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विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातियों का प्रदेश के संसाधनों पर बराबर का अधिकार : मुख्यमंत्री चौहान
shivrajsinghchouhan,mpcm,madhyapradesh chiefminister,chiefminister of madhyapradesh,mpnews,madhyapradesh news,todayindia,todayindianews,24,#today india,madhyapradeshnewsdiary,madhyapradeshnewsdiaryशासकीय भर्तियों की परीक्षा के लिए युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण
श्रमोदय, ग्रामोदय और एकलव्य विद्यालयों में सीटें होंगी आरक्षित
पुलिस अब अपराध दर्ज करते समय जाति का उल्लेख नहीं कर सकेगी
घुमक्कड़ जनजातियों की संस्कृति पर संग्रहालय स्थापित होगा
जनजातियों के सम्पूर्ण कल्याण के लिए घुमंतु तथा अर्द्धघुमंतु मंत्रालय बनाया जाएगा
जनजातियों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के सभी प्रयास जारी
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हुई विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति पंचायत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातियों का प्रदेश के सभी संसाधनों पर बराबर का अधिकार है। यह समुदाय विकास और उन्नति करे और प्रदेश की प्रगति में बराबर की भूमिका निभाए, इसके लिए राज्य सरकार कृत-संकल्पित है। इन जनजातियों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के लिए सभी आवश्यक प्रयास किये जाएंगे। इस क्रम में इन जनजातियों के विद्यार्थियों के लिए श्रमोदय विद्यालय, ग्रामोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालयों में सीटें आरक्षित की जाएंगी। छात्रावासों में भी इन विद्यार्थियों के लिए स्थान आरक्षित होगा। विमुक्त, घुमक्कड़ तथा अर्धघुमक्कड़ जनजातियों की परम्परा, संस्कृति और जीवन मूल्यों को संरक्षित करने के लिए संग्रहालय स्थापित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान विमुक्त जाति दिवस के अवसर पर आज मुख्यमंत्री निवास पर विमुक्त घुमक्कड़ तथा अर्धघुमक्कड़ जनजाति पंचायत को संबोधित कर रहे थे। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण तथा विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति राज्य मंत्री श्री राम खेलावन पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा, भाजपा संगठन मंत्री श्री सुहास भगत तथा विमुक्त-घुमक्कड़ और अर्धघुमक्कड़ जनजातियों के वरिष्ठजन तथा प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कन्या-पूजन तथा दीप प्रज्वलित कर पंचायत का शुभारंभ किया।

31 अगस्त जनजातियों के विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रति वर्ष 31 अगस्त का दिन जनजातियों के विमुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। प्रदेश में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ वर्ग के कल्याण के लिए 2011 में पृथक विभाग का गठन किया गया था। सालों तक विकास की मुख्य-धारा से कटी रही इन जनजातियों की पीड़ा को समझकर की गई इस पहल को विस्तार देते हुए अब जनजातियों के सम्पूर्ण कल्याण के लिए घुमंतु तथा अर्द्धघुमंतु मंत्रालय बनाया जाएगा।

एक स्थान पर प्रवेश लेकर बच्चे को दूसरे स्थान के स्कूल में भी पढ़ा सकेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंचायत में उपस्थित सभी व्यक्तियों को अपने बेटा-बेटियों को स्कूल भेजने और पढ़ाने की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातियों की भ्रमण करने की परिस्थिति और परंपरा को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कि एक शाला में प्रवेश के आधार पर बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था दूसरे स्थान के स्कूल में भी हो सकेगी। जो माता- पिता अपने बच्चों को साथ रखकर भ्रमण पर जाना चाहते हैं, उनके बच्चों को उन्हीं स्थानों के शासकीय विद्यालयों में प्रवेश मिल जाएगा। इन जनजातियों के जो प्रतिभाशाली बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेंगे, उनकी फीस राज्य शासन द्वारा भरी जाएगी।

