकृति एवं पर्यावरण के लिए व्यापक जन-भागीदारी भी जुटाई। नर्मदा यात्रा से विकास के साथ जलवायु परिवर्तन में समाज को सरकार के साथ खड़ा करने में भी उन्हें सफलता मिली। नर्मदा किनारे लगाए गए पौधों को संरक्षण देने का दायित्व स्थानीय लोगों ने उठाया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के विकास के साथ अन्य महाअभियानों में समाज को साथ लेकर चलने की जो शुरूआत की थी, आज वह चरम पर पहुँच चुकी है। मुख्यमंत्री की पहल पर पर्यावरण के क्षेत्र में जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए राज्यव्यापी “अंकुर अभियान” चलाया गया। अभियान में 4 लाख से अधिक लोगों ने ऑनलाइन पंजीयन कराकर पौधे रोपें और लगाए गए पौधे के साथ सेल्फी लेकर अंकुर अभियान के एप पर अपनी और पौधे की फोटो अपलोड की। साथ ही पौधों के संरक्षण का दायित्व भी संभाला है। यह अभियान सतत जारी है और लोगों की भागीदारी भी।

शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी हरियाली को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनहित में निर्णय लेकर अधिक से अधिक पौध-रोपण की योजना बनाई है। नगरीय निकाय द्वारा नये घरों के निर्माण की परमिशन देते समय आवास परिसर में वृक्षारोपण की कंडीशन भी डाली जा रही है। इसी प्रकार ग्रामीणों को भी पौध-रोपण के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। कुल मिलाकर प्रदेश में पर्यावरण के प्रति जन-जागृति को बढ़ाने में मुख्यमंत्री श्री चौहान कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे है। उनका कहना है कि हमें आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ और पर्यावरण से परिपूर्ण वातावरण सौगात में देना होगा, जो हमारी पुरानी पीढ़ी ने हमें दिया था।
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मुख्यमंत्री चौहान ने स्वतंत्रता सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर किया नमन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा प्रख्यात पत्रकार श्री गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर नमन कर उनका स्मरण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ट्वीट किया है कि -“अपनी प्रखर लेखनी से ब्रिटिश सरकार की चूलें हिला देने वाले स्वतंत्रता सेनानी, भारतीय पत्रकारिता के पुरोधा, श्रद्धेय स्व. गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती पर सादर नमन्। आपके ओजस्वी विचार और आदर्श जीवन सदैव युवाओं को राष्ट्र के नवनिर्माण एवं समाज की सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।”

गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का जन्म 26 अक्टूबर 1890 को इलाहाबाद में हुआ था। वे एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार, समाज-सेवी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास में उनका नाम अजर-अमर है। गणेश शंकर विद्यार्थी एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने अपनी लेखनी की ताकत से भारत में अंग्रेज़ी शासन की नींद उड़ा दी थी। इस महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने कलम और वाणी के साथ अहिंसावादी विचारों और क्रांतिकारियों को समान रूप से समर्थन और सहयोग दिया। अपने छोटे जीवन-काल में उन्होंने क्रूर व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाई। वे ‘कर्मयोगी’ और ‘स्वराज्य’ जैसे क्रांतिकारी पत्रों से जुड़े और इनमें अपने लेख भी लिखे। वे “प्रताप” के संपादक भी रहे। अपनी क्रांतिकारी पत्रिकारिता के कारण उन्हें बहुत कष्ट भी झेलने पड़े। सरकार ने उन पर कई मुक़दमे किये, भारी जुर्माना लगाया और कई बार गिरफ्तार कर जेल भी भेजा। उनका निधन 25 मार्च 1931 को कानपुर में हुआ।
=================================================================मुख्यमंत्री चौहान ने कदम्ब का पौधा लगाया

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने खण्डवा की शिवपुरम कॉलोनी पार्क में कदम्ब का पौधा लगाया।
कदम्ब के पेड़ को देव वृक्ष माना जाता है। कदम्ब आयुर्वेद में अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। कदम्ब की एक विशेष बात ये है कि इसके पत्ते बहुत बड़े होते है और इसमें गोंद निकलता है। इसके फल नींबू की तरह होते हैं। कदम के फूलों का अपना अलग ही महत्व है। प्राचीन वेदों और रचनाओं में इसके सुगन्धित फूलों का उल्लेख मिलता है।
=================================================================मुख्यमंत्री चौहान द्वारा अंशुमन भार्गव के निधन पर शोक व्यक्त
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दैनिक अंग्रेजी समाचार पत्र हितवाद के स्टेट एडिटर रहे श्री अंशुमन भार्गव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने तथा शोक संतप्त परिवार को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री अंशुमन भार्गव मिलनसार और मृदुभाषी व्यक्ति थे। श्री भार्गव का असमय चले जाना पत्रकारिता जगत के लिये अपूरणीय क्षति है।

आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े एवं संचालक जनसंपर्क श्री आशुतोष प्रताप सिंह ने भी पत्रकार श्री भार्गव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
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