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शत-प्रतिशत लोगों को 30 सितंबर तक वैक्सीन का पहला डोज लगाया जायेगा: मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान
मुख्यमंत्री ने रतलाम में वैक्सीनेशन कार्य के सहयोगियों का किया सम्मान
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में 30 सितम्बर तक 18 वर्ष से ऊपर की आयु के शत-प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन का पहला डोज लगा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान गुरुवार को रतलाम के बड़बड़ स्थित विधायक सभागृह में कोविड वैक्सीनेशन कार्य में सहयोग करने वालों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

मोबाइल वैक्सीनेशन सेन्टर भी बनाए जाएंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वैक्सीनेशन कार्य प्रतिदिन किया जाएगा। जरुरत पड़ने पर बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के घर जाकर वैक्सीनेशन किया जायेगा। रतलामवासी 30 सितम्बर तक सभी को पहला डोज लगवाएँ। यह संकल्प लें कि कोई भी वैक्सीन लगवाने से शेष न रहे। रतलाम जिले को शत-प्रतिशत वैक्सीनेटेड जिला बनाने के महत्वपूर्ण कार्य में जुट जाएँ। उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर तक शत-प्रतिशत लोगों को सेकेण्ड डोज लग जाए, जिससे सभी को कोरोना का पूरा सुरक्षा कवच मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने रतलाम में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की, इसका लाभ रतलाम के साथ आसपास के जिलों को भी कोरोना काल में मिला है। कोरोना संक्रमण काल में हमने बहुत कष्ट भोगा है, अब हमकों सतर्क रहना है। कोरोना से बचना है तो सावधानी रखना पड़ेगी। कोरोना से बचाव का दूसरा उपाय शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रतलाम में अभी 70 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है, 30 प्रतिशत अभी शेष है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है, परन्तु दोनों डोज वैक्सीन लगने के बाद संक्रमण की संभावना कम हो सकेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोविड वैक्सीनेशन के महाभियान में सक्रिय सहयोग करने वाले स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों, पार्टी कार्यकर्ताओं आदि सभी को धन्यवाद देते हुए कि वे लोगों के जीवन की सुरक्षा के पुनीत कार्य में जुटे हुए हैं। आगे भी इस कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।

कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति के हितग्राहियों से की चर्चा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने रतलाम भ्रमण के दौरान लायंस क्लब में स्थापित टीकाकरण केन्द्र में जाकर वैक्सीन लगवा रहे स्वामी देवस्वरूपानंदजी से चर्चा कर पूछा कि वह कौन-सा डोज लगवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका यह दूसरा डोज है और उन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं हुई है। इसी तरह मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेटर सुश्री आरती राठौर और सुश्री प्रीति गहलोत से भी चर्चा कर उनकी हौसला अफजाई की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यहीं पर मौजूद कोविड-19 अनुकम्पा नियुक्ति योजना के हितग्राही श्री महेन्द्र वाघेला से पूछा कि नियुक्ति में किसी तरह की परेशानी तो नहीं आई।

स्व-सहायता समूह की चाय पीकर मुख्यमंत्री बोले चाय बहुत अच्छी बनाई है

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कम्युनिटी हॉल परिसर में मौजूद ग्राम करमदी के तुलसी स्व-सहायता समूह की कला मकवाना, लक्ष्मी मकवाना आदि महिलाओं द्वारा बनाई गई चाय पी और खुश होकर कहा कि चाय बहुत अच्छी बनाई है। मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूह की गतिविधियों की जानकारी ली। प्रभारी मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया, सांसद श्री गुमान सिंह डामोर, विधायक श्री चैतन्य काश्यप, डॉ. राजेंद्र पांडे, श्री दिलीप मकवाना, श्री राजेंद्र सिंह लुनेरा, कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी सहित जन-प्रतिनिधि, पत्रकार एवं नागरिक उपस्थित थे।
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किसानों की आय दोगुनी करने के लिए नवीनतम वैज्ञानिक खोजों को खेतों से जोड़ना जरूरी – मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री चौहान ने किया एन.के.सी. सेंटर फॉर जीनोमिक्स रिसर्च का शुभारंभ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि विज्ञान के क्षेत्र में हो रही नवीनतम खोजों और विकसित हो रही तकनीक को किसान के खेत से जोड़ना जरूरी है। एग्री जीनोमिक्स ऐसा वैज्ञानिक क्षेत्र है, जिससे अधिक उपज, कीट प्रतिरोधक क्षमता और फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। किसानों को अद्यतन वैज्ञानिक जानकारियाँ उपलब्ध कराने में श्री नंदकुमार सिंह चौहान (एन.के.सी.) सेंटर फॉर जीनोमिक्स रिसर्च मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने न्यूक्लियोम इंफॉर्मेटिक्स द्वारा हैदराबाद में स्थापित सेंटर का मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअल शुभारंभ कर रहे थे। केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, सांसद श्री अजय प्रताप सिंह तथा श्री राजेन्द्र गेहलोत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के.विजयराघवन, केन्द्रीय पशुपालन सचिव श्री अतुल चतुर्वेदी भी कार्यक्रम में वुर्चअली शामिल हुए।

प्रदेश में स्थापित होगी एशिया की सबसे बड़ी जीनोमिक्स लेब

न्यूक्लियोम इंफॉर्मेटिक्स के प्रबंध संचालक श्री दुष्यंत सिंह बघेल ने बताया कि उनके संस्थान द्वारा इंदौर में एशिया की सबसे बड़ी जीनोमिक्स लेब 165 करोड़ की लागत से स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि लेब की स्थापना में राज्य सरकार हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।

डीएनए विधेयक पारित कराने में श्री नंद कुमार चौहान की रही महत्वपूर्ण भूमिका

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निमाड़ क्षेत्र में स्व. श्री नंदकुमार सिंह चौहान द्वारा कृषि के उन्नयन के लिए किए गए प्रयासों का स्मरण करते हुए कहा कि उनके द्वारा संसद में डीएनए विधेयक को पारित कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके परिवार द्वारा कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में देश के किसानों को वैश्विक स्तर की वैज्ञानिक जानकारियाँ उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं।

सोयाबीन की फसल सुधार में सहायक होगा एग्री जीनोमिक्स

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन की फसल लगातार खराब हो रही है। इससे किसान बहुत अधिक प्रभावित हैं। एग्री जीनोमिक्स के उपयोग से सोयाबीन की फसल में सुधार के प्रयोग किए जा सकते हैं। इससे प्रदेश के किसानों को लाभ होगा।

उल्लेखनीय है कि एग्री जीनोमिक्स एक वैज्ञानिक क्षेत्र है, जो फसल सुधार में योगदान दे रहा है। इससे फसल में कीट प्रतिरोधक क्षमता, पौधों के स्ट्रेस टोलरेंस में सुधार कर बेहतर गुणवत्ता की फसलों का अधिक उत्पादन संभव होता है। न्यूक्लियोम इंफॉर्मेटिक्स ने इस क्षेत्र में 2013 में अपनी यात्रा आरंभ की। संस्था द्वारा पशुओं की जीनोम सिक्वेंसिंग का भी कार्य किया जा रहा है।
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नई शिक्षा नीति ने देश को ज्ञान आधारित सुपर पावर बनने का अवसर दिया है: राज्यपाल पटेल
हम युवाओं को इतना कौशल सम्पन्न बनाएंगे कि उन्हें स्वत: रोजगार मिले: मुख्यमंत्री श्री चौहान
प्रदेश में राज्य शोध एवं ज्ञान फाउंडेशन की होगी स्थापना
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का माना आभार
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम युवाओं को इतना कौशल सम्पन्न बनाएंगे कि उन्हें स्वत: रोजगार मिले। ऐसी शिक्षा जो व्यक्ति को आजीविका अर्जन में सक्षम और आत्म-निर्भर नहीं बना सकती, वह शिक्षा व्यर्थ है। रोजगारोन्मुखी शिक्षा और कौशल उन्नयन की व्यवस्था करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शिक्षा और कौशल संवर्धन के साथ नई पीढ़ी का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के संकल्प को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शत-प्रतिशत पूर्ण करती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार माना। राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल की गरिमामय उपस्थिति में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की। मिंटो हॉल में कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन तथा विभिन्न विश्वविद्यालयों के वाईस चांसलर तथा शोधार्थी सम्मिलित हुए।