प्रदेश में कुछ ही दिनों में एक लाख शासकीय पदों पर भर्ती प्रक्रिया आरंभ होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्नति के लिए आर्थिक सशक्तिकरण आवश्यक है। शासकीय सेवा में निकलने वाली सभी भर्तियों की परीक्षाओं के लिए इन जनजातियों के युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में कुछ ही दिनों में लगभग एक लाख शासकीय पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आरंभ होने वाली है। साथ ही स्वरोजगार योजनाओं के लिए युवाओं को बैंक से लोन सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। लोन का ब्याज राज्य सरकार द्वारा भरा जाएगा। जनजातियों के जो लोग कला कौशल में निपुण हैं उन्हें आईटीआई में प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा। आजीविका की पुख्ता व्यवस्था के लिए ऐसे व्यक्तियों को बैंक से भी ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। बहन-बेटियों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से स्व-सहायता समूहों का गठन होगा।

उपयुक्त स्थानों पर आवासीय पट्टों की व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विमुक्त,घुमक्कड़ तथा अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के टोले- मजरे को राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए सर्वे कराकर आवश्यक कार्यवाई की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। हमारी कोशिश यह रहेगी कि इन समुदायों का कोई भी व्यक्ति बिना ज़मीन के नहीं रहे। प्रत्येक व्यक्ति को उपयुक्त स्थानों पर आवासीय पट्टे उपलब्ध कराये जाएंगे।

इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन द्वारा इलाज की व्यवस्था की जा रही है। प्रत्येक व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे पाँच लाख रूपये तक का नि:शुल्क इलाज चिन्हित निजी चिकित्सा अस्पतालों में भी हो सकेगा।

विमुक्त,घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के मजदूरों को पहचान-पत्र

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पुलिस अब अपराध दर्ज करते समय व्यक्ति विशेष के नाम का ही उल्लेख करेगी। व्यक्ति की जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा। विमुक्त,घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के प्रवासी मजदूरों और फेरी वालों के लिए पहचान-पत्र बनाए जाएंगे।

प्रमाण-पत्र में मूल जाति का उल्लेख किया जाएगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इन जनजातियों के विकास और कल्याण की योजनाओं के जिला स्तर पर बेहतर संचालन और समीक्षा के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समिति गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विमुक्त,घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति के प्रमाण-पत्र में मूल जाति का उल्लेख किया जाएगा।

घुमंतु जनजातियों की पंचायत एक ऐतिहासिक कदम

मंत्री श्री राम खेलावन पटेल ने 51 जनजातियों की ओर से मुख्यमंत्री श्री चौहान का पंचायत आयोजन के लिए आभार माना। मंत्री श्री पटेल ने इन जनजातियों के ऐतिहासिक दमन का उल्लेख करते हुए राज्य शासन द्वारा घुमंतु जातियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घुमंतु जनजातियों की पंचायत एक ऐतिहासिक कदम है।

मुख्यमंत्री निवास बना गरीब कल्याण का केंद्र

सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा वंचित, शोषित और पीड़ितों को मुख्यमंत्री निवास बुला कर उनकी समस्याएँ सुनने के लिए पंचायत आयोजित करने के परिणाम स्वरूप प्रदेश का मुख्यमंत्री निवास गरीब कल्याण का केंद्र बन गया है।

पंचायत में विभिन्न जनजातियों के प्रतिनिधि श्री रवि बुंदेला, श्री मोहन नरवरिया, श्री मोहन लाल खिची ने अपने विचार रखे। विधायक मऊगंज रीवा श्री प्रदीप पटेल, पूर्व विधायक तथा मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री राधेलाल बघेल, श्री संजय जाधव और श्री नारायण सिंह बंजारा उपस्थित थे।
================================================================= मुख्यमंत्री चौहान कालबेलिया समुदाय के हस्त कौशल से हुए रूबरू
फैशन डिजाइनर करेंगे कालबेलिया समाज द्वारा बनाए वस्त्रों की मार्केटिंग
मुख्यमंत्री चौहान ने जनजातीय संग्रहालय में निस्पंदन शिविर का किया अवलोकन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कालबेलिया समुदाय के हस्त कौशल पर आयोजित एकाग्र शिविर निस्पंदन का अवलोकन किया। जनजातीय संग्रहालय में आयोजित शिविर में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कालबेलिया समुदाय द्वारा निर्मित गुदड़ी, मनका आभूषण, कांच के कलात्मक कार्य, सुरमा निर्माण तथा देशज व्यंजनों का अवलोकन किया।

चिन्हारी सोविनियर शॉप पर उपलब्ध होंगे कालबेलिया समुदाय के उत्पाद

प्रमुख सचिव संस्कृति तथा जनसम्पर्क श्री शिव शेखर शुक्ला ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को अवगत कराया कि कालबेलिया समुदाय गुदड़ी के साथ अन्य वस्त्र बनाने में निपुण हैं। इस समुदाय द्वारा बनाये गये गुदड़ी तथा अन्य वस्त्रों की डिजाइनिंग के लिए फैशन डिजाइनर्स को समुदाय के कलाकारों को जोड़ा जाएगा। फैशन डिजाइनर्स के माध्यम से मार्केटिंग की गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। समुदाय की आय में वृद्धि के उद्देश्य से यह गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। इनके उत्पादों की बिक्री मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय की चिन्हारी सोविनियर शॉप के माध्यम से भी की जाएगी।

मनका आभूषण, सुरमा बनाने में निपुण हैं कालबेलिया

साज-सज्जा सामग्री तथा जीवन की जरूरतों के लिए अन्य सामान जैसे मनका आभूषण, काँच पर कलात्मक कार्य, सुरमा, जड़ी-बुटी और पत्थर टांकने जैसे कार्य भी समुदाय द्वारा कलात्मक रूप से किये जाते हैं। इन उत्पादों को शिल्प कला के रूप में स्थापित करने और नगरीय समाज में इसे प्रचारित कर स्वीकार्य बनाने के लिए भी प्रयास आरंभ किये गये हैं। मध्यप्रदेश के कलाकारों को इन कार्यों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए राजस्थान से कालबेलिया समुदाय के ग्यारह कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। प्रथम कला शिविर में प्रदेश के 30 कलाकारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

3 सितम्बर 2021 तक जारी रहेगा कला शिविर

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 30 घुमन्तु अर्द्धघुमन्तु और विमुक्त जातियाँ निवासरत हैं। इन जनजातियों की सांस्कृतिक परंपरा का अब तक किसी भी प्रकार का अध्ययन नहीं हुआ है। उनके कला वैशिष्ट का रेखांकन भी नहीं हुआ है। संस्कृति विभाग ने ऐसे समुदायों की कला और कलात्मक प्रतिभा को एक शिल्प परंपरा के रूप में स्थापित करने के लिए कार्य शुरू किया है। इन समुदायों की जातीय विशिष्टता के रूपाकारों को केन्द्र में रखकर कला शिविरों की एक श्रृंखला आरंभ की गई है। पहले शिविर के रूप में मध्यप्रदेश की कालबेलिया घुमन्तू जनजाति की गुदड़ी निर्माण को रेखांकित करने के उद्देश्य से कला शिविर का आयोजन 25 अगस्त से आरंभ हुआ है, जो 3 सितम्बर 2021 तक जनजातीय संग्रहालय में जारी रहेगा।
=================================================================छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज से संबंधित आवश्यक अधोसंरचनात्मक कार्य पूर्ण होंगे
मुख्यमंत्री चौहान से मंत्री श्री सारंग के नेतृत्व में मिला प्रतिनिधि-मण्डल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के साथ बनने वाले सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मेडिकल कॉलेज से संबंधित आवश्यक अधोसंरचनात्मक कार्य पूर्ण किए जाएंगे।

