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मुख्यमंत्री चौहान ने पश्चिम बंगाल के जगतवल्लभपुर में बाँस का पौधा लगाया
madhyapradesh ki khas khabren,mpnews,madhyapradesh news,madhyapradesh ke samachar,ShivrajSinghChouhan,shivrajsingh chouhan,mpcm,chiefminister of madhyapradesh,todayindia,todayindia news,today india news in hindi,Headlines,Latest News,Breaking News,Cricket ,Bollywood24,today india news,today indiaमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल प्रान्त के भ्रमण के दौरान रविवार को जिला हावड़ा के जगतवल्लभपुर में बाँस का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा प्रतिदिन एक पौधा लगाने का संकल्प लिया गया है।
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किसानों की मेहनत मध्यप्रदेश को फिर बनाएगी सिरमौर : मुख्यमंत्री चौहान
गेहूँ उपार्जन, परिवहन और भंडारण की अग्रिम व्यवस्थाएँ हुई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस बार पुन: मध्यप्रदेश के किसानों की मेहनत रंग लाएगी और गेहूँ उपार्जन में प्रदेश पुन: देश में अव्वल होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारे अन्नदाता किसानों को राज्य सरकार हरसंभव मदद कर रही है। रबी विपणन 2021-22 में किसानों की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिये पुख्ता इंतजाम किये जा चुके हैं, जिससे किसानों को अपनी उपज का विक्रय करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।

इस वर्ष भी ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन

किसानों की सहूलियत के लिये इस बार भी ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की व्यवस्था की गई है। पोर्टल पर अभी तक 21 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। पंजीयन का कार्य प्रदेश के 3518 केन्द्रों पर किया गया है। साथ ही गिरदावरी किसान एप, कॉमन सर्विस सेंटर और कियोस्क केन्द्रों पर भी किसानों को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। उपार्जन व्यवस्थाओं में यह प्रयास भी किया गया कि कोई भी किसान पंजीयन से वंचित न रहे।

कुल 4500 केन्द्रों पर होगी गेहूँ खरीदी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस वर्ष भी प्रदेश के 4500 खरीदी केन्द्रों पर गेहूँ उपार्जन का कार्य किया जाएगा। खरीदी कार्य में स्व-सहायता समूहों, एफपीयू और एफपीसी को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी के साथ उसके भंडारण और परिवहन की पुख्ता व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। उपार्जन केन्द्रों पर गेहूँ खरीदी का कार्य मार्च माह से शुरू किया जाएगा। इसके लिये तय किया गया है कि इंदौर और उज्जैन में 22 मार्च से और शेष अन्य जिलों में एक अप्रैल से गेहूँ उपार्जन शुरू किया जाएगा। इस वर्ष लगभग एक करोड़ 25 लाख मीट्रिक टन गेहूँ और 20 लाख मीट्रिक टन दलहन एवं तिलहन उपार्जन का अनुमान है। उपार्जित स्कन्धों के शीघ्र परिवहन एवं भंडार की व्यवस्थाएँ भी सुनिश्चित की जा रही हैं।

गेहूँ उपार्जन में प्रदेश का कीर्तिमान किसानों की बदौलत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का जो इतिहास रचा गया, उसके मूल में किसानों की कड़ी मेहनत है। प्रदेश के किसानों ने मध्यप्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया है, जिसकी सर्वत्र प्रशंसा भी हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश के इतिहास में समर्थन मूल्य पर हुई रिकार्ड खरीदी में सरकार द्वारा की गई चाक-चौबंद व्यवस्थाओं ने भी उत्प्रेरक की भूमिका निभाई।

कृषि क्षेत्र में किये गये हैं अनेक नवाचार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका है। कृषि क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के लिये प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिये अनेक नवाचार किये गये हैं। राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि कृषि का उत्पादन बढ़े, उत्पादन की लागत कम हो और किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के दौरान किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान की पर्याप्त क्षतिपूर्ति हो सके, इसके लिये प्रावधानों में संशोधन भी किया गया है।

खाद, बीज के साथ सिंचाई और बिजली की व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कराते हुए सिंचाई के लिये पानी और बिजली की व्यवस्थाएँ की गई हैं। कोरोना काल में जब सभी गतिविधियाँ प्राय: बंद हो रही थी, उस समय विभिन्न योजनाओं में ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रूप से जल-संरचनाओं का निर्माण करवाया गया। इससे जहाँ एक ओर स्थानीय लोगों को कोरोना काल में रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी होने से किसानों को सिंचाई के लिये पानी की सहज उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई। प्रदेश में बड़ी एवं लघु सिंचाई योजनाओं पर भी युद्ध स्तर पर कार्य हुआ, जिसका लाभ किसानों को मिला।