55 महाविद्यालयों के बीच हुए एमओयू

राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल तथा मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा उच्च शिक्षा विभाग की पत्रिका “सफलता के सोपान” का विमोचन किया गया। साथ ही इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यार्थियों को सीड मनी का वितरण भी किया गया। जीईआर में वृद्धि के लिए दूरवर्ती शिक्षा केन्द्रों की स्थापना के लिए भोज मुक्त विश्वविद्यालय और 55 महाविद्यालयों के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल शिक्षा, समय की मांग

राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा संस्थान छात्र-छात्राओं को जीवन की अनंत ऊँचाइयों को छूने के लिए उड़ान भरने का लांच-पेड बने। छात्र-छात्राओं को उनकी पसंद और जरुरत की शिक्षा के अवसर देने के लिए विश्वविद्यालयों द्वारा एक्टिव नॉलेज के वेब आधारित ऑन लाइन पाठ्यक्रमों और क्रेडिट की व्यवस्था की जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा शिक्षा की पहुँच, शैक्षणिक समानता, गुणवत्ता और उपयोगिता को उत्तरदायित्व पूर्ण बनाकर, हम देश का भविष्य बदल सकते हैं। प्राचीन भारत में नालंदा, तक्षशिला जैसे शिक्षा के केन्द्र थे। नई शिक्षा नीति ने देश को एक बार फिर ज्ञान आधारित सुपर पॉवर बनाने का अवसर दिया है। विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति निर्माताओं के विजन की दिशा और दर्शन के अनुसार अपनी कार्य-दक्षता और ज्ञान भंडार का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करते हुए नीति को लागू करे। विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक वातावरण छात्रों में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने वाला हो। छात्र जरूरी कौशलों, ज्ञान से लैस हो। शिक्षा में भाषाई बाध्यताएँ नहीं रहें। दिव्यांग छात्रों के लिये भी शिक्षा सुगम हो।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल शिक्षा समय की मांग है। विश्वविद्यालयों को वर्तमान सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों और भविष्य की जरुरतों के लिए इनोवेशन के साथ रिसर्च के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करने की आवश्यकता है। शिक्षा को महिलाओं, वंचित वर्गों में विस्तारित करने के लिए पढ़ाई के अवसरों को ऑनलाइन विस्तारित किया जाए। अंतर विषयक और बहु विषयक शिक्षा प्रणाली की सफलता के लिए शिक्षा के प्रत्येक चरण की पूर्णता पर प्रमाण-पत्र और डिप्लोमा आदि प्रदान करने की व्यवस्थाएँ हों।

शिक्षा नीति ऐसी हो जिससे युवा आत्म-निर्भर बनें और आत्म-सम्मान से भरपूर रहें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा नीति ऐसी हो जिससे रोजगार और आत्म-निर्भरता के साथ स्वाभिमान, आत्म-सम्मान और समाज के प्रति दायित्व बोध में भी वृद्धि हो न कि विद्यार्थियों की कुंठा बढ़े। अत: रोजगार और कौशल उन्नयन करने वाली शिक्षा व्यवस्था आज की आवश्यकता है। जिन विद्यार्थियों को क्षेत्र विशेष में विशेषज्ञता प्राप्त करना है, वे उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हों।

ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना शिक्षा का लक्ष्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना शिक्षा का लक्ष्य है। शिक्षा वह है जो व्यक्ति को सम्पूर्णता प्रदान करे। सभी आवश्यकताओं को व्यवहारिक रूप से पूर्ण करने के साथ अंतिम लक्ष्य तक पहुँचने में सक्षम बनाएँ। इन लक्ष्यों के अनुरूप ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई हैं। शिक्षा को रटंत प्रक्रिया से दक्षता की ओर ले जाने का प्रयास किया गया है। विषयों के चयन में अधिकतम विकल्प उपलब्ध कराकर प्रयास यह किया गया है कि विद्यार्थियों में शोध और अनुसंधान की प्रवृत्ति विकसित हो। उनकी नैसर्गिक और स्वाभाविक रूचियों तथा गुणों को प्रोत्साहन मिले।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों में नागरिकता के संस्कार विकसित करना आवश्यक है देश भक्ति, कर्मठता, ईमानदारी, परिश्रम, अनुशासन और बेटियों के प्रति सम्मान के भाव और संस्कार युवा वर्ग आत्मसात करें यह जरूरी है। नई शिक्षा नीति में नैतिक शिक्षा, भारतीय ज्ञान परंपरा, महापुरुषों की जीवनियों को सम्मिलित किया गया है। विद्यार्थियों को एनएसएस और एनसीसी से जोड़ने के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए।