इस संबंध में आज चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग के नेतृत्व में मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिले प्रतिनिधि-मण्डल ने उन्हें जानकारी दी कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में शिक्षण कार्य तो हो रहा है, किंतु कॉलेज का अपना हॉस्पिटल न होने से प्रेक्टिकल कक्षाएँ जिला चिकित्सालय में लग रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस विसंगति को दूर किया जाएगा।

प्रतिनिधि-मण्डल ने बताया कि छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी और कॉलेज के निर्माण के बाद वर्ष 2019 से शिक्षण कार्य आरंभ हो चुका है, किंतु कॉलेज का अपना हॉस्पिटल न होने से शिक्षण कार्य में बाधा आ रही है। प्रतिनिधि-मण्डल ने नई कार्य-योजना के माध्यम से बजट मंजूर कर इस कार्य को संपन्न करवाने का आग्रह किया। प्रतिनिधि-मण्डल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से छिंदवाड़ा नगर के सौंदर्यीकरण और रेल सुविधाओं के विकास में सहयोग की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि छिंदवाड़ा के व्यवस्थित विकास के सभी संभव कदम उठाए जाएंगे। प्रतिनिधि-मण्डल में श्री विवेक बंटी साहू, श्री नाना मोहोड़, श्री शेषराव यादव, श्रीमती कांता ठाकुर, श्री योगेश सदारंग, श्री आशीष ठाकुर और श्री शैलेंद्र रघुवंशी आदि शामिल थे।
=================================================================गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए
सामग्री के लिए म.प्र. के उद्योगों को प्राथमिकता दें
मुख्यमंत्री चौहान ने जल निगम के संचालक मंडल की बैठक ली
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जल जीवन मिशन सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके माध्यम से प्रदेश के घर-घर तक नल के माध्यम से पेयजल पहुँचाया जाएगा। योजना में प्रयुक्त होने वाले पाइप और अन्य सामग्री तथा कार्य की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। ठेकेदार कमतर गुणवत्ता का पाइप और सामग्री न लगा पाएं इसके लिए सतत मॉनीटरिंग एवं क्रॉस चैक सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान में शासकीय कार्यों में उपयुक्त होने वाली सामग्री के लिए प्रदेश के उद्योगों को प्राथमिकता दी जाए। सामग्री उच्च गुणवत्ता की हो यह भी सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश जल निगम के संचालक मंडल की 19वीं बैठक ले रहे थे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री मलय श्रीवास्तव, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा आदि उपस्थित थे।

30 वर्ष के लिए है योजना

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन 30 वर्ष के लिए बनाया गया है। अत: कार्य इस प्रकार का हो जिससे आगामी 30 वर्ष तक बिना किसी रूकावट के जनता को योजना का लाभ मिल सके।

जहाँ जल स्त्रोत नहीं है, पाइप लाइन न डालें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि योजना के कार्य में इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि जिन स्थानों पर जल स्त्रोत न हो वहाँ पाइप लाइन न डाली जाए। पाइप लाइन डालने से पहले जल स्त्रोत की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

ये भी निर्णय लिए गए

बैठक में श्री सुमित बोस की बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्ति का अनुमोदन, संविदा प्रबंधकों की सेवाओं में वृद्धि, इक्विटी शेयर के हस्तांतरण की स्वीकृति, नवीन क्रियान्वयन इकाइयों (पी.आई.यू.) की स्थापना एवं संरचनात्मक ढाँचे के सुदृढ़ीकरण की स्वीकृति, एच.डी.पी.ई. पाइप के संबंध में एम्पेनलमेंट प्रक्रिया आदि निर्णय लिए गए।
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मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति स्व. श्री प्रणब मुखर्जी को किया नमन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति स्व. श्री प्रणब मुखर्जी की पुण्य-तिथि पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निवास पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया। श्योपुर विधायक श्री सीताराम आदिवासी भी उपस्थित थे।

