प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सरकार ने देश भर में साढ़े 12 हजार आयुष केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि सरकार इसी वर्ष चार हजार केन्द्र खोलने की कोशिश कर रही है। योग के विकास और इसे बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान करने वालों को योग पुरस्कार प्रदान करते हुए नई दिल्ली में श्री मोदी ने कहा कि देश भर में डेढ़ लाख स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र खोले जा रहे हैं।
जो लैब के अंदर तराशा गया हो, जिसको मेडिकल साईंस की दुनिया समझ सके इस रूप में उसका प्रस्तुतीकरण हो और इसी के तहत आयुष को भारत के हेल्थ केयर सिस्टम का अहम हिस्सा बनाने पर बल दिया जा रहा है। मुझे बताया गया है कि आयुष परिवार में 100वां रिगवा सिस्टम को शामिल किया गया है और हमारा जो लेह लद्दाख है वहां पर अब उसका एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का सेंटर विकसित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि आयुष और योग, फिट इंडिया अभियान के मजबूत स्तम्भ हैं। उन्होंने कहा कि योग, प्रणायाम और आयुर्वेद के बल पर ही वे स्वस्थ हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आयुर्वेद, योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी के बाद आयुष परिवार में सोवा-रिगपा भी शामिल हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि गांधी जी प्राकृतिक चिकित्सा की जीवन शैली में विश्वास करते थे।
और गांधी जी कहते है थे कि प्राकृतिक चिकित्सा जीवन जीने का तरीका है। यह किसी इलाज का तरीका नहीं है। ये इस बात में बहुत बड़ी ताकत है जो गांधी जी ने कही है। उन्होंने ताउम्र इस बात पर अमल किया और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को जीवन का आधार बनाया। हमारे पास हजारों वर्षों पुराना लिटरेचर है, वेदों में गंभीर बीमारियों से जुड़े इलाज की चर्चा है, लेकिन दुर्भाग्य से हम अपनी इस पुरातन रिसर्च को, ज्ञान के इस खजाने को, आधुनिकता से जोड़ने में इतने सफल नहीं हो पाए है।
इस अवसर पर श्री मोदी ने आयुष प्रणालियों के जाने-माने विशेषज्ञों और चिकित्सकों के सम्मान में 12 आयुष स्मारक डाक टिकट भी जारी किये।
=========================
courtesy