सीहोर। जीवन और मृत्यु किसी भी जीव के जीवन का कटु सत्य है। लेकिन पिता के पुण्यों का अनुमान पुत्र के कार्य व्यवहार से लगाया जा सकता है। शिवराजसिंह जी ने लोक कल्याण के मार्ग पर आगे बढ़कर लोगों के जीवन में खुशहाली लाने का जो काम किया है, उसमें उनके प्रयास तो हैं ही, उनके पिता के पुण्य भी सहयोगी रहे हैं। यह बात(todayindia)(yogi adityanath)उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के ग्राम जैत स्थित पैत्रृक निवास पर उनके पिता स्व. प्रेमसिंह चौहान को श्रद्धांजलि देते हुए कही। इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री श्री स्वतंत्रदेव सिंह भी उपस्थित थे।(todayindia)(yogi adityanath)
संकल्पों को पूरा करने में योगदान दें
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वाभाविक रूप से जब हमारे परिवार का कोई सदस्य या निकट संबंधी अपनी काया को छोड़ता है, तो लोगों को दुख होता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया भी है और हम सब अपनी संवेदना इस अवसर पर व्यक्त करते हैं। लेकिन संवेदना जताने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम जिनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं, उनके संकल्पों को पूरा करने में मनसा, वाचा, कर्मणा अपना योगदान दें।(todayindia)(yogi adityanath)
पिता के संस्कार प्रभावी
उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिवराज जी के मन में बचपन से ही गरीबों के प्रति, वंचितों के प्रति, अपनी मातृभूमि के लिए, अपने धर्म और संस्कृति के लिए जो भाव रहे हैं, उन्हीं भावों को उन्होंने एक सांसद के रूप में, एक जनप्रतिनिधि के रूप में, युवा मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में फिर एक मुख्यमंत्री के रूप में महसूस किया। उन्होंने अपनी योग्यता और क्षमता के माध्यम से कोटि-कोटि लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने और उनके जीवन में खुशहाली लाने का काम किया है। यह एक सामान्य घटना नहीं है। मुझे लगता है कि यह उनके पिता से प्राप्त संस्कार ही थे, जो श्री चौहान के व्यक्तित्व में दिखाई देते हैं(todayindia)(yogi adityanath)
आप सौभाग्यशाली हैं, नर्मदा तट पर रहने का अवसर मिला
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आप सब बड़े सौभाग्यशाली हैं कि आपको मां नर्मदा के तट पर रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह दुनिया की पहली नदी है, जिसकी परिक्रमा होती है। जिस पवित्र भाव के साथ लोग परिक्रमा करते हैं, वह बहुत अद्भुत है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिवराज जी ने मां नर्मदा की परिक्रमा के साथ भी किनारे पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी चलाया, नदी संरक्षण का प्रयास किया वह प्रेरणादायी है और इसके लिए में शिवराज जी का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण के ऐसे प्रयास यदि हम एक आंदोलन के रूप में कर सकें, तो यह मातृभूमि की बड़ी सेवा होगी।(todayindia)(yogi adityanath)