• Fri. May 17th, 2024

ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना शिक्षा का मूल उद्देश्य : मुख्यमंत्री चौहान
madhyapradesh ki khas khabren,mpnews,madhyapradesh news,madhyapradesh ke samachar,ShivrajSinghChouhan,shivrajsingh chouhan,mpcm,chiefminister of madhyapradesh,todayindia,todayindia news,today india news in hindi,Headlines,Latest News,Breaking News,Cricket ,Bollywood24,today india news,today indiaप्रदेश के बजट का 10 प्रतिशत शिक्षा पर किया जा रहा व्यय
आत्म-निर्भर भारत बनाने के लिए तकनीक को ग्राम स्तर तक ले जाना जरूरी : केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी
सार्थक एजुविज़न 2021 के तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो का शुभारंभ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना शिक्षा का मूल उद्देश्य है। भारतीय परम्परा में विश्व के कल्याण और सर्वे भवन्तु सुखिन: का भाव चिरकाल से विद्यमान है। मन के सुख को भारतीय मनीषियों ने सदा से ही सर्वोपरि रखा है। निश्चित रूप से यह ज्ञान से ही संभव है। शिक्षा संचित ज्ञान तो दे रही है पर भावी पीढ़ी नया कुछ सोचे, इसके लिए शिक्षा पद्धति में पर्याप्त व्यवस्था करना आवश्यक है। हर व्यक्ति की नई सोच को मौका देना जरूरी है। शिक्षा का कौशल पक्ष व्यक्ति को आजीविका की व्यवस्था में सक्षम बनाता है। व्यक्ति की क्षमताओं का प्रकटीकरण शिक्षा से ही संभव है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भारतीय शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित सार्थक एजुविज़न 2021 के तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस एवं नेशनल एक्सपो के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। शिक्षा नीति में भारतीयता की स्थापना के लिए कुलपति, शिक्षाविद् और अकादमिक जगत के समागम के प्रशासन अकादमी में आयोजित उद्घाटन-सत्र को केन्द्रीय सड़क, परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने भी संबोधित किया। वेद पठन के साथ आरंभ हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान तथा केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘सार्थक एजुविज़न न्यूज’ का लोकार्पण और गुरूकुल प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया।

सर्वसुविधा सम्पन्न 9 हजार विद्यालय आरंभ होंगे प्रदेश में

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता के लिए शालेय और उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रयास जारी हैं। प्रदेश के बजट का 10 प्रतिशत शिक्षा पर व्यय किया जा रहा है। शालेय स्तर पर प्रत्येक 15 से 20 किलोमीटर के दायरे में गुणवत्ता शिक्षा के लिए ऐसे स्कूल विकसित किए जा रहे हैं, जहाँ प्रयोगशाला, पुस्तकालय, खेल मैदान, पर्याप्त शिक्षक व्यवस्था उपलब्ध होगी। इस पर 1500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष कुल 3 हजार स्कूल आरंभ किए जाएंगे। प्रदेश में इस प्रकार के कुल 9 हजार विद्यालय विकसित करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिक्षा ही नागरिकता के संस्कार विकसित करती है, जिससे व्यक्ति में देश और समाज के लिए जीने के भाव विकसित होते हैं। कोरोना के कठिन काल में जिस स्वरूप में लोगों ने कठिनाई में फंसी जनता की सेवा की, वह इन भावों का ही प्रकटीकरण था। राज्य सरकार ने भी कोरोना काल में किसानों और गरीबों के खातों में 1 लाख 18 हजार करोड़ रूपए जारी किए।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए दें सुझाव

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक नेता हैं। उनके द्वारा कोरोना काल में दिए गए आत्म-निर्भर भारत के मंत्र को साकार करने के लिए ही आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया गया है। इसके चार आधार स्तंभ क्रमश: अधोसंरचना, शिक्षा व स्वास्थ्य, रोजगार और अर्थ-व्यवस्था तथा सुशासन हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल का यह महाकुंभ शिक्षा को रोजगार और अर्थ-व्यवस्था से जोड़ने के लिए व्यवहारिक सुझाव प्रदान करेगा जो आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सार्थक एजुविज़न 2021 के निष्कर्षों को प्रदेश में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन का आश्वासन भी दिया।

सामाजिक आर्थिक समानता, प्रजातंत्र और नैतिक मूल्य हमारी प्रतिबद्धता

केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि व्यक्ति को स्व-रोजगार और रोजगार देने वाला बनाना शिक्षा द्वारा ही संभव है। आगामी 50 वर्ष की आवश्यकताओं और परिस्थितियों को देखते हुए शिक्षा नीति के उद्देश्यों का निर्धारण किया जाना चाहिए। विभिन्न क्षेत्रों में समन्वय, संवाद और सहयोग सार्थक प्रगति के लिए आवश्यक है। केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि भौतिक प्रगति और आर्थिक प्रगति तो आवश्यक है पर भारतीयता और अनेकता में एकता हमारी मूल विशेषता है। सामाजिक आर्थिक समानता, प्रजातंत्र और नैतिक मूल्य हमारी प्रतिबद्धता है। मूल्याधिष्ट जीवन पद्धति, परिवार पद्धति और शिक्षा पद्धति हमारी शक्ति है। पूरी दुनिया इसे स्वीकार करती है। हमें चुनौतियों को स्वीकार करते हुए राष्ट्र के पुनर्निर्माण का संकल्प लेना है। भय, भूख, आतंक, भ्रष्टाचार से मुक्त विश्व की पहले नंबर की अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। बेरोजगारी से मुक्ति, गाँव, गरीब, किसान, मजदूर का कल्याण, गाँव और शहरों के बीच के अंतर को कम करते हुए आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के लिए सार्थक एजुविज़न 2021 से प्राप्त सुझाव उपयोगी सिद्ध होंगे।

कार्यक्रम में लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गोपाल भार्गव, खेल एवं युवक कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा, पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, लोक निर्माण राज्यमंत्री श्री सुरेश धाकड़, यूजीसी के चेयरमेन प्रोफेसर श्री डी.पी. सिंह, राष्ट्रीय शिक्षा मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सच्चिदानंद जोशी और राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार उपस्थित थे।
madhyapradesh ki khas khabren,mpnews,madhyapradesh news,madhyapradesh ke samachar,ShivrajSinghChouhan,shivrajsingh chouhan,mpcm,chiefminister of madhyapradesh,todayindia,todayindia news,today india news in hindi,Headlines,Latest News,Breaking News,Cricket ,Bollywood24,today india news,today india





aum

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *