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आईसीसी ने (बीसीसीआई) से अपील की है की वह विकेट कीपर महेंद्र सिंह धोनी से उनके दस्ताने पर बने सेना के निशान को हटाने को कहे | विश्वकप के पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी को विकेट कीपिंग दस्तानो पर भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स के निशान का इस्तेमाल करते देखा गया था | पैरामिलिट्री कमांडो को यहDhonikeepTheGlove चिन्ह धारण करने का अधिकार है | धोनी को २०११ में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि मिली थी | २०१५ में उन्होंने पैरा ब्रिगेड की ट्रेनिंग ली थी | इस पर सोशल मीडिया पर महेंद्र सिंह धोनी की काफी तारीफ हो रही है , लेकिन ( आई सी सी ) की सोच और नियम अलग है | आई सी सी के रूल के अनुसार के कपड़ो या अन्य चीज़ो पर इंटरनेशनल मैच के दौरान राजनीति ,धर्म या नस्लभेदी जैसे चीज़ो का सन्देश नहीं जाना चाहिए |DhonikeepTheGlove

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में धोनी के विकेटकीपिंग दस्तानों पर सेना का निशान उस समय दिखाई दिया जब उन्होंने मैच के 40वें ओवर के दौरान युजवेंद्र चहल की गेंद पर दक्षिणी अफ्रीकी बल्लेबाज एंडिले फेहलुकवायो को स्टंप्स आउट किया था। जिसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी जमकर सराहना की थी।DhonikeepTheGlove

यह पहली बार नहीं है जब धोनी ने पैरा फोर्सेज से जुड़ी निशानी को पहना हो, इससे पहले वो IPL के दौरान बलिदान बैज वाले टोपी और फोन के कवर पर इस निशानी को लगाए देखे जा चुके हैं। धोनी अक्सर सेना की टोपी या सेना सी जुड़ी निशानियों को अपने कपड़ों या बैग पर लगाए दिख जाते हैं। वे पहले ही अपने इरादे बताते हुए कह चुके हैं कि क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वो सेना में जाकर देश सेवा करना चाहते हैं।DhonikeepTheGlove
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