केंद्र ने स्पष्ट किया है कि उसने त्रिभाषा प्रणाली पर कोई निर्णय नहीं लिया है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति ने नई शिक्षा नीति के मसौदे में तीन भाषाओं की नीति का प्रस्ताव किया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कल एक बयान में कहा कि समिति ने मसौदा नीति प्रस्तुत की है जिसे आम जनता की राय के लिए रखा गया है। मंत्रालय ने कहा कि अंतिम निर्णय जनता की राय और राज्य सरकारों के परामर्श से लिया जाएगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहाः-
हमारे प्रधानमंत्री जी और हमारी गवर्नमेंट ने पहले से यह तय किया है कि सभी भारतीय भाषाओं का हम सम्मान करेंगे और उसका विकास करेंगे। किसी भी प्रदेश पर कोई भी भाषा थोपी नहीं जाएगी। इस बात को लेकर के विवाद का कोई विषय नहीं उठता है क्योंकि सरकार वो नीति नहीं है और वो तो ड्राफ्ट है और लोगों की क्या मंशा है सभी प्रदेशों के आम जनता की क्या उस पर सुझाव आते हैं उसके बाद जा करके कोई नीति बनेगी।
नई शिक्षा नीति के मसौदे के बारे सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहाः-भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में समिति ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को शुक्रवार को शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था।
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