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना

किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिये मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना भी शुरू की गई। इस योजना में अब तक 57 लाख 50 हजार से अधिक पात्र किसानों को दो-दो हजार के मान से लगभग 1150 करोड़ रूपये का भुगतान ऑनलाईन किया गया है। इसके अलावा किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ भी प्रतिवर्ष प्रति किसान 6 हजार रूपये पूर्व से प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं के नाम से किसानों के साथ छल करने वाले व्यवसायियों पर भी कड़ी कार्यवाहियाँ की गई हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रदेश में नकली खाद, बीज और दवाओं का विक्रय न हो।
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देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को मुख्यमंत्री चौहान ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, संविधान सभा के अध्यक्ष देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उन्हें नमन करते हुये कहा कि पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया। उन्होंने सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धान्त पर अमल किया। उनके विचार और आदर्श हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
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किसानों को उन्नत तकनीकी के साथ औषधीय खेती के लिए प्रोत्साहित करें : मंत्री डॉ. मिश्रा
दतिया में 12 वर्षो के अंदर कृषि उत्पादन में हुई बढ़ोत्तरी
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने किसानों से कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से कृषि की उन्नत एवं आधुनिक तकनीकी की जानकारी प्राप्त करें। कृषि विज्ञान केन्द्र की भी जबावदारी है कि केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक एवं अधिकारी गाँव-गाँव में जाकर किसानों को परम्परागत फसलों के साथ औषधीय पौधों की खेती के रूप में सफेद मूसली, अश्वगंधा एवं मशरूम आदि फसले लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें, जिससे खेती लाभ का धंधा बन सके।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत् किसान संगोष्ठी एवं बीज भण्ड़ार के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गृह मंत्री ने इस मौके पर कृषकों का सम्मान कर कृषि उपकरण प्रदाय किए।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि 12 वर्ष पूर्व दतिया कृषि उपज मंडी में गेंहूँ दो हजार क्विंटल आता था जो अब बड़कर 50 हजार क्विंटल हो गया है। जबकि धान की आवक 60 से 70 हजार क्विंटल हो गई है। इसके पीछे कृषि की आधुनिक पद्धति के साथ किसानों की मेहनत एवं कृषि वैज्ञानिकों की सलाह रही है। उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यों का मूल्यांकन कर उत्कृष्ट पाए जाने पर दतिया का केन्द्र देश में प्रथम स्थान पर रहा है। यह केन्द्र मध्यप्रदेश के सबसे अच्छे केन्द्रों में से एक है।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों से कहा कि किसानों को केन्द्र पर प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन देने के साथ गांव-गांव में जाकर शिविर एवं संगोष्ठियों के माध्यम से कम लागत में अधिक उत्पादन लेने तथा किसानों की आय दोगुनी करने तथा खेती लाभ का धंधा बने इसके लिए कृषकों को जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि कृषकों को परम्परागत फसलों के साथ फलोद्यान, फ्लोरीकल्चर, औषधीय पौधों की खेती के रूप में सफेद मूसली, अश्वगंधा की खेती लेने के लिए भी प्रेरित करना होगा। औषधीय खेती की मांग को देखते हुए किसानों को इस दिशा में रूझान बढ़ाना होगा।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने किसानों से कहा कि वह सब्जी की खेती के रूप में ब्रोकली एवं मशरूम की खेती करें। इस खेती से अन्य सब्जियों की अपेक्षा अधिक दाम प्राप्त कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक इन सब्जियों के उत्पादन के लिए तकनीकी सलाह देकर कृषकों को भी प्रेरित करें।

मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि क्षेत्र के अव्वल कृषि विज्ञान केन्द्र का स्थान बरकरार बनाए रखने के लिए वैज्ञानिक एवं अधिकारी केन्द्र द्वारा किए गए कार्यों को किसानों के बीच में प्रचार-प्रसार भी करें।इससे किसान लाभ लेकर अधिक उत्पादन कर सकेंगे।

इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक, किसान व गणमान्यजन उपस्थित थे।
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