पूर्व राष्ट्रपति स्व. श्री प्रणब कुमार मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर 1935 में पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में हुआ। वे भारत के तेरहवें राष्ट्रपति थे। उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के पद और गोपनीयता की शपथ ली। उन्हें 26 जनवरी 2019 को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

श्री प्रणब मुखर्जी ने “द कोलिएशन ईयर्स: 1996-2012” पुस्तक भी लिखी। उन्होंने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में लंबे समय तक योगदान दिया। श्री मुखर्जी अपने शुरुआती जीवन में वकालत और अध्यापन कार्य सहित पत्रकारिता के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे। उनका निधन दिल्ली में 31 अगस्त 2020 को हुआ।
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मुख्यमंत्री चौहान ने स्मार्ट उद्यान में नीम का पौधा रोपा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान में नीम का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान अपने संकल्प के परिपालन में प्रतिदिन पौधा रोपण करते हैं। एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधिके रूप में जाना जाता है। नीम स्वाद में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान होते हैं। पर्यावरण की दृष्टि से भी नीम बहुत उपयोगी है।
=================================================================विकार से उपजते हैं कुविचार : गृह मंत्री डॉ. मिश्रा
पुलिस के जवानों का भी होना चाहिए यथोचित सम्मान
पश्चिम क्षेत्र पुलिस को-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक का किया शुभारंभ
पुलिस के जवान दिन-रात सेना के जवानों की तरह ही देश की आंतरिक सुरक्षा में सतत् तन-मन समर्पण भाव से नि:स्वार्थ योगदान देते हुए सेवा करते हैं। ऐसे जवानों का नवीन पहल करते हुए यथोचित सम्मान किया जाना चाहिये। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय भोपाल से ऑनलाइन पश्चिम क्षेत्र पुलिस को-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक का शुभारंभ करते हुए यह बातें कही। उन्होंने कहा कि महिला अपराध, संगठित अपराध, अवैध शराब परिवहन और साइबर क्राइम से निपटने के लिये की जा रही कार्यवाही को और अधिक सशक्त बनाना है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि देश को तोड़ने वाली ताकतों से सख्ती से निपटने के लिये जरूरी है कि कुत्सित मानसिकता वाले लोगों द्वारा फैलाये जा रहे कुविचारों के तंत्र को ही समाप्त करने के लिये तत्परता से कार्य किया जाए।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने कोरोना की विपत्ति के समय में भी अद्भुत कार्य कर समाज में व्याप्त पुलिस के प्रति धारणाओं को बदलने का कार्य किया है। पुलिस की छवि में सामाजिक तौर पर निखार आया है। वैसे भी जब आम व्यक्ति तमात सारे त्यौहार और जश्न मना रहा होता है, तब पुलिस का जवान सभी की सुरक्षा में तत्पर रहता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में पुलिस के उत्साहवर्धन के लिये उच्चतर पद पर कार्यभार पदेन शक्तियों सहित सौंपा गया। साथ ही वर्दी पर फित्ती और सितारे लगाने का अधिकार भी सौंपा गया। डॉ. मिश्रा ने बताया कि कोरोना काल में शहीद हुए कोरोना योद्धाओं के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति के साथ 50 लाख रुपये की एकमुश्त राशि भी प्रदान की गई। प्रदेश में ई-एफआईआर और एफआईआर आपके द्वार जैसे नवाचारों के बारे में भी अन्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों को बताया।

बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी के साथ गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और गोआ के पुलिस महानिदेशक और केन्द्र शासित प्रदेश दमन-दीव के पुलिस महानिरीक्षक भी ऑनलाइन जुड़े। पुलिस मुख्यालय भोपाल में अन्य राज्य स्तरीय आला अधिकारी उपस्थित रहे।
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