शिक्षण में क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलेबरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन महत्वपूर्ण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्वविद्यालयों में बेहतर शिक्षण के लिए पाँच सी को महत्वपूर्ण बताया है। यह है क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलेबरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन। प्रोफेसर और लेक्चर्स का प्रशिक्षण भी आवश्यक है, ।

वाइस चांसलर करें मॉनीटरिंग, मूल्यांकन और दें मार्गदर्शन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलरों का काम केवल कॉलेजों को संबद्धता देना नहीं है। शिक्षा का उद्देश्य पूरा करने वाली शिक्षा, विद्यार्थियों को मिल रही है या नहीं यह सुनिश्चित करना उनका दायित्व है। वाइस चांसलर निरंतर कॉलेजों की मॉनिटरिंग करें, मूल्यांकन करें और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हर संभव प्रयास जारी रहेंगे। देश और दुनिया में जो बेहतर हो रहा है उसे अपनाना जरूरी है। बेस्ट प्रेक्टिसेज का आदान-प्रदान आवश्यक है।

विश्वविद्यालयों को शोध के केंद्र के रूप में कार्य करना चाहिए

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालयों को शोध केंद्र के रूप में कार्य करना चाहिए। बिना शोध के संपूर्णता संभव नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की बात कही गई है। मध्यप्रदेश में इसी प्रकार राज्य शोध एवं ज्ञान फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। यह फाउंडेशन सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कोलेबरेशन से स्थापित किया जाएगा।

विश्वविद्यालय, उद्योगों के साथ मिलकर कार्य करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज की दुनिया कोलेबरेशन की दुनिया है। अपने संसाधनों और ज्ञान को शेयर करने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय, उद्योगों के साथ मिलकर कार्य करें। कृषि और उद्योगों के साथ जोड़कर विश्वविद्यालय उनकी आवश्यकता को समझें, इससे शिक्षा को और अधिक उपयोगी बनाया जा सकेगा।

प्रदेश को अग्रणी राज्यों की पंक्ति में लाना है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नए संकल्प के साथ हम आगे कदम बढ़ाए। मध्यप्रदेश सरकार की यह प्रतिबद्धता है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएंगे और हम प्रदेश को अग्रणी राज्यों की पंक्ति में लाकर खड़ा करेंगे।

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में कृषि संकाय आरंभ

उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा नीति में बदलाव के लिए वर्ष 1968 और 1986 में भी प्रयास हुए, परंतु वह प्रभावी नहीं रहे। देश को ऐसी नीति नहीं चाहिए जो बेरोजगारों की भीड़ बढ़ाती रहे। प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात बढ़कर 24. 2 हो गया है, जो राष्ट्रीय अनुपात से केवल 2.9 ही पीछे है। इसमें वृद्धि के लिए प्रयास जारी हैं। आज विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में कृषि संकाय आरंभ किया जा रहा है। कृषि के साथ उद्यानिकी, चिकित्सा, खाद्य प्र-संस्करण जैसे संकाय सभी विश्वविद्यालयों में आरंभ हों। यह गतिविधियाँ विश्वविद्यालयों को अकादमिक स्वतंत्रता देंगी और युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएंगी। इससे उन्हें देश–दुनिया में बेहतर अवसर मिलेंगे।

प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप प्रधानमंत्री श्री मोदी की परिकल्पना के अनुरूप

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन किया गया था। विषय-विशेषज्ञों और कुलपतियों के साथ विचार-विमर्श उपरांत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संकल्पों को समग्रता में लागू करने का प्रयास किया गया है। वर्तमान में एक सितंबर से आरंभ होने वाले सत्र में शिक्षा नीति उसी स्वरूप में लागू होगी, जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण बिंदु जैसे 4 वर्षीय डिग्री कोर्स, बहु संकाय अध्यापन व्यवस्था, सर्टिफिकेट डिप्लोमा-डिग्री कोर्स की व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है। साथ ही नीति में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, अकादमिक संरचना और स्वरूप और क्रेडिट हस्तांतरण एवं प्रबंधन पर विशेष तकनीकी-सत्र भी आयोजित किए गए।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

सत्र 2021-22 से प्रदेश के सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर दी गई है। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्नातक स्तर पर 4 वर्षीय पाठ्यक्रम के साथ-साथ च्वाईस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम विद्यार्थियों के लिए रहेगा। इसके साथ रोजगारपरक व्यवसायिक पाठ्यक्रम, बहुप्रविष्टि एवं बहुनिकास की उपलब्धता, भारतीय ज्ञान परंपरा का पाठ्यक्रम में प्रवेश, क्रेडिट हस्तांतरण की सुविधा, प्रत्येक विद्यार्थी को ऑनर्स पाठ्यक्रम करने का अवसर, कला, विज्ञान, शारीरिक शिक्षा तथा अन्य गतिविधियों को बढ़ावा, व्यवहारिक शिक्षा और जीवन कौशल को विकसित करना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शामिल है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत 04 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में कुल 160 क्रेडिट विद्यार्थियों के लिये रहेंगे तथा वैकल्पिक विषय चयन की सुविधा रहेगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्नातक स्तर पर विषयों के चयन में एक मुख्य विषय, एक गौण विषय, एक वैकल्पिक विषय तथा एक व्यवसायिक पाठ्यक्रम(कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम), अनिवार्य विषय के रूप में आधार पाठ्यक्रम(योग्यता संवर्धन पाठ्यक्रम), इंटरनशिप/ परियोजना कार्य होंगे।

महाविद्यालयों में मांग के अनुरूप सर्टिफिकेट/डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए 160 महाविद्यालयों में 282 सट्रिफिकेट तथा 177 डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के संचालन की अनुमति जारी कर दी गई है।
=================================================================मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर में डायलिसिस-थैलेसीमिया सेंटर, ब्लड बैंक का जीर्णोद्धार एवं नवीन कार्यों का किया भूमि-पूजन
रेडक्रॉस परिसर में की गर्भवती महिलाओं से चर्चा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इंदौर के रेडक्रास सोसायटी परिसर में डायलिसिस थेलेसीमिया सेंटर एवं अत्याधुनिक ब्लक बैंक प्रकल्प सुश्रुत का जीर्णोद्धार एवं 8 करोड़ रुपए की लागत के नवीन कार्यों का भूमि-पूजन किया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर की लैब के यहाँ स्थापित होने से प्रदेश के थैलेसीमिया से ग्रसित मरीजों को काफी राहत होगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिकलसेल और थैलेसीमिया बीमारी ने हमेशा ही मुझे व्यथित किया है। मैं दानदाताओं, चिकित्सकों, रेडक्रॉस आदि को इस पुनीत कार्य के लिए धन्यवाद देता हूँ। इलाज से बेहतर रोकथाम होती है। इस सेंटर के माध्यम से थैलेसीमिया के संभावित रोगियों का शुरुआती दौर में ही निदान और इलाज हो सकेगा। उन्होंने बताया कि सिकलसेल एनीमिया के इलाज में काफी खर्चा आता है। इसके प्रभावी इलाज हेतु यूएसए के डॉक्टर्स के गुप्स से एमओयू किया गया है। हम सुश्रुत प्रकल्प से जुड़े चिकित्सकों, समाजसेवियों, रेडक्रॉस के सहयोग से निम्न और मध्यम वर्ग के सिकलसेल एनीमिया पीड़ितों का निःशुल्क इलाज करेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लैब में अपना समय देने के संकल्प पर डॉ. विनीता कोठारी का आभार जताते हुए सम्मान किया। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने परिसर में गर्भवती महिलाओं के लिए बनाए गए पिंक वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण कर वैक्सीन लगवा रही महिलाओं को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी दिए। आशा कार्यकर्ता चेतना कुशवाह ने उन्हें राखी बांधी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टीकाकरण कराने आई गर्भवती महिलाओं रेशमा, सरिता, योगिता से हालचाल पूछा और अपना ख्याल रखने को कहा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विधायक श्रीमती मालिनी गौड़ द्वारा गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए किए गए प्रयास सराहनीय है। मैंने यहाँ देखा कि बहनें बिना किसी डर भय के टीकाकरण के लिए आई। यह टीकाकरण उनको तथा उनके आने वाले बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फिलहाल कोरोना थमा है फिर भी पॉजिटिव केस आ रहे हैं। यह वायरस कब स्वरूप बदल ले, कोई ठिकाना नहीं, इसलिए सावधान रहें। उन्होंने मौजूद चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वे आमजन में इसके लिए जागरूकता भी फैलाए। इंदौर कई चीजों में नम्बर वन है। आशा है कि गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन में इंदौर अग्रणी होगा। विधायक श्रीमती मालिनी गौड़, श्री महेंद्र हार्डिया, श्री आकाश विजयवर्गीय, डॉ. निशांत खरे, श्री गौरव रणदिवे आदि मौजूद थे।
=================================================================आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल जरूरी : गृह मंत्री डॉ. मिश्रा
4 करोड़ 16 लाख रूपये के निर्माण कार्यों का किया भूमि-पूजन और लोकार्पण
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना बेहद जरूरी है। वे होमगार्ड के आपदा प्रबंधन कक्ष से प्रदेश के सभी होमगार्ड अधिकारियों से ऑनलाइन रूबरू होते हुए संवाद कर रहे थे। डॉ. मिश्रा ने होमगार्ड लाइन में ढाई करोड़ रूपये से अधिक के निर्माण कार्यों का लोकार्पण कर अवलोकन भी किया। उन्होंने एक करोड़ 54 लाख रूपये के बहुउद्देशीय हॉल का भूमि-पूजन भी किया। इस अवसर पर महानिदेशक होमगार्ड श्री अशोक दोहरे, एडीजी श्री अशोक अवस्थी एवं श्री डी.सी. सागर, आईजी एसडीईआरएफ सुश्री दीपिका सूरी सहित होमगार्ड एवं आपदा प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने आपदा प्रबंधन संबंधी प्रदेश के सभी अधिकारियों का अभिनंदन करते हुए आपदा में किये गये कार्यों के लिये सैल्यूट किया। उन्होंने विगत डेढ़ वर्ष में प्रदेश में आई बाढ़, अतिवृष्टि और कोरोना जैसी गंभीर विपत्ति में विभाग द्वारा निष्ठापूर्वक किये गये कार्यों की सराहना की। डॉ. मिश्रा ने कहा कि टेक्नालॉजी वक्त के साथ बदलती जा रही है। जरूरत के मुताबिक हमे भी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना जरूरी है। आपदा के समय नई तकनीक का इस्तेमाल कर हम और अधिक लोगों की जान-माल की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग की बेहतरी और आधुनिकीकरण की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। डॉ. मिश्रा ने विभाग द्वारा किये जाने वाले साहसिक कार्यों का विभिन्न प्रकार से दस्तावेजीकरण करने के लिये निर्देशित किया है।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने होमगार्ड लाइन में 2 करोड़ 51 लाख 74 हजार रूपये लागत के एसडीईआरएफ कैम्पस में निर्मित 15 कक्षीय हॉस्टल, 2 मंजिला बैरक, एसडीईआरएफ ऑफिस और बैरक, भोजनालय एवं सैनिक बैरक का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने एक करोड़ 54 लाख रूपये की लागत से निर्मित किये जाने वाले नवीन बहुउद्देशीय हॉल का भूमि-पूजन किया। डॉ. मिश्रा ने कहा उपरोक्त लोकार्पण से लाइन विभिन्न शासकीय कार्यों व प्रशिक्षण के लिये आने वाले वरिष्ठ स्तर से लेकर सैनिक तक को रहने की सुविधा हो सकेगी।

डॉ. मिश्रा ने ऑनलाइन किया संवाद

आपदा प्रबंधन के संभाग और जिला स्तरीय अधिकारियों से गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने ऑनलाइन संवाद किया। ग्वालियर, भोपाल, शहडोल, इंदौर और जबलपुर डिविजन के डिस्ट्रिक कमांडेंट ने आपदा प्रबंधन में आने वाली दिक्कतों के साथ ही विभागीय परेशानियों से अवगत कराया। डॉ. मिश्रा ने कहा कि यथाशीघ्र समस्याएँ दूर की जायेंगी। आपदा के समय 8 घंटे से अधिक ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के नि:शुल्क स्वल्पाहार एवं भोजन संबंधी प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन हैं।
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सुशासन और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने में पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका-मंत्री डॉ. भदौरिया
जनसेवा के लिए 24 घण्टे तत्पर रहता है पुलिस विभाग
नव-निर्मित बरेली पुलिस थाना भवन का किया लोकार्पण
समाज में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने एवं अपराध नियंत्रण में पुलिस की सबसे बड़ी भूमिका होती है। पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने और लोगों को सुरक्षा देने का काम ही नहीं करती, बल्कि संकट के समय समाज के लिए मददगार भी बन जाती है। सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन और रायसेन जिला प्रभारी मंत्री डॉ. अरविंद भदौरिया ने गुरुवार 26 अगस्त को रायसेन जिले के नव-निर्मित पुलिस थाना भवन बरेली के लोकार्पण कार्यक्रम में यह बात कही। मंत्री डॉ भदौरिया ने कहा कि बरेली में लम्बे समय से नवीन थाना भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। उन्होंने कहा कि पुलिस हाउसिंग बोर्ड ने एक करोड़ रुपये की लागत के थाना भवन का निर्माण रिकॉर्ड एक साल से कम समय में पूर्ण किया है।

मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि कोरोना महामारी के कठिन दौर में आमजन को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के अमले ने अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात काम किया है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने लोगों को सुरक्षित रखने, उनकी जान बचाने में अपने प्राण भी गवाएँ हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग पर कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने का महत्वपूर्ण दायित्व होता है। इसमें लोगों को भी पुलिस का सहयोग करना चाहिए।

मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोना महामारी के कठिन दौर में लोगों को राहत पहुँचाने अनेक महत्वपूर्ण योजनाएँ प्रारंभ की हैं। छोटे-छोटे व्यवसायी, पथ-विक्रेता अपना काम दोबारा शुरू कर सकें, इसके लिए स्ट्रीट वेण्डर योजना के माध्यम से बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। गरीबों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़े, इसके लिए आयुष्मान योजना के तहत कोरोना संक्रमण को चिन्हित अशासकीय अस्पतालों में निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहे, इसके लिए दिवाली तक जरूरतमंदों को निःशुल्क राशन प्रदान किया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण जिन बच्चों के सिर से माता-पिता का साया छिन गया, उनके लिए बाल कल्याण योजना संचालित की गई है।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए जो रोडमैप तैयार किया है। इसका महत्वपूर्ण बिन्दु सुशासन है। पुलिस विभाग कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ 24 घण्टे जनसेवा के लिये भी तत्पर रहता है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग भी लोगों की सहायता के लिए 24 घण्टे कार्य करता है। सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कानून बनाये हैं। मंत्री डॉ चौधरी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश ही नहीं देश और विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण और मरीजों के समुचित उपचार के लिए त्वरित प्रबंध किए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जन-भागीदारी का जो रोड मॉडल प्रस्तुत किया, उसकी सम्पूर्ण देश में सराहना हो रही है। कोरोना नियंत्रण के लिए प्रदेश स्तर से जिला स्तर, ब्लॉक स्तर, वार्ड स्तर और ग्राम स्तर पर आपदा प्रबंधन कमेटियाँ गठित की गईं। जन-प्रतिनिधियों, अधिकारियों, समाजसेवियों, नागरिकों को समितियों में शामिल कर कोरोना नियंत्रण के कारगर प्रयास किए जा रहे हैं।

मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के साथ कोरोना की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए भी तैयारियाँ की जा रही है। जिला अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य केन्द्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में वेंटीलेटर, आईसीयू और सेन्ट्रलाइज ऑक्सीजन युक्त ऑक्सीजन बेड तैयार किए गए हैं। सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।

मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शत-प्रतिशत पात्र लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि 25 और 26 अगस्त को टीकाकरण महाअभियान-2 संचालित किया है। महाअभियान-2 के पहले दिन 25 अगस्त को प्रदेश में एक दिन में रिकॉर्ड 24 लाख 20 हजार से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई गई।

पूर्व मंत्री एवं सिलवानी विधायक श्री रामपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए शासन-प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें लोगों का सहयोग भी जरूरी है। कार्यक्रम में उदयपुरा विधायक श्री देवेन्द्र पटेल, कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव, पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका शुक्ला, पूर्व विधायक श्री रामकिशन पटेल, डॉ, जयप्रकाश किरार अन्य जन-प